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उदित नारायण झा (अंग्रेजी: Udit Narayan, जन्म: 1 दिसम्बर, 1955, नेपाल, सप्तरी जिला) एक भारतीय पार्श्व गायक हैं। उन्हें तीन देशीय पुरस्कार तथा पांच फ़िल्म फेयर पुरस्कार मिले हैं। वर्ष 2009 में भारत सरकार ने उन्हें पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित किया।

परिचय

उदित नारायण का जन्म 1 दिसम्बर 1955 को नेपाल के सप्तरी जिले मे हुआ। उदित नारायण एक प्रख्यात गायक के रूपमें जाने जाते है नेपाल में और भारत में भी। नेपाली फ़िल्म में उन्होंने बहुत हिट गाने गाए है। उन्होंने घुट काम उम्र ही संगीत सीखना आरंभ कर दिया था। वह हिंदी सिनेमा के एक बेहतरीन गायक हैं। उदित जी का मातृभाषा मैथिली है और वो नेपालके मिथिलांचल इलाके से आते है। जैसे की नेपाल और भारत के बीच बेटी और रोटी का सम्बन्ध है उसी तरह उनका ननिहाल भारत का विहार राज्य में है।

शिक्षा

उदित नारायण ने अपनी प्रारम्भिक पढ़ाई पीबी स्कूल राजबीराज नेपाल से संपन्न की है।

विवाह

उदित नारयण की पहली शादी रंजना नारयण से हुई थी। लेकिन यह शादी कुछ ही दिन चल सकी। इसके बाद उन्होंने अपनी पहली पत्नी को तलाक देकर नेपाली फोक सिंगर दीपा नारयण से विवह रचा लिया। उनके एक बेटा भी है-आदित्य नारयण जोकि एक हिंदी सिनेमा में पार्श्व गायक के रूप में सक्रिय है।

कॅरियर

उदित नारयण ने अपने फ़िल्मी करियर की शुरुआत नेपाली फ़िल्म “सिंदुर” से की। इस फ़िल्म में उन्होंने पार्श्वगायिकी की साल 1978 में वह मुंबई आ गए। उदित नारायण को हिंदी सिनेमा में पहला ब्रेक राजेश रोशन ने अपनी फ़िल्म उन्नीस-बीस में दिया था। लेकिन उन्हें सबसे ज्यादा सफलता मिली सुपरहिट फ़िल्म “कयामत से कयामत तक”के गीतों के द्वारा. इस फ़िल्म में उन्होंने “पापा कहते हैं बड़ा नाम करेगा…” जैसे गाने को अपनी आवाज दी। इस गाने के लिए उन्हें पहली बार सर्वश्रेष्ठ पार्श्वगायक का फ़िल्मफेयर अवार्ड मिला। इसके बाद उन्होंने हिंदी सिनेमा के कई बेहतरीन संगीत निर्देशकों के साथ काम किया। उन्होंने मशहूर संगीतकारों जैसे ए. आर. रहमान, आर. डी. बर्मन, जगजीत सिंह, विशाल भारद्वाज आदि के साथ काम किया। उदित नारायण ने दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे, राजा हिंदुस्तानी, हम दिल दे चुके सनम, लगान, स्वदेश जैसी कई हिट फ़िल्मों के लिए गाने गाए।

उदित नारायण को साल 2009 में भारत सरकार द्वारा पद्मश्री अवार्ड से नवाजा गया था. उदित नारायण की जादू भरी आवाज ने उन्हें तीन बार नेशनल अवार्ड का खिताब दिलाया है। उन्हें सर्वश्रेष्ठ पार्श्वगायक का राष्ट्रीय पुरस्कार तीन बार मिला है जिसमें साल 2002 में फ़िल्म “लगान” के गाने मितवा.. दूसरी बार फ़िल्म “जिंदगी खूबसूरत है” के गाने छोटे-छोटे सपने और तीसरी बार फ़िल्म “स्वदेश” के गाने यह तारा वह तारा.. के लिए उन्हें यह खिताब दिया गया। इसके साथ ही उन्हें पांच बार सर्वश्रेष्ठ पार्श्वगायक का फ़िल्मफेयर अवार्ड भी दिया गया है। उन्हें यह अवार्ड फ़िल्म कयामत से कयामत तक, दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे, राजा हिंदुस्तानी, हम दिल दे चुके सनम, लगान जैसे सुपरहिट फ़िल्मों के लिए मिले। साथ ही उनकी झोली में और भी कई पुरस्कार शामिल हैं. उदित नारायण अब तक 30 भाषाओं में करीब 15 हजार गीत गा चुके हैं।

