एक्स्प्रेशन त्रुटि: अनपेक्षित उद्गार चिन्ह "२"।

मुरला नदी

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
अवनी (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 07:12, 21 सितम्बर 2011 का अवतरण
(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
  • मुरला नदी के उद्गम का उल्लेख कई जगह आता है।
  • एक ही नाम की अलग-अलग जगह पर कई नदियाँ है जो इस प्रकार है:-
  1. मुरला नदी भवभूति-रचित उत्तररामचरित में उल्लिखित एक नदी जो नर्मदा जान पड़ती है। भवभूति ने मुरला तथा तमसा को मानवी के रूप में चित्रित किया है।
  2. मुरला केरल की एक नदी इसका वर्णन कालिदास ने रघुवंश[1] में इस प्रकार किया है:-

'मुरलामारुतोदधूतमगसत्कैतकं रज:
तद्योधवार- वाणानामयत्नपटवासताम्'।

  • टीकाकार ने मुरला की टीका में 'केरल देशेषु काचिन्नदी' लिखा है।
  • कुछ विद्वानों के मत में मुरला संभवत: काली नदी है जिसके तट पर सदाशिवगढ़ बसा है।



पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख