नवकेतन फ़िल्म्स

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नवकेतन फ़िल्म्स (अंग्रेज़ी: Navketan Films) की स्थापना सन् 1949 में मशहूर सदाबहार अभिनेता देवानंद और उनके बड़े भाई चेतनानन्द ने की थी। इनके द्वारा निर्मित पहली फ़िल्म 'नीचा नगर' थी, जिसे अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त हुई थी। यह एक संदेशात्मक फ़िल्म थी।

फ़िल्म निर्माण

देवानंद के छोटे भाई विजयानंद ने भी नवकेतन फ़िल्म्स के लिए कई सफल और चर्चित फ़िल्मों का निर्देशन किया था, जिनमें 'गाइड' (1965), 'ज्वेल थीफ' (1967), 'जॉनी मेरा नाम' (1970) प्रमुख हैं। बाद के वर्षों मे चेतनानन्द इस संस्था से अलग हो गए।[1]

प्रमुख फ़िल्में

देवानंद स्वयं भी एक कुशल निर्देशक थे। नवकेतन बैनर के अंतर्गत निर्मित चर्चित फ़िल्में हैं-

नवकेतन बैनर की चर्चित फ़िल्में
फ़िल्म वर्ष
'बाज़ी' 1951
'हाउस नं 44' 1955
'फन्टूश' 1956
'काला पानी' 1958
'काला बाज़ार' 1960
'हम दोनों' 1961
'तेरे घर के सामने' 1963
'ज्वेल थीफ' 1967
'प्रेम पुजारी' 1970
'तेरे मेरे सपने' 1970
'हरे राम हरे कृष्ण' 1971
'हीरा पन्ना' 1973

मधुर संगीत

'नवकेतन फ़िल्म्स' की फ़िल्मों का सुनहरा दौर सत्तर के दशक तक ही सीमित हो गया। इसके बाद देवानंद ने कई फ़िल्में बनाईं, किन्तु उन्हें दर्शकों ने पसंद नहीं किया। देवानंद की फ़िल्मों के गीत और संगीत विशेष रूप से आकर्षक और मधुर हुआ करते थे, जो आज भी लोकप्रिय हैं। एस. डी. बर्मन और आर. डी. बर्मन देवानंद के प्रिय संगीत निर्देशक थे, जिन्होंने नवकेतन की फ़िल्मों को संगीत से सँवारा।[1]

देवानंद द्वारा निर्मित अधिकतर फ़िल्में संगीतमय रोमांटिक श्रेणी में आती हैं। सामाजिक समस्याएँ, राजनीतिक चेतना, देशभक्ति, स्त्री-पुरुष संबंध जैसे विषय नवकेतन बैनर की फ़िल्मों की विशेषताएँ हैं। श्वेत श्याम युग से रंगीन फ़लक के युग तक की सुदीर्घ यात्रा देवानंद ने निर्माता, निर्देशक और अभिनेता के रूप में की थी। इस फ़िल्म कंपनी की सफलता में अभिनय कुशल निर्देशक चेतनानन्द का योगदान अविस्मरणीय है।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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