टीवी कॅरियर

उन्होंने अपने टीवी करियर की शुरुआत इंडियन आइडल सीजन 3 से की थी। इस सीजन में उनके साथ शो में अनु मलिक और अलीशा चिनॉय भी नजर आयीं थी। उसके बाद सोनी टीवी के वॉर परिवार में जज के तौर पर नजर आ चुके हैं।

उदित नारायण एक प्रख्यात गायक के रूपमें जाने जाते है नेपाल में और भारत में भी। नेपाली फिल्म में उन्होंने बहुत हीट गाने गाए है। और उनका गीत अधिकतर लोगोको पसंद है। उनका स्वर में जादू है। वे किशोर अबस्था से ही गायन कला के क्षेत्र में लग गये थे जो की आज इस मुकाम पर है पूरी बोल्लीवुड में उनका एक बेहत्तर गायक माना जाता है आज भी। नेपाल में उनका स्वर से तुलना किसी गायक से भ नहीं की जा सकती है अभी के समय में भी। उदित जी का मातृभाषा मैथिली हैं और वो नेपालके मिथिलांचल इलाके से आते हैं। जैसे की नेपाल और भारत के बीच बेटी और रोटी का सम्बन्ध है उसी तरह उनका ननिहाल भारत का विहार राज्य में है।

90 के दशक में कुछ गिने चुने गायकों की ही आवाज़ सुनाई देती थी जिनमें से एक उदित भी थे. लेक‍िन साल 2008 में फ़िल्म 'टशन' में गाए उनके गाने 'फ़लक तक चल साथ मेरे' के बाद उन्होनें किसी बड़ी फ़िल्म में लीड गाना नहीं गाया है. उनकी गायकी में कुछ वक़्त से लगे इस ब्रेक पर वो कहते हैं, “यह ब्रेक तो भगवान की मर्ज़ी है. 25 सालों तक गाने के बाद अब दूसरे गायकों को लोग मौक़े दे रहे हैं तो इसमें बुरा क्या है?" नेपाल और भारत के बॉर्डर के एक छोटे से गांव में पैदा हुए उद‍ित को रेड‍ियो से शुरू से लगाव था. किसान परिवार से आए उदित को गाने में लाने के लिए रेेडियो ही ज़िम्मेदार था, "उस समय लोगों के पास रेड‍ियो ही हुआ करते थे और मैं जब भी उसमें गाना सुनता तो सोचता कि इस छोटे से बक्‍से के अंदर लोग कैसे चले जाते हैं. मैं भी एक दि‍न इसके अंदर जाऊंगा.” वो कहते हैं, "रेडियो के 100 रूपयों से ही मैंने इंटरमीडियट की पढ़ाई पूरी की और इसी दौरान भारत सरकार की ओर से संगीत की छात्रवृत्‍त‍ि मिली और मैं भारत आ गया." उदित नारायण की कामयाबी का सुरीला सफर आज भी जारी है. आमिर खान, शाहरुख खान, सलमान खान, अजय देवगन, अक्षय कुमार या फिर रितिक रोशन. यह कहना गलत न होगा कि सभी ने उदित नारायण की आवाज के साथ कामयाबी की सीढियां चढ़ीं. तो करते हैं मुलाकात उदित नारायण के साथ. उदित जी इतनी मीठी आवाज है आपकी. इसके कितनी कुदरत की देन समझते हैं और कितना आपने इसे तराशा है? कुरदत की देन को अवश्य होनी चाहिए क्योंकि आवाज ऐसी चीज है जो एक तोहफे के तौर पर मिलती है. जब तक ईश्वर का वरदान नहीं होगा तो आवाज बहुत खूबसूरत नहीं हो सकती है. उसके बाद आपकी मेहनत, भाग्य, ईमानदारी, संयम और आपके चाहने वालों की दुआएं हैं. किसी भी कलाकार को मिली कामयाबी में इन सभी बातों का योगदान होता है.