जयमंगल के मतानुसार चौंसठ कलाओं में से यह एक कला है। प्रतिमाला कला श्लोक आदि कविता पढ़ने की मनोरंजक रीति है।
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जयमंगल के मतानुसार चौंसठ कलाओं में से यह एक कला है। प्रतिमाला कला श्लोक आदि कविता पढ़ने की मनोरंजक रीति है।