आदित्याभिमुख विधि

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
व्यवस्थापन (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 08:19, 21 मार्च 2011 का अवतरण (Text replace - "==टीका टिप्पणी और संदर्भ==" to "{{संदर्भ ग्रंथ}} ==टीका टिप्पणी और संदर्भ==")
(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
  • भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लिखित हिन्दू धर्म का एक व्रत संस्कार है।
  • इस विधि में प्रातः स्नान के उपरान्त सायंकाल तक सूर्याभिमुख होकर खड़ा रहना चाहिए।[1]
  • किसी स्तम्भ से उठंग कर (सटे रहकर) महाश्वेता मन्त्र का जप करना चाहिए।
  • गन्ध, पुष्प आदि से पूजा करनी चाहिए।
  • दक्षिणा देकर भोजन करना चाहिए।


टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. कृत्यकल्पतरु (व्रतखण्ड 18-19), हेमाद्रि व्रतखण्ड (2, 525-26), कृत्यरत्नाकर (494-495)।

संबंधित लेख