चित्र:Bihari-Lal.jpg
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मूल फ़ाइल (2,000 × 2,723 चित्रतत्व, संचिका का आकार: 4.25 MB, माइम प्रकार: image/jpeg)
विवरण (Description) | बिहारी लाल |
स्रोत (Source) | हिन्दी बुक सेंटर |
प्रयोग अनुमति (Permission) | नागरी प्रचारिणी सभा, वाराणसी |
आभार (Credits) | नागरी प्रचारिणी सभा, वाराणसी |
अन्य विवरण | हिन्दी साहित्य के रीति काल के कवियों में बिहारीलाल का नाम महत्त्वपूर्ण है। महाकवि बिहारीलाल का जन्म 1595 के लगभग ग्वालियर में हुआ। |
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फ़ाइल का इतिहास
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दिनांक/समय | अंगुष्ठ नखाकार (थंबनेल) | आकार | प्रयोक्ता | टिप्पणी | |
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वर्तमान | 09:15, 8 मई 2011 | 2,000 × 2,723 (4.25 MB) | गोविन्द राम (चर्चा | योगदान) |
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फ़ाइल का उपयोग
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- उड़ि गुलाल घूँघर भई -बिहारी लाल
- केसरि से बरन सुबरन -बिहारी लाल
- खेलत फाग दुहूँ तिय कौ -बिहारी लाल
- गाहि सरोवर सौरभ लै -बिहारी लाल
- जाके लिए घर आई घिघाय -बिहारी लाल
- जानत नहिं लगि मैं -बिहारी लाल
- नील पर कटि तट -बिहारी लाल
- पहेली 26 अगस्त 2020
- पावस रितु बृन्दावनकी -बिहारी लाल
- बिरहानल दाह दहै तन ताप -बिहारी लाल
- बिहारी लाल
- बौरसरी मधुपान छक्यौ -बिहारी लाल
- ब्रजभाषा साहित्य का इतिहास (काल विभाजन)
- माहि सरोवर सौरभ लै -बिहारी लाल
- मैं अपनौ मनभावन लीनों -बिहारी लाल
- रतनारी हों थारी आँखड़ियाँ -बिहारी लाल
- वंस बड़ौ बड़ी संगति पाइ -बिहारी लाल
- सौंह कियें ढरकौहे से नैन -बिहारी लाल
- हिन्दी सामान्य ज्ञान 26
- है यह आजु बसन्त समौ -बिहारी लाल
- हो झालौ दे छे रसिया नागर पनाँ -बिहारी लाल