नन्दिनी नवमी व्रत

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  • भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लिखित हिन्दू धर्म का एक व्रत संस्कार है।
  • मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष की नवमी को यह व्रत किया जाता है।
  • इस व्रत में दुर्गा की पूजा की जाती है।
  • वर्ष को दो भागों में बाँटा जाता है।
  • तीन दिनों तक उपवास रखा जाता है।
  • 6 मासों की अवधि में विभिन्न पुष्प एवं विभिन्न नाम लिये जाते हैं।
  • कर्ता स्वर्ग को जाता है और शक्तिशाली राजा के रूप में लौटता है।[1]

 

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. कृत्यकल्पतरु (व्रत0, 3202-303)। देखिए ऊपर 'त्रितयप्रदानसप्तमी'।

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