घनश्याम लाल जोशी भारत के स्वतंत्रता सेनानी थे। उनका जन्म बेगूं क्षेत्र के सूलमगरा नामक गाँव में एक ग़रीब ब्राह्मण परिवार में हुआ था।
- अपनी किशोरावस्था में ही उन्होंने 'बिजोलिया किसान आन्दोलन' में सक्रिय रूप से भाग लिया था।
- इस आन्दोलन में भागीदारी के कारण बेगूं के राव ने इन्हें बन्दी बना लिया और भयंकर यातनाएँ दीं। इनके परिवार के सदस्यों को भी तंग किया गया।
- घनश्याम लाल जोशी को 1972 ई. में भारत सरकार ने ताम्र पत्र एवं प्रतिमाह पेंशन की राशि भेंटकर सम्मानित किया।[1]
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