अपोहन

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अपोहन (डायलिसिस) वह प्रक्रम है जिसमें कोलाइडी विलयन को चर्मपत्र (पार्चमेंट) के थैले में रखकर बहते हुए पानी में रख देते हैं जिससे क्रिस्टलाभ (क्रिस्टलॉएड्स) अपद्रव्य चर्मपत्र को पार करके बह जाते हैं और शुद्ध कोलाइडी विलयन चर्मपत्र में रहजाता है। जिस उपकरण में अपोहन किया जाता है उसे अपोहक (डायलाइजर) कहते हैं। ठंडे जल के स्थान पर गरम जल प्रयुक्त करने से अपोहन की क्रिया तेज हो जाती है। अपोहन के लिए प्रयुक्त किए जानेवाले चर्मपत्र के थैले के बाहर जल में धन विद्युती तथा ऋण विद्युती दो इलेक्ट्रोड रखने पर अपोहन की क्रिया विद्युत्‌ (इलेक्ट्रो डायलिसस) कहलाती है और बहुत तीव्र होती है।[1]

369-1.jpg अपोहन विद्युत



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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. हिन्दी विश्वकोश, खण्ड 1 |प्रकाशक: नागरी प्रचारिणी सभा, वाराणसी |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 148 |

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