"अकाल तख्त" के अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
छो (Text replace - "==सम्बंधित लिंक==" to "==संबंधित लेख==")
छो (Text replacement - "अर्थात " to "अर्थात् ")
 
(7 सदस्यों द्वारा किये गये बीच के 23 अवतरण नहीं दर्शाए गए)
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
*[[अमृतसर]] [[पंजाब]] राज्य का सबसे महत्वपूर्ण और पवित्र शहर है। अमृतसर के पर्यटन स्थलों में अकाल तख्त का भी महत्त्वपूर्ण स्थान है।
+
{{सूचना बक्सा पर्यटन
 +
|चित्र=Akal-Takht.jpg
 +
|चित्र का नाम=अकाल तख्त
 +
|विवरण=अकाल तख्त, [[अमृतसर]] में [[स्वर्ण मंदिर]] एवं पवित्र सरोवर विशाल परिसर के मध्य स्थित है, जिसका मुख्य प्रवेशद्वार उत्तर दिशा में है।
 +
|राज्य=[[पंजाब]]
 +
|केन्द्र शासित प्रदेश=
 +
|ज़िला=[[अमृतसर ज़िला|अमृतसर]]
 +
|निर्माता=
 +
|स्वामित्व=
 +
|प्रबंधक=
 +
|निर्माण काल=
 +
|स्थापना=
 +
|भौगोलिक स्थिति=[http://maps.google.com/maps?q=31.620556,74.875278&ll=31.620799,74.876128&spn=0.003938,0.010568&t=m&z=17&vpsrc=6&iwloc=near उत्तर- 31° 37' 14.00", पूर्व- 74° 52' 31.00"]
 +
|मार्ग स्थिति=अकाल तख्त अमृतसर रेलवे स्टेशन से 2 किमी की दूरी पर स्थित है।
 +
|मौसम=
 +
|तापमान=
 +
|प्रसिद्धि=परिसर में और भी अनेक महत्त्वपूर्ण भवन एवं छोटे [[गुरुद्वारे अमृतसर|गुरुद्वारे]] हैं।
 +
|कब जाएँ=
 +
|कैसे पहुँचें=हवाई जहाज़, रेल, बस आदि
 +
|हवाई अड्डा=राजा सांसी हवाई अड्डा, श्री गुरु राम दास जी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा
 +
|रेलवे स्टेशन=अमृतसर रेलवे स्टेशन
 +
|बस अड्डा=अमृतसर बस अड्डा
 +
|यातायात=टैक्सी, ऑटो रिक्शा, रिक्शा
 +
|क्या देखें=
 +
|कहाँ ठहरें=होटल, अतिथि ग्रह, धर्मशाला
 +
|क्या खायें=
 +
|क्या ख़रीदें=
 +
|एस.टी.डी. कोड=0183
 +
|ए.टी.एम=लगभग सभी
 +
|सावधानी=
 +
|मानचित्र लिंक=[http://maps.google.com/maps?saddr=amritsar+railway+station&daddr=Sri+Akal+Takht+Sahib&hl=en&sll=31.643066,74.863053&sspn=0.062987,0.169086&geocode=FQmo4gEduEZ2BCGPY3I6Z1sGwg%3BFTR-4gEd04F2BCElQWVf8l7Mtw&vpsrc=0&mra=ls&t=m&z=15 गूगल मानचित्र]
 +
