आपे से बाहर होना एक प्रचलित लोकोक्ति अथवा हिन्दी मुहावरा है।
अर्थ- इतना अधिक क्रुद्ध होना कि संयम जाता रहे।
प्रयोग-
- झुनिया संयम हाथ से न जाने देती थी और धनिया आपे से बाहर थी। - (प्रेमचंद)
- उसकी बुरी नियत के बारे में सोचकर वह आपे से बाहर हो गया। - (गुलशन नंदा)
टीका टिप्पणी और संदर्भ
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