अंडमान निकोबार द्वीप समूह पर्यटन

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रॉस द्वीप, अंडमान

अंडमान और निकोबार द्वीप समूह एक पर्यावरण अनुकूल सुरक्षित पर्यटक स्‍थल के रूप में प्रसिद्ध है। पर्यटक यहाँ सेल्‍यूलर जेल, रॉस द्वीप तथा हैवलॉक द्वीप जैसे विशिष्‍ट स्‍थानों को देखना पसंद करते हैं। अंडमान के उष्‍णकटिबंधीय सदाबहार घने वन, सुंदर रेतीले समुद्र तट, सर्पाकार मैंग्रोव युक्‍त क्रीक, दुर्लभ समुद्री वनस्‍पतियों, जीव-जंतुओं की प्रजातियाँ तथा मूंगे यहाँ पर्यटकों को विशेष रूप से आकर्षित करते हैं। समुद्र तट पर बने रिसार्ट्स, जल क्रीड़ा केंद्र, पानी के साहसिक खेल, ट्रेकिंग, आईलैंड कैंपिंग, प्रकृति के मध्य निवास (नेचर ट्रेल) स्‍कूबा डाइविंग जैसे साहसिक पर्यटन यहाँ उपलब्ध हैं।

इन द्वीपों की यात्रा करने वाले पर्यटकों के रूकने की आरामदायक व्‍यवस्‍था के लिए पर्यटन विभाग की ओर से द्वीपों के विभिन्‍न भागों में विश्राम गृहों की व्यवस्था है। यहाँ के प्रमुख पर्यटक स्‍थलों में नेतृत्‍व संग्रहालय, समुद्री संग्रहालय, जलक्रीड़ा परिसर, गांधी पार्क उत्तरी खाड़ी (नार्थ बे), वाइपर द्वीप, रॉस आईलैंड, चि‍ड़िया टापू (बर्ड वाचिंग), रेडस्किन आईलैंड, कोर्बिन्‍स कोव बीच तथा नील आईलैंड, हैवलॉक आईलैंड, सिंक्‍बे, लघु अंडमान, डिगलीपुर (रॉस एवं स्मिथ) इत्‍यादि हैं।

भारत का एकमात्र सक्रिय ज्वालामुखी क्षेत्र 'बैरन द्वीप' है। यह द्वीप लगभग 3 किमी. में फैला है। यह अण्डमान निकोबार द्वीप समूह की राजधानी पोर्ट ब्लेयर से लगभग 500 किलोमीटर उत्तर पूर्व में 'बंगाल की खाड़ी' में स्थित है| यहाँ ज्वालामुखी में विस्फोट क़रीब 180 साल शान्त रहने के बाद हुए थे। ये विस्फोट 1991, 1994-95 और 2005 में हुए। इस विस्फोट के दौरान इसमें से 2006 तक लगातार लावा निकलता रहा। इसे वन विभाग की आज्ञा लेने के बाद ही देखा जा सकता है।

सेल्‍यूलर जेल

  • इस जेल की अंदरूनी बनावट सेल (कोठरी) जैसी है, इसलिए इसे सेल्यूलर जेल कहा गया है।
  • ब्रिटिश शासन द्वारा भारत के स्वतंत्रता सैनानियों पर होने वाले अत्याचारों की मूक गवाह इस जेल की नींव 1897 में रखी गई थी।
  • सेल्यूलर जेल के अंदर 694 कोठरियां हैं। इन कोठरियों को बनाने का उद्देश्य बंदियों को आपसी मेलजोल से रोकना था।
  • ऑक्टोपस की भांति सात शाखाओं में फैली इस विशाल कारागार के अब केवल तीन अंश बचे हैं।

कार्बिन कोव्स बीच

हरे-भरे वृक्षों से घिरा यह समुद्र तट अंडमान निकोबार द्वीप समूह की राजधानी पोर्ट ब्लेयर का एक मनोरम स्थान है। यहाँ समुद्र में पानी के नीचे की दुनिया को देखा जा सकता है। यहाँ से सूर्यास्त का आकर्षक रूप देखा जा सकता है। यह समुद्र तट अपनी प्राकृतिक सुन्दरता के लिए प्रसिद्ध है।

रॉस द्वीप

  • रॉस द्वीप 200 एकड़ में फैला हुआ है। फीनिक्स उपसागर से नाव के द्वारा रॉस द्वीप पहुंचा जा सकता है।
  • कभी यह ग्रेट अंडमानी आदिवासियों का अधिवास था।
  • अंग्रेजी शासनकाल के दौरान अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह का मुख्यालय रॉस द्वीप में था।
  • अंग्रेजी शासनकाल के दौरान इसे 'पूरब का पेरिस' कहते थे, लेकिन 1941 में आए भूकंप ने इसे बुरी तरह उजाड़ दिया। अब यहाँ कुछ अवशेष ही बचे हैं, लेकिन पर्यटकों की दिलचस्पी इनमें भी रहती है।

पिपोघाट फार्म

80 एकड में फैला पिपोघाट फार्म दुर्लभ प्रजातियों के पेड़-पौधों और जीव- जन्तुओं के लिए जाना जाता है। यहाँ एशिया का सबसे प्राचीन लकड़ी को चीरने की मशीन 'छातास सा मिल' है।

बैरन द्वीप

पोर्ट ब्लेयर का एक दृश्य, अंडमान एवं निकोबार
  • बैरन द्वीपबंगाल की खाड़ी में स्थित है।
  • इसका निर्माण लावा शंकु तथा राख के ढेर से हुआ है।
  • यह अण्डमान एवं निकोबार द्वीप समूह में स्थित है।

डिगलीपुर

  • डिगलीपुर में स्टीमर से मायाबन्दर जाते समय मैंग्रोव खाड़ी के बीचों-बीच से यात्रा करने का अवसर उपलब्ध होता है।
  • डिगलीपुर प्रकृति प्रेमियों को बहुत पसंद आता है। यह स्थान अपने संतरों, चावलों और समुद्री जीवन के लिए प्रसिद्ध है।
  • डिगलीपुर पर अण्डमान की एकमात्र कल्पांग नदी बहती है।

वाइपर द्वीप

वाइपर द्वीप अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह में स्थित है। ब्रिटिश शासन में ग़ुलाम भारत से लाए गए बंदियों को पोर्ट ब्लेयर के पास वाइपर द्वीप में उतारा जाता था। अब यह पर्यटन स्थल के रूप में विकसित हो गया है।

सिंक व रडिस्किन द्वीप

यहाँ के स्वच्छ और निर्मल पानी का सौंदर्य पर्यटकों का मन मोह लेता है। इन द्वीपों में तैरती हुई डाल्फिन मछलियों के झुंड दिखायी देते हैं। शीशे की तरह साफ़ पानी के नीचे जलीय पेड़-पौधे व रंगीन मछलियों को तैरते देखना पर्यटकों के लिए अविस्मरणीय अनुभव है।

माउण्ट हैरियट

  • माउण्ट हैरियट निकोबार द्वीपसमूह की सबसे ऊँची चोटी है।
  • माउण्ट हैरियट पोर्ट ब्लेयर से सड़क द्वारा 55 व नाव द्वारा 15 किमी की दूरी पर स्थित है।
  • यह चोटी सदाबहार वनों से आच्छादित है।
  • वर्तमान में माउण्ट हैरियट 46.62 वर्ग किमी क्षेत्र में नेशनल पार्क के रूप में विस्तृत है और नवम्बर 1996 में इसे आरक्षित वन के रूप में चिह्नित किया गया।


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