|संबंधित लेख=[[स्वर्ण मंदिर]], [[जलियाँवाला बाग़]], [[खरउद्दीन मस्जिद अमृतसर|खरउद्दीन मस्जिद]], [[बाघा बॉर्डर अमृतसर|बाघा बॉर्डर]], [[हाथी गेट मंदिर अमृतसर|हाथी गेट मंदिर]], [[रणजीत सिंह संग्रहालय अमृतसर|रणजीत सिंह संग्रहालय]]
 +
|शीर्षक 1=
 +
|पाठ 1=
 +
|शीर्षक 2=
 +
|पाठ 2=
 +
|अन्य जानकारी=[[हरिमंदिर साहिब]] के सामने स्थित यह सफ़ेद भवन सामाजिक नीतियों तथा धार्मिक विषयों का सर्वोच्च आसन है।
 +
|बाहरी कड़ियाँ=
 +
|अद्यतन={{अद्यतन|19:25, 23 फ़रवरी 2016 (IST)}}
 +
}}
 +
'''अकाल तख्त''' ([[पंजाबी भाषा]] का [[शब्द (व्याकरण)|शब्द]], अर्थात् कालातीत का सिंहासन), [[सिक्ख धर्म|सिक्‍ख समुदाय]] की धार्मिक सत्‍ता का प्रमुख केंद्र है। अकाल तख्‍त [[अमृतसर]] शहर, सिक्‍खों के प्रमुख पूजा स्‍थल हरिमंदिर या [[स्वर्ण मन्दिर|स्‍वर्णमंदिर]] के सामने स्‍थित है, यह शिरोमणी अकाली दल (अग्रणी अकाली दल) का मुख्‍यालय भी है, जो सिक्‍खों में सर्वाधिक प्रभावशाली है। इसी प्रकार के सत्‍ता-केन्‍द्र आनंदपुर, [[पटियाला]] (पंजाब), [[पटना]] ([[बिहार]]) और [[नांदेड़]] ([[महाराष्ट्र]]), में भी है। 1984 में स्‍वर्णमंदिर पर अधिकार करने वाले सिक्‍ख आतंकवादियों को निकाल बाहर करने के लिए किए गए [[ऑपरेशन ब्ल्यू स्टार]] में अकाल तख्‍त को भारी नुकसान पहुँचा था।
 +
==इतिहास==
 +
1708 में जब [[गुरु गोविन्द सिंह]] ने घोषणा की कि व्‍यक्‍तिगत गुरुओं (धार्मिक मार्ग निर्देशकों) की परंपरा समाप्‍त हो गई है, तब गुरु की सत्‍ता धर्मग्रंथ आदिग्रंथ में मानवीकृत मान ली गई। व्‍याख्‍या संबंधित हर विवाद पूरे सिक्‍ख समुदाय को मिलकर सुलझना होता है।  [[चित्र:Sri-Akal-Takht-Sahib.jpg|thumb|250px|अकाल तख्त और [[स्वर्ण मन्दिर]], [[अमृतसर]]|left]] अमृतसर में होने वाले वार्षिक या अर्द्ध वार्षिक बैठकों में निर्णय लिए जाते हैं, जिनमें अपने निर्वाचित नेताओं के साथ विभिन्‍न समूह अकाल तख्‍त के सामने की खुली जगह पर एकत्र होते हैं। सभी फैसले सर्वसम्‍मति से किए जाते हैं, इसके बाद वे गुरुमत (गुरुओं का निर्णय) बन जाते हैं और सभी सिक्‍खों पर लागू होते हैं। 1809 तक अकाल तख्‍त की बैठकों में राजनीतिक और धार्मिक निर्णय लिए जाते थे। इसी वर्ष नवगठित सिक्‍ख राज्‍य के प्रमुख [[महाराजा रणजीत सिंह]] ने राजनीतिक गुरुमतों को समाप्‍त कर दिया और सिक्‍खों तथा गैर सिक्‍खों, दोनों से परामर्श लेने लगे।
 +
==विशेषताएँ==
 
