प्रधानमंत्री कार्यालय

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प्रधानमंत्री कार्यालय को 'पीएमओ' के लोकप्रिय नाम से भी जाना जाता है। यह साउथ ब्लॉक, रायसीना पहाड़ी (नई दिल्ली) में स्थित है। भारत के प्रधानमंत्री संघ सरकार[1] के प्रमुख के रूप में भारत के राष्ट्रपति, जो राज्य के प्रमुख हैं, से अलग है। चूंकि भारत में संवैधानिक लोकतंत्र का वेस्टमिंस्टर मॉडल अपनाया गया है, अत: प्रधानमंत्री को भारत संघ सरकार के दैनिक कामकाज की देखरेख करनी होती है। प्रधानमंत्री को अपने इस कार्य में उनके मंत्रियों की परिषद द्वारा सहायता प्रदान की जाती है, जिसमें कैबिनेट मंत्रियों के साथ-साथ स्वतंत्र प्रभार के राज्य मंत्री और राज्य मंत्री शामिल हैं, जो कैबिनेट मंत्रियों और उप-मंत्रियों के साथ मिलकर कार्य करते हैं।

मंत्रियों की नियुक्ति

भारत के राष्ट्रपति द्वारा पार्टी या गठबंधन के उस नेता को प्रधानमंत्री के रूप में नियुक्त किया जाता है जो लोक सभा, भारतीय संसद के निचले सदन, का बहुमत हासिल करता है। यदि किसी एक पार्टी या गठबंधन को बहुमत प्राप्त नहीं होता है तो सबसे बड़ी