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'''उदित नारायण झा''' ([[अंग्रेजी]]: Udit Narayan, जन्म: [[1 दिसम्बर]], [[1955]], [[नेपाल]], सप्तरी जिला) एक भारतीय पार्श्व गायक हैं। उन्हें तीन देशीय पुरस्कार तथा पांच फ़िल्म फेयर पुरस्कार मिले हैं। वर्ष [[2009]] में भारत सरकार ने उन्हें पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित किया।
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'''संजय लीला भंसाली''' ([[अंग्रेजी]]: Sanjay Leela Bhansali, जन्म: [[24 फ़रवरी]], [[1963]], [[मुबंई]]) भारतीय फिल्म निर्देशक, निर्माता, स्क्रीनराइटर और संगीत निर्माता हैं। [[2015]] में उन्हें पद्मश्री पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है।
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===परिचय===
 
===परिचय===
उदित नारायण का जन्म [[1 दिसम्बर]] [[1955]] को [[नेपाल]] के सप्तरी जिले मे हुआ। उदित नारायण एक प्रख्यात गायक के रूपमें जाने जाते है नेपाल में और भारत में भी। नेपाली फ़िल्म में उन्होंने बहुत हिट गाने गाए है। उन्होंने घुट काम उम्र ही संगीत सीखना आरंभ कर दिया था। वह हिंदी सिनेमा के एक बेहतरीन गायक हैं। उदित जी का मातृभाषा मैथिली है और वो नेपालके मिथिलांचल इलाके से आते है। जैसे की नेपाल और भारत के बीच बेटी और रोटी का सम्बन्ध है उसी तरह उनका ननिहाल भारत का विहार राज्य में है।
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संजय लीला भंसाली भारतीय फिल्म निर्देशक, निर्माता, स्क्रीनराइटर और संगीत निर्माता हैं। वे फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट आॅफ इंडिया के अल्युमिनाई रहे हैं। उनका बीच का नाम लीला अपनी मां को ट्रिब्यूट देने के लिए रखा। उन्होंने 1999 में एसएलबी फिल्मस नाम से प्रोडक्शन हाउस शुरू किया। उनकी फिल्मों की खास बात यह होती है कि उनकी फिल्मों के सेट बेहद शानदार और महंगे होते हैं। 2015 में उन्हें पद्मश्री पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है। उन्हें कई बार फिल्मफेयर पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है जिसमेें से फिल्म ‘हम दिल दे चुके सनम’, ‘देवदास’, ‘ब्लैक’ के लिए सर्वश्रेष्ठ निर्देशक का फिल्मफेयर पुरस्कार भी शामिल है। उन्हें कई अन्य पुरस्कारों से भी सम्मानित किया जा चुका है।  
====शिक्षा====
 
उदित नारायण ने अपनी प्रारम्भिक पढ़ाई पीबी स्कूल राजबीराज नेपाल से संपन्न की है।
 
====विवाह====
 
उदित नारयण की पहली शादी रंजना नारयण से हुई थी।  लेकिन यह शादी कुछ ही दिन चल सकी।  इसके बाद उन्होंने अपनी पहली पत्नी को तलाक देकर नेपाली फोक सिंगर दीपा नारयण से विवह रचा लिया।  उनके एक बेटा भी है-आदित्य नारयण जोकि एक हिंदी सिनेमा में पार्श्व गायक के रूप में सक्रिय है।  
 
