भैरव
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भैरव | एक बहुविकल्पी शब्द है अन्य अर्थों के लिए देखें:- भैरव (बहुविकल्पी) |
भैरव का उल्लेख हिन्दू धार्मिक ग्रन्थों में मिलता है। ब्रह्मवैवर्तपुराण के उल्लेखानुसार ये भगवान श्रीकृष्ण के दाहिने नेत्र से प्रकट हुए थे।
- ये हाथों में त्रिशूल और पट्टिश लिये हुए थे तथा इनके तीन नेत्र थे और मस्तक पर चन्द्राकार मुकुट धारण करते थे।
- भैरव विशालकाय तथा दिगम्बर तथा प्रज्वलित अग्निशिखा के समान थे।[1]
- भैरव शिव के समान ही तेजस्वी थे। भैरव के आठ रूप माने गये हैं, जो कि निम्न हैं-
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ ब्रह्मवैवर्त पुराण |प्रकाशक: गोविन्द भवन कार्यालय, गीताप्रेस गोरखपुर |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 36 |
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