चित्र:Raskhan-2.jpg

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चित्र जानकारी
विवरण (Description) रसखान के दोहे महावन, मथुरा
दिनांक (Date) वर्ष - 2009
प्रयोग अनुमति (Permission) © brajdiscovery.org
अन्य विवरण हिन्दी साहित्य में कृष्ण भक्त तथा रीतिकालीन कवियों में रसखान का महत्त्वपूर्ण स्थान है। 'रसखान' को रस की ख़ान कहा जाता है। इनके काव्य में भक्ति, श्रृगांर रस दोनों प्रधानता से मिलते हैं। रसखान कृष्ण भक्त हैं और प्रभु के सगुण और निर्गुण निराकार रूप के प्रति श्रद्धालु हैं। रसखान के सगुण कृष्ण लीलाएं करते हैं।




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दिनांक/समयअंगुष्ठ नखाकार (थंबनेल)आकारप्रयोक्ताटिप्पणी
वर्तमान15:42, 19 मार्च 201015:42, 19 मार्च 2010 के संस्करण का अंगूठाकार प्रारूप।1,200 × 902 (250 KB)Maintenance script (चर्चा | योगदान)Importing image file