नया सवेरा लाना तुम -त्रिलोक सिंह ठकुरेला

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नया सवेरा लाना तुम -त्रिलोक सिंह ठकुरेला
त्रिलोक सिंह ठकुरेला
कवि त्रिलोक सिंह ठकुरेला
जन्म 1 अक्टूबर, 1966
जन्म स्थान नगला मिश्रिया, हाथरस, (उत्तर प्रदेश)
मुख्य रचनाएँ प्रकाशित- नया सवेरा (बाल साहित्य), काव्यगंधा (कुण्डलिया संग्रह)

सम्पादन- आधुनिक हिंदी लघुकथाएँ, कुण्डलिया छंद के सात हस्ताक्षर, कुण्डलिया कानन

इन्हें भी देखें कवि सूची, साहित्यकार सूची
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टिक टिक करती घड़ियाँ कहतीं
मूल्य समय का पहचानो ।
पल पल का उपयोग करो तुम
यह संदेश मेरा मानो ।।

     जो चलते हैं सदा, निरंतर,
     बाज़ी जीत वही पाते ।
     और आलसी रहते पीछे
     मन मसोस कर पछताते ।।

कुछ भी नहीं असंभव जग में
यदि मन में विश्वास अटल ।
शीश झुकायेंगे पर्वत भी,
चरण धोयेगा सागर-जल ।।

     बहुत सो लिये अब तो जागो,
     नया सवेरा लाना तुम ।
     फिर वह समय नहीं आता है
     कभी भूल मत जाना तुम ।।

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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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