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{न्यूज पेपर '[[बंगाल गजट]]' के संस्थापक का क्या नाम है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-192,प्रश्न-57
 
|type="()"}
 
-डेविड ओगील्वी
 
+जेम्स आगस्ट
 
-वोल्नी बी. पालमर
 
-ए.डब्ल्यू. अय्यर
 
||भारतवर्ष में प्रकाशित पहला अख़बार '[[बंगाल गजट]]' है जो वर्ष 1780 में [[अंग्रेज]] (आयरिश) जेम्स आगस्ट हेकीज द्वारा [[कलकत्ता]] से प्रकाशित किया गया था। अत: इसी समय से [[कोलकाता]] में पहली छपाई मशीन की शुरुआत हुई।
 
 
{[[जैन चित्रकला]] कहलाती है- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-44,प्रश्न-30
 
|type="()"}
 
-भित्ति चित्र
 
+पोथी चित्र
 
-लद्यु चित्र
 
-पट चित्र
 
||[[जैन चित्रकला]] 'पोथी चित्रकला' भी कहलाती है। इसका विकास 1100 ई. से 1500 ई. के [[गुजरात]], [[अहमदाबाद]] तथा मरवाड़ के आस-पास में हुआ है। [[जैन चित्रकला]] शैली को विवादित रूप में '[[गुजरात चित्रकला|गुजरात शैली]]', 'पश्चिम भारतीय शैली' तथा 'अपभ्रंश शैली' के नामों से भी जाना जाता है। डॉ. आनंद कुमारस्वामी ने इस शैली का नाम लामा तारानाथ के द्वारा दिए गए नाम 'पश्चिमी-भारत शैली' का समर्थन करते हुए इस शैली का नवीन नाम 'पश्चिम भारतीय शैली' माना है।
 
 
{कौन-सा पहाड़ी शैली के चित्रों का केंद्र नहीं है- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-50,प्रश्न-28
 
|type="()"}
 
-[[बसौली]]
 
-[[गुलेरी चित्रकला|गुलेर]]
 
+[[मेवाड़ की चित्रकला (तकनीकी)|मेवाड़]]
 
-[[कांगड़ा चित्रकला|कांगड़ा]]
 
||[[मेवाड़ चित्रकला]] शैली का संबंध [[राजस्थानी चित्रकला]] शैली से था बसौली, गुलेर तथा कांगड़ा पहाड़ी शैली के अंतर्गत आते हैं।
 
 
{[[जहांगीर]] अपने समय में सबसे अच्छा [[चित्रकार]]  किसे मानता था? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-61,प्रश्न-36
 
|type="()"}
 
-[[उस्ताद मंसूर]]
 
-अबुल फजल को
 
+अबुल हसन को
 
-[[बसावन]] को
 
 
{'[[अकबर]]' की चित्रशाला में कुल कितने गुजराती [[चित्रकार]] थे? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-69,प्रश्न-84
 
|type="()"}
 
-सात
 
-आठ
 
+छ:
 
-चार
 
||[[अकबर]] की चित्रशाला में कुल छ: गुजराती चित्रकार थे। अकबर के दरबार में अधिकांश चित्रकार कायस्थ, चितेरा, खाती तथा कहार जाति के थे।
 
 
{इनमें [[मूर्तिकार]] कौन है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-81,प्रश्न-28
 
|type="()"}
 
+[[देवी प्रसाद रायचौधरी]]
 
-ईश्वरी प्रसाद
 
-सुधीर रंजन खास्तगीर
 
-मुकुल डे
 
||[[देवी प्रसाद राय चौधरी]] भारत के प्रसिद्ध चित्रकार, [[मूर्तिकार]] एवं ललित कला अकादमी के संस्थापक अध्यक्ष थे। इनका जन्म [[15 जून]], 1899 मीरपुर (अब पाकिस्तान में है) में हुअा था। इन्हें [[भारत सरकार]] द्वारा [[1958]] में [[पद्म भूषण]] से सम्मानित किया गया है। {{point}} '''अधिक जानकारी के लिए देखें-:''' [[देवी प्रसाद रायचौधरी]]
 
 
{'हरिपुरा पैनल' की विषय-वस्तु बताइये? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-81,प्रश्न-35
 
|type="()"}
 
+भारतीय ग्राम्य जीवन
 
-पौराणिक कथायें
 
-[[रामायण]]
 
-[[महाभारत]]
 
 
{एक कवि-चित्रकार जिनकी कर्मभूमि [[शांतिनिकेतन]] थी, हैं- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-85,प्रश्न-60
 
|type="()"}
 
-[[नंदलाल बोस]]
 