*अकाल तख्त, [[स्वर्ण मंदिर]] एवं पवित्र सरोवर विशाल परिसर के मध्य स्थित है, जिसका मुख्य प्रवेशद्वार उत्तर दिशा में है। इस द्वार पर एक क्लॉक टॉवर बना है। मंदिर में प्रवेश करते समय सिर पर पगड़ी या कोई कपड़ा या टोपी अवश्य होनी चाहिए। अंदर सरोवर के आसपास संगमरमर का बना परिक्रमा पथ है।  
 
*अकाल तख्त, [[स्वर्ण मंदिर]] एवं पवित्र सरोवर विशाल परिसर के मध्य स्थित है, जिसका मुख्य प्रवेशद्वार उत्तर दिशा में है। इस द्वार पर एक क्लॉक टॉवर बना है। मंदिर में प्रवेश करते समय सिर पर पगड़ी या कोई कपड़ा या टोपी अवश्य होनी चाहिए। अंदर सरोवर के आसपास संगमरमर का बना परिक्रमा पथ है।  
*मंदिर परिसर में दिनभर गुरुवाणी की कर्णप्रिय गूंज सुनाई देती रहती है। परिसर में और भी अनेक महत्वपूर्ण भवन एवं छोटे [[गुरुद्वारे अमृतसर|गुरुद्वारे]] हैं। इनमें सबसे प्रमुख अकाल तख्त है। [[हरिमंदिर साहिब]] के सामने स्थित यह सफेद भवन सामाजिक नीतियों तथा धार्मिक विषयों का सर्वोच्च आसन है।  
+
*मंदिर परिसर में दिनभर गुरुवाणी की कर्णप्रिय गूंज सुनाई देती रहती है। परिसर में और भी अनेक महत्त्वपूर्ण भवन एवं छोटे [[गुरुद्वारे अमृतसर|गुरुद्वारे]] हैं। इनमें सबसे प्रमुख अकाल तख्त है। [[हरिमंदिर साहिब]] के सामने स्थित यह सफ़ेद भवन सामाजिक नीतियों तथा धार्मिक विषयों का सर्वोच्च आसन है।
*अकाल तख्त से जारी प्रत्येक आज्ञा हर सिक्ख के लिए अनुकरणीय होती है। अकाल तख्त की स्थापना छठे गुरु गुरु हरगोविंद सिंह जी ने की थी। भवन में गुरुओं के पुराने अस्त्र-शस्त्र, भेंट में प्राप्त मूल्यवान वस्तुएं तथा आभूषण आदि भी रखे हैं।  
+
*अकाल तख्त से जारी प्रत्येक आज्ञा हर [[सिक्ख]] के लिए अनुकरणीय होती है। अकाल तख्त की स्थापना सिक्खों के छठे गुरु [[गुरु हरगोविंद सिंह|गुरु हरगोविंद सिंह जी]] ने की थी। भवन में गुरुओं के पुराने [[अस्त्र शस्त्र]], भेंट में प्राप्त मूल्यवान वस्तुएँ तथा [[आभूषण]] आदि भी रखे हैं।  
*यहीं कोठा साहिब नामक वह स्थान भी है, जहां गुरुग्रंथ साहिब को रात्रि के समय सुखासन के लिए लाया जाता है।  
+
*21वीं शताब्‍दी में सिक्‍ख सिद्धांतों या आचरण के नियमों की व्‍याख्‍या से संबंधित गैर राजनीतिक विषयों पर स्‍थानीय सभाओं के निर्णयों के ख़िलाफ़ अकाल तख्‍त में अपील की जा सकती है, वहाँ लिए गए निर्णय हुक्‍मनामा (आदेश) के रूप में निकाले जाते हैं। अकाल तख्‍त द्वारा जारी हुक्‍मनामा सभी सिक्‍खों के लिए बाध्‍य होता है।
*प्रात:काल तीन बजे यहीं से गुरुग्रंथ साहिब की सवारी उसी सम्मान से हरिमंदिर साहिब ले जाई जाती है। अकाल तख्त के सामने दो निशान साहिब भी स्थापित हैं।  
+
*यहीं पर कोठा साहिब नामक वह स्थान भी है, जहाँ [[गुरु ग्रंथ साहिब]] को रात्रि के समय सुखासन के लिए लाया जाता है।  
 +
*प्रात:काल 3 बजे यहीं से गुरु ग्रंथ साहिब की सवारी उसी सम्मान से हरिमंदिर साहिब ले जाई जाती है। अकाल तख्त के सामने दो निशान साहिब भी स्थापित हैं।  
 
