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*एक चन्द्र मास को 30 तिथियों में बांटा गया है।  
 
*एक चन्द्र मास को 30 तिथियों में बांटा गया है।  
*एक चन्द्र मास को दो चरण में भी बांटा गया है।
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*एक चन्द्र मास को दो चरण में भी बांटा गया है, जिसके एक भाग को हम पक्ष कहते हैं-
*जिसके एक भाग को हम 'पक्ष' कहते हैं।
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#शुक्ल पक्ष
*[[अमावस्या]] और [[पूर्णिमा]] के मध्य के चरण को हम 'शुक्ल पक्ष' कहते हैं।  
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#[[कृष्ण पक्ष]]
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*[[अमावस्या]] और [[पूर्णिमा]] के मध्य के चरण को हम शुक्ल पक्ष कहते हैं।  
 
*इन दोनों पक्षो की अपनी अलग आध्यात्मिक विशेषता होती है.
 
*इन दोनों पक्षो की अपनी अलग आध्यात्मिक विशेषता होती है.
 
*नये कार्य की शुरुआत तथा व्यवसाय के विस्तार के लिए शुक्ल पक्ष उपयुक्त होता है।  
 
*नये कार्य की शुरुआत तथा व्यवसाय के विस्तार के लिए शुक्ल पक्ष उपयुक्त होता है।  
 
  
  

09:29, 7 सितम्बर 2010 का अवतरण

  • एक चन्द्र मास को 30 तिथियों में बांटा गया है।
  • एक चन्द्र मास को दो चरण में भी बांटा गया है, जिसके एक भाग को हम पक्ष कहते हैं-
  1. शुक्ल पक्ष
  2. कृष्ण पक्ष
  • अमावस्या और पूर्णिमा के मध्य के चरण को हम शुक्ल पक्ष कहते हैं।
  • इन दोनों पक्षो की अपनी अलग आध्यात्मिक विशेषता होती है.
  • नये कार्य की शुरुआत तथा व्यवसाय के विस्तार के लिए शुक्ल पक्ष उपयुक्त होता है।



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टीका टिप्पणी और संदर्भ