-[[देवी प्रसाद रायचौधरी]]
 
+[[रबींद्रनाथ ठाकुर]]
 
-गगनेन्द्रनाथ ठाकुर
 
||आधुनिक [[भारत]] के प्रमुख चित्रकारों में [[रबींद्रनाथ ठाकुर]] की सहज स्फूर्त अंकन पद्धति क्ले के निर्दिष्ट मार्ग का अनुसरण करती है। [[कवि]], लेखक तथा चिंतक एवं पेंटर के रूप में रबीन्द्रनाथ ठाकुर की कर्मभूमि [[शांतिनिकेतन]] थी।
 
 
{किस लैंडस्केप [[चित्रकार]] ने प्रभाववादियों को प्रेरणा दी थी? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-117,प्रश्न-14
 
|type="()"}
 
+टर्नर
 
-क्लॉड
 
-मिले
 
-गोया
 
||इंग्लैंड के भू-दृश्य (लैंडस्केप) चित्रकारों में जोसेफ मैलॉर्ड विलियम टर्नर (1775-1851 ई.) को अद्भुत प्रतिभाशाली एवं संयमी कलाकार माना जाता है। उनका कार्य प्रभाववादियों के लिए एक रोमांटिक प्रस्तावना के रूप में जाना जाता है। वह अपने तैल चित्रों के लिए प्रसिद्ध थे। वर्ष 1839 में उनके द्वारा चित्रित चित्र 'द फाइटिंग टेंपरेरी' तैलीय माध्यम में बनी हुई है। वह ब्रिटिश वाटरकलर लैंडस्केप चित्रकारी के महानतम पुरोधा भी थे। टर्नर ने अपनी [[कला]] के द्वारा प्रकाश का प्रयोग विकसित किया।
 
 
{किस भारतीय कलाकार ने [[2001]] में अपना 100वां वर्ष मनाया? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-146,प्रश्न-63
 
|type="()"}
 
-के.जी. सुब्रमण्यन
 
-सत्येन घोषाल
 
+भावेश सान्याल
 
-अतुल बसु
 
||भावेश सान्याल (B.C. Sanyal) का जन्म [[22 अप्रैल]], [[1901]] की [[असम]] के धुबरी जिले में हुआ था। इस प्रकार वर्ष [[2001]] में उन्होंने अपना 100वां जन्म दिवस मनाया।
 
  
 
{प्रभाववादी चित्रों का भूल उद्देश्य था- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-119,प्रश्न-25
 
{प्रभाववादी चित्रों का भूल उद्देश्य था- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-119,प्रश्न-25

11:54, 16 दिसम्बर 2017 का अवतरण

1 {प्रभाववादी चित्रों का भूल उद्देश्य था- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-119,प्रश्न-25

विषय का भाववादी चित्रण
विषय पर क्षणिक दृष्टि के प्रभाव का चित्रण
विषय पर रंगों की छटा का चित्रण
विषय का सौंदर्यपूर्ण चित्रण

2 अजंता भित्तिचित्रों की रचना किस राजवंश के शासनकाल में हुई? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-31,प्रश्न-21

मौर्य
वाकाटक
शुंग
पल्लव

3 कांगड़ा चित्रकला पर किस शैली का प्रभाव पड़ा? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-74,प्रश्न-15

राजस्थानी
मुगल
जैन
कश्मीरी

4 प्रसिद्ध कलाकृति, 'द लास्ट सपर' के चित्रकार हैं- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-107,प्रश्न-35

लियोनार्डो दा विंची
माइकल एंजेलो
राफेल सौंजियो डयू
अलबर्ट ड्यूरर

5 प्रभाववादी चित्रकार का मुख्य विषय होता है- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-120,प्रश्न-35

तान
वस्तु
रंग
वातावरण और प्रकाश

6 घनवाद से प्रेरणा लेने के उपरांत निजी विशेषता वाले कलाकार का नाम बताइए-(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-129,प्रश्न-38

ब्राक
ओकेनफेन्ट
के.एस. कुलकर्णी
राजकुमार

7 तैयब मेहता का प्रसिद्ध चित्र कौन-सा है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-145,प्रश्न-50

दुर्गा
सरस्वती
काली
रेवती

8 रंग को तकनीकी भाषा में कहते हैं- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-159,प्रश्न-16

ह्यू
वैल्यू
क्रोमा
विबग्योर

9 समान अथवा सामंजस्यपूर्ण अवयवों की पुनरावृत्ति से उत्पन्न निरंतरता को कहते हैं- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-164,प्रश्न-55

एकता
लय
प्रभाविता
संतुलन