*अकाल तख्त के गुंबद पर भी सुनहरी चमक मौजूद है।
 
*अकाल तख्त के गुंबद पर भी सुनहरी चमक मौजूद है।
 +
[[चित्र:Akal-Takht-3.jpg|thumb|250px|अकाल तख्त और [[स्वर्ण मन्दिर]], [[अमृतसर]]|left]]
 +
[[चित्र:Akal-Takht-at-Night-6.jpg|thumb|250px|अकाल तख्त रात का नजारा [[अमृतसर]]|left]]
 +
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
 +
==वीथिका==
 +
<gallery>
 +
चित्र:Akal-Takht-5.jpg|अकाल तख्त, [[अमृतसर]]
 +
चित्र:Akal-Takht-4.jpg|अकाल तख्त, [[अमृतसर]]
 +
चित्र:Akal-Takht-Sahib-7.jpg|अकाल तख्त, [[अमृतसर]]
 +
चित्र:Akal-Takht-Sahib-8.jpg|अकाल तख्त, [[अमृतसर]]
 +
चित्र:Akal-Takht-7.jpg|अकाल तख्त, [[अमृतसर]]
 +
</gallery>
 
==संबंधित लेख==
 
==संबंधित लेख==
 
{{पंजाब के पर्यटन स्थल}}
 
{{पंजाब के पर्यटन स्थल}}
पंक्ति 12: पंक्ति 67:
 
[[Category:पंजाब के पर्यटन स्थल]]
 
[[Category:पंजाब के पर्यटन स्थल]]
 
[[Category:अमृतसर]]
 
[[Category:अमृतसर]]
 +
[[Category:पंजाब]]
 
__INDEX__
 
__INDEX__

07:52, 7 नवम्बर 2017 के समय का अवतरण

अकाल तख्त
अकाल तख्त
विवरण अकाल तख्त, अमृतसर में स्वर्ण मंदिर एवं पवित्र सरोवर विशाल परिसर के मध्य स्थित है, जिसका मुख्य प्रवेशद्वार उत्तर दिशा में है।
राज्य पंजाब
ज़िला अमृतसर
भौगोलिक स्थिति उत्तर- 31° 37' 14.00", पूर्व- 74° 52' 31.00"
मार्ग स्थिति अकाल तख्त अमृतसर रेलवे स्टेशन से 2 किमी की दूरी पर स्थित है।
प्रसिद्धि परिसर में और भी अनेक महत्त्वपूर्ण भवन एवं छोटे गुरुद्वारे हैं।
कैसे पहुँचें हवाई जहाज़, रेल, बस आदि
हवाई अड्डा राजा सांसी हवाई अड्डा, श्री गुरु राम दास जी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा
रेलवे स्टेशन अमृतसर रेलवे स्टेशन
बस अड्डा अमृतसर बस अड्डा
यातायात टैक्सी, ऑटो रिक्शा, रिक्शा
कहाँ ठहरें होटल, अतिथि ग्रह, धर्मशाला
एस.टी.डी. कोड 0183
ए.टी.एम लगभग सभी
Map-icon.gif गूगल मानचित्र
संबंधित लेख स्वर्ण मंदिर, जलियाँवाला बाग़, खरउद्दीन मस्जिद, बाघा बॉर्डर, हाथी गेट मंदिर, रणजीत सिंह संग्रहालय


अन्य जानकारी हरिमंदिर साहिब के सामने स्थित यह सफ़ेद भवन सामाजिक नीतियों तथा धार्मिक विषयों का सर्वोच्च आसन है।
अद्यतन‎

अकाल तख्त (पंजाबी भाषा का शब्द, अर्थात् कालातीत का सिंहासन), सिक्‍ख समुदाय की धार्मिक सत्‍ता का प्रमुख केंद्र है। अकाल तख्‍त अमृतसर शहर, सिक्‍खों के प्रमुख पूजा स्‍थल हरिमंदिर या स्‍वर्णमंदिर के सामने स्‍थित है, यह शिरोमणी अकाली दल (अग्रणी अकाली दल) का मुख्‍यालय भी है, जो सिक्‍खों में सर्वाधिक प्रभावशाली है। इसी प्रकार के सत्‍ता-केन्‍द्र आनंदपुर, पटियाला (पंजाब), पटना (बिहार) और नांदेड़ (महाराष्ट्र), में भी है। 1984 में स्‍वर्णमंदिर पर अधिकार करने वाले सिक्‍ख आतंकवादियों को निकाल बाहर करने के लिए किए गए ऑपरेशन ब्ल्यू स्टार में अकाल तख्‍त को भारी नुकसान पहुँचा था।

