पापनाशिनी सप्तमी

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
व्यवस्थापन (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 09:52, 21 मार्च 2011 का अवतरण (Text replace - "==टीका टिप्पणी और संदर्भ==" to "{{संदर्भ ग्रंथ}} ==टीका टिप्पणी और संदर्भ==")
(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
  • भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लिखित हिन्दू धर्म का एक व्रत संस्कार है।
  • जब शुक्ल पक्ष सप्तमी हस्त नक्षत्र में पड़ती है तो वह अति पवित्र सप्तमी कहलाती है।
  • उस दिन सूर्य पूजा की जाती है।
  • कर्ता सभी पापों से मुक्त हो जाता है और वह देवलोक को जाता है।[1]
  • यह योग श्रावण कृष्ण पक्ष में पड़ता है, ऐसा हेमाद्रि व्रतखण्ड का कथन है।

 

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. कृत्यकल्पतरु (व्रत॰ 145-146); हेमाद्रि (व्रतखण्ड 1, 740-741, भविष्य पुराण, ब्राह्मपर्व 016|4-14)।

अन्य संबंधित लिंक