 
===कॅरियर===
 
===कॅरियर===
उदित नारयण ने अपने फ़िल्मी करियर की शुरुआत नेपाली फ़िल्म “सिंदुर” से की। इस फ़िल्म में उन्होंने पार्श्वगायिकी की साल [[1978]] में वह मुंबई आ गए। उदित नारायण को हिंदी सिनेमा में पहला ब्रेक राजेश रोशन ने अपनी फ़िल्म उन्नीस-बीस में दिया था। लेकिन उन्हें सबसे ज्यादा सफलता मिली सुपरहिट फ़िल्म “कयामत से कयामत तक”के गीतों के द्वारा. इस फ़िल्म में उन्होंने “पापा कहते हैं बड़ा नाम करेगा…” जैसे गाने को अपनी आवाज दी। इस गाने के लिए उन्हें पहली बार सर्वश्रेष्ठ पार्श्वगायक का फ़िल्मफेयर अवार्ड मिला।  इसके बाद उन्होंने हिंदी सिनेमा के कई बेहतरीन संगीत निर्देशकों के साथ काम किया। उन्होंने मशहूर संगीतकारों जैसे ए. आर. रहमान, आर. डी. बर्मन, जगजीत सिंह, विशाल भारद्वाज आदि के साथ काम किया। उदित नारायण ने दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे, राजा हिंदुस्तानी, हम दिल दे चुके सनम, लगान, स्वदेश जैसी कई हिट फ़िल्मों के लिए गाने गाए।
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भंसाली ने अपनंे करियर की शुरूआत विधु विनोद चोपड़ा के साथ असिस्टेंट के रूप में की थी और वे फिल्म ‘परिंदा’, [[1942]]  ए लव स्टोरी और करीब के लिए भी काम कर चुके हैं। उन्होंने फिल्म करीब को निर्देशित करने से मना कर दिया और निर्देशक के रूप में अपने करियर की शुरूआत फिल्म ‘खामोशीः द म्यूजिकल’ से की। यह फिल्म कोई खास कमाई तो नहीं कर पाई लेकिन आलोचकों ने इसे काफी सराहा।
 
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उनकी दूसरी फिल्म ‘हम दिल दे चुके सनम’ प्रेम त्रिकोण पर आधारित थी जिसमें ऐश्वर्या राॅय, सलमान खान, अजय देवगन मुख्य भूमिका में थे। इस फिल्म ने भंसाली को फिल्म इंडस्ट्री में स्थापित करने का काम किया और इस फिल्म के जरिए उन्होंने अपने निर्देशन क्षमता की काबिलियत दिखाई। फिल्म काफी सफल हुई और इसने कई पुरस्कार भी जीते। उनकी अगली फिल्म ‘देवदास’ जिसमें शाहरूख खान, [[ऐश्वर्या राय|ऐश्वर्या राॅय]] और [[माधुरी दीक्षित]] मुख्य भूमिका में थे, [[2002]] की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म बनी। भारत की तरफ से यह फिल्म बेस्ट फाॅरेन लैंग्वेज फिल्म के अकेडमी अवार्ड के लिए गई। टाइम मैग्जीन ने इसे दशक की 10 बेहतरीन फिल्मों में आठवें स्थान पर रखा। इसके बाद आई [[अमिताभ बच्चन]] और रानी मुखर्जी की ‘ब्लैक’ टाइम के यूरोप संस्करण में 2005 की 10 बेहतरीन फिल्मों में पांचवे स्थान पर रही। इसके बाद आई फिल्म ‘सांवरिया’ कोई खास कमाल नहीं कर सकी।
उदित नारायण को साल [[2009]] में भारत सरकार द्वारा [[पद्मश्री]] अवार्ड से नवाजा गया था. उदित नारायण की जादू भरी आवाज ने उन्हें तीन बार नेशनल अवार्ड का खिताब दिलाया है। उन्हें सर्वश्रेष्ठ पार्श्वगायक का राष्ट्रीय पुरस्कार तीन बार मिला है जिसमें साल [[2002]] में फ़िल्म “लगान” के गाने मितवा.. दूसरी बार फ़िल्म “जिंदगी खूबसूरत है” के गाने छोटे-छोटे सपने और तीसरी बार फ़िल्म “स्वदेश” के गाने यह तारा वह तारा.. के लिए उन्हें यह खिताब दिया गया। इसके साथ ही उन्हें पांच बार सर्वश्रेष्ठ पार्श्वगायक का फ़िल्मफेयर अवार्ड भी दिया गया है। उन्हें यह अवार्ड फ़िल्म कयामत से कयामत तक, दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे, राजा हिंदुस्तानी, हम दिल दे चुके सनम, लगान जैसे सुपरहिट फ़िल्मों के लिए मिले। साथ ही उनकी झोली में और भी कई पुरस्कार शामिल हैं. उदित नारायण अब तक 30 भाषाओं में करीब 15 हजार गीत गा चुके हैं।
 
  
===टीवी कॅरियर===
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[[2006]] में भंसाली ने छोटे पर्दे पर दस्तक दी और फराह खान और शिल्पा शेट्टी के साथ रियलटी टीवी शो झलक दिखला जा में जज की भूमिका में दिखाई दिए। वे अपने काम के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर के आलोचकों से तारीफें बटोर चुके हैं।
उन्होंने अपने टीवी करियर की शुरुआत इंडियन आइडल सीजन 3 से की थी।  इस सीजन में उनके साथ शो में अनु मलिक और अलीशा चिनॉय भी नजर आयीं थी।  उसके बाद सोनी टीवी के वॉर परिवार में जज के तौर पर नजर आ चुके हैं।
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वे इंडियन म्यूजिक टैलेंट शो एक्स फैक्टर के पहले सीजन में जज भी रह चुके हैं।  
  
