केन्द्रीय वित्त आयोग

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें

केन्द्रीय वित्त आयोग (अंग्रेज़ी: Central Financial Commission) के गठन का प्रावधान भारतीय संविधान के अनुच्छेद 280 में है, जिसके अनुसार देश का राष्ट्रपति प्रत्येक 5 वर्ष के बाद और यदि आवश्यकता पड़ी तो उससे पहले भी केंद्रीय वित्त आयोग का गठन कर सकता है।[1]

  • भारतीय संविधान के अनुच्छेद 280 (3) के अंतर्गत केंद्रीय वित्त आयोग निम्नलिखित विषयों के संबंध में राष्ट्रपति को अपनी सिफ़ारिशें प्रस्तुत करेगा-
  1. केंद्र एवं राज्य सरकारों के मध्य कुल निवल प्राप्तियों (कर + प्रशुल्क) के बंटवारे के संबंध में सिफ़ारिश।
  2. भारतीय संचित निधि[2] में से राज्य सरकारों को दी जाने वाली सहायता एवं अनुदान[3] के संबंध में सिफ़ारिशें।
  3. सुदृढ़ वित्त के हित में अन्य विषय जिस पर राष्ट्रपति केंद्रीय वित्त आयोग की सिफ़ारिशें जानना चाहता है, पर अपनी संस्तुति देगा।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. केन्द्रीय वित्त आयोग (हिन्दी) ग्रेडस्टेक। अभिगमन तिथि: 09 मई, 2015।
  2. Consolidated Fund of India
  3. Grant and Aid

संबंधित लेख