इतिहास

1708 में जब गुरु गोविन्द सिंह ने घोषणा की कि व्‍यक्‍तिगत गुरुओं (धार्मिक मार्ग निर्देशकों) की परंपरा समाप्‍त हो गई है, तब गुरु की सत्‍ता धर्मग्रंथ आदिग्रंथ में मानवीकृत मान ली गई। व्‍याख्‍या संबंधित हर विवाद पूरे सिक्‍ख समुदाय को मिलकर सुलझना होता है।

अमृतसर में होने वाले वार्षिक या अर्द्ध वार्षिक बैठकों में निर्णय लिए जाते हैं, जिनमें अपने निर्वाचित नेताओं के साथ विभिन्‍न समूह अकाल तख्‍त के सामने की खुली जगह पर एकत्र होते हैं। सभी फैसले सर्वसम्‍मति से किए जाते हैं, इसके बाद वे गुरुमत (गुरुओं का निर्णय) बन जाते हैं और सभी सिक्‍खों पर लागू होते हैं। 1809 तक अकाल तख्‍त की बैठकों में राजनीतिक और धार्मिक निर्णय लिए जाते थे। इसी वर्ष नवगठित सिक्‍ख राज्‍य के प्रमुख महाराजा रणजीत सिंह ने राजनीतिक गुरुमतों को समाप्‍त कर दिया और सिक्‍खों तथा गैर सिक्‍खों, दोनों से परामर्श लेने लगे।

विशेषताएँ

  • अकाल तख्त, स्वर्ण मंदिर एवं पवित्र सरोवर विशाल परिसर के मध्य स्थित है, जिसका मुख्य प्रवेशद्वार उत्तर दिशा में है। इस द्वार पर एक क्लॉक टॉवर बना है। मंदिर में प्रवेश करते समय सिर पर पगड़ी या कोई कपड़ा या टोपी अवश्य होनी चाहिए। अंदर सरोवर के आसपास संगमरमर का बना परिक्रमा पथ है।
  • मंदिर परिसर में दिनभर गुरुवाणी की कर्णप्रिय गूंज सुनाई देती रहती है। परिसर में और भी अनेक महत्त्वपूर्ण भवन एवं छोटे गुरुद्वारे हैं। इनमें सबसे प्रमुख अकाल तख्त है। हरिमंदिर साहिब के सामने स्थित यह सफ़ेद भवन सामाजिक नीतियों तथा धार्मिक विषयों का सर्वोच्च आसन है।
  • अकाल तख्त से जारी प्रत्येक आज्ञा हर सिक्ख के लिए अनुकरणीय होती है। अकाल तख्त की स्थापना सिक्खों के छठे गुरु गुरु हरगोविंद सिंह जी ने की थी। भवन में गुरुओं के पुराने अस्त्र शस्त्र, भेंट में प्राप्त मूल्यवान वस्तुएँ तथा आभूषण आदि भी रखे हैं।
  • 21वीं शताब्‍दी में सिक्‍ख सिद्धांतों या आचरण के नियमों की व्‍याख्‍या से संबंधित गैर राजनीतिक विषयों पर स्‍थानीय सभाओं के निर्णयों के ख़िलाफ़ अकाल तख्‍त में अपील की जा सकती है, वहाँ लिए गए निर्णय हुक्‍मनामा (आदेश) के रूप में निकाले जाते हैं। अकाल तख्‍त द्वारा जारी हुक्‍मनामा सभी सिक्‍खों के लिए बाध्‍य होता है।
  • यहीं पर कोठा साहिब नामक वह स्थान भी है, जहाँ गुरु ग्रंथ साहिब को रात्रि के समय सुखासन के लिए लाया जाता है।
  • प्रात:काल 3 बजे यहीं से गुरु ग्रंथ साहिब की सवारी उसी सम्मान से हरिमंदिर साहिब ले जाई जाती है। अकाल तख्त के सामने दो निशान साहिब भी स्थापित हैं।
  • अकाल तख्त के गुंबद पर भी सुनहरी चमक मौजूद है।
अकाल तख्त रात का नजारा अमृतसर
पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

वीथिका

संबंधित लेख