उदित नारायण एक प्रख्यात गायक के रूपमें जाने जाते है नेपाल में और भारत में भी। नेपाली फिल्म में उन्होंने बहुत हीट गाने गाए है। और उनका गीत अधिकतर लोगोको पसंद है। उनका स्वर में जादू है। वे किशोर अबस्था से ही गायन कला के क्षेत्र में लग गये थे जो की आज इस मुकाम पर है पूरी बोल्लीवुड में उनका एक बेहत्तर गायक माना जाता है आज भी। नेपाल में उनका स्वर से तुलना किसी गायक से भ नहीं की जा सकती है अभी के समय में भी। उदित जी का मातृभाषा मैथिली हैं और वो नेपालके मिथिलांचल इलाके से आते हैं। जैसे की नेपाल और भारत के बीच बेटी और रोटी का सम्बन्ध है उसी तरह उनका ननिहाल भारत का विहार राज्य में है।
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प्रसिद्ध फिल्में-
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खामोशीः द म्यूजिकल, हम दिल दे चुके सनम, देवदास, ब्लैक, सांवरिया, गुजारिश, गोलियों की रासलीला रामलीला।
  
90 के दशक में कुछ गिने चुने गायकों की ही आवाज़ सुनाई देती थी जिनमें से एक उदित भी थे. लेक‍िन साल 2008 में फ़िल्म 'टशन' में गाए उनके गाने 'फ़लक तक चल साथ मेरे' के बाद उन्होनें किसी बड़ी फ़िल्म में लीड गाना नहीं गाया है. उनकी गायकी में कुछ वक़्त से लगे इस ब्रेक पर वो कहते हैं, “यह ब्रेक तो भगवान की मर्ज़ी है. 25 सालों तक गाने के बाद अब दूसरे गायकों को लोग मौक़े दे रहे हैं तो इसमें बुरा क्या है?" नेपाल और भारत के बॉर्डर के एक छोटे से गांव में पैदा हुए उद‍ित को रेड‍ियो से शुरू से लगाव था. किसान परिवार से आए उदित को गाने में लाने के लिए रेेडियो ही ज़िम्मेदार था, "उस समय लोगों के पास रेड‍ियो ही हुआ करते थे और मैं जब भी उसमें गाना सुनता तो सोचता कि इस छोटे से बक्‍से के अंदर लोग कैसे चले जाते हैं. मैं भी एक दि‍न इसके अंदर जाऊंगा.” वो कहते हैं, "रेडियो के 100 रूपयों से ही मैंने इंटरमीडियट की पढ़ाई पूरी की और इसी दौरान भारत सरकार की ओर से संगीत की छात्रवृत्‍त‍ि मिली और मैं भारत आ गया."
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टेलीविजन पर निर्माता के रूप में उन्होनंे सरस्वतीचंद्र को प्रोड्यूस किया तो वहीं 2008 में स्टेज ओपेरा पद्मावती के वे निर्देशक भी रहे।
उदित नारायण की कामयाबी का सुरीला सफर आज भी जारी है. आमिर खान, शाहरुख खान, सलमान खान, अजय देवगन, अक्षय कुमार या फिर रितिक रोशन. यह कहना गलत न होगा कि सभी ने उदित नारायण की आवाज के साथ कामयाबी की सीढियां चढ़ीं. तो करते हैं मुलाकात उदित नारायण के साथ. उदित जी इतनी मीठी आवाज है आपकी. इसके कितनी कुदरत की देन समझते हैं और कितना आपने इसे तराशा है? कुरदत की देन को अवश्य होनी चाहिए क्योंकि आवाज ऐसी चीज है जो एक तोहफे के तौर पर मिलती है. जब तक ईश्वर का वरदान नहीं होगा तो आवाज बहुत खूबसूरत नहीं हो सकती है. उसके बाद आपकी मेहनत, भाग्य, ईमानदारी, संयम और आपके चाहने वालों की दुआएं हैं. किसी भी कलाकार को मिली कामयाबी में इन सभी बातों का योगदान होता है.
 

13:00, 11 अगस्त 2017 का अवतरण

संजय लीला भंसाली (अंग्रेजी: Sanjay Leela Bhansali, जन्म: 24 फ़रवरी, 1963, मुबंई) भारतीय फिल्म निर्देशक, निर्माता, स्क्रीनराइटर और संगीत निर्माता हैं। 2015 में उन्हें पद्मश्री पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है।


परिचय

संजय लीला भंसाली भारतीय फिल्म निर्देशक, निर्माता, स्क्रीनराइटर और संगीत निर्माता हैं। वे फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट आॅफ इंडिया के अल्युमिनाई रहे हैं। उनका बीच का नाम लीला अपनी मां को ट्रिब्यूट देने के लिए रखा। उन्होंने 1999 में एसएलबी फिल्मस नाम से प्रोडक्शन हाउस शुरू किया। उनकी फिल्मों की खास बात यह होती है कि उनकी फिल्मों के सेट बेहद शानदार और महंगे होते हैं। 2015 में उन्हें पद्मश्री पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है। उन्हें कई बार फिल्मफेयर पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है जिसमेें से फिल्म ‘हम दिल दे चुके सनम’, ‘देवदास’, ‘ब्लैक’ के लिए सर्वश्रेष्ठ निर्देशक का फिल्मफेयर पुरस्कार भी शामिल है। उन्हें कई अन्य पुरस्कारों से भी सम्मानित किया जा चुका है।

कॅरियर

भंसाली ने अपनंे करियर की शुरूआत विधु विनोद चोपड़ा के साथ असिस्टेंट के रूप में की थी और वे फिल्म ‘परिंदा’, 1942 ए लव स्टोरी और करीब के लिए भी काम कर चुके हैं। उन्होंने फिल्म करीब को निर्देशित करने से मना कर दिया और निर्देशक के रूप में अपने करियर की शुरूआत फिल्म ‘खामोशीः द म्यूजिकल’ से की। यह फिल्म कोई खास कमाई तो नहीं कर पाई लेकिन आलोचकों ने इसे काफी सराहा। उनकी दूसरी फिल्म ‘हम दिल दे चुके सनम’ प्रेम त्रिकोण पर आधारित थी जिसमें ऐश्वर्या राॅय, सलमान खान, अजय देवगन मुख्य भूमिका में थे। इस फिल्म ने भंसाली को फिल्म इंडस्ट्री में स्थापित करने का काम किया और इस फिल्म के जरिए उन्होंने अपने निर्देशन क्षमता की काबिलियत दिखाई। फिल्म काफी सफल हुई और इसने कई पुरस्कार भी जीते। उनकी अगली फिल्म ‘देवदास’ जिसमें शाहरूख खान, ऐश्वर्या राॅय और माधुरी दीक्षित मुख्य भूमिका में थे, 2002 की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म बनी। भारत की तरफ से यह फिल्म बेस्ट फाॅरेन लैंग्वेज फिल्म के अकेडमी अवार्ड के लिए गई। टाइम मैग्जीन ने इसे दशक की 10 बेहतरीन फिल्मों में आठवें स्थान पर रखा। इसके बाद आई अमिताभ बच्चन और रानी मुखर्जी की ‘ब्लैक’ टाइम के यूरोप संस्करण में 2005 की 10 बेहतरीन फिल्मों में पांचवे स्थान पर रही। इसके बाद आई फिल्म ‘सांवरिया’ कोई खास कमाल नहीं कर सकी।

2006 में भंसाली ने छोटे पर्दे पर दस्तक दी और फराह खान और शिल्पा शेट्टी के साथ रियलटी टीवी शो झलक दिखला जा में जज की भूमिका में दिखाई दिए। वे अपने काम के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर के आलोचकों से तारीफें बटोर चुके हैं। वे इंडियन म्यूजिक टैलेंट शो एक्स फैक्टर के पहले सीजन में जज भी रह चुके हैं।

प्रसिद्ध फिल्में- खामोशीः द म्यूजिकल, हम दिल दे चुके सनम, देवदास, ब्लैक, सांवरिया, गुजारिश, गोलियों की रासलीला रामलीला।

टेलीविजन पर निर्माता के रूप में उन्होनंे सरस्वतीचंद्र को प्रोड्यूस किया तो वहीं 2008 में स्टेज ओपेरा पद्मावती के वे निर्देशक भी रहे।