पद्मनाभ द्वादशी

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  • भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लिखित हिन्दू धर्म का एक व्रत संस्कार है।
  • आश्विन शुक्ल पक्ष की द्वादशी पर यह व्रत आरम्भ होता है।
  • एक घट स्थापित करके उसमें पद्मनाभ (विष्णु) की एक स्वर्ण प्रतिमा डाल देनी चाहिए।
  • चन्दन लेप, पुष्पों आदि से उस प्रतिमा की पूजा की जाती है।
  • दूसरे दिन किसी ब्राह्मण को दान दिया जाता है।
  • कृत्यकल्पतरु[1], हेमाद्रि[2] कृत्यरत्नाकर[3] इन सभी ने वराह पुराण[4] को उद्धृत किया है।


टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. कृत्यकल्पतरु (व्रतखण्ड 333-335);
  2. हेमाद्रि (व्रतखण्ड 1, 1039-41);
  3. कृत्यरत्नाकर (373-375);
  4. वराह पुराण, (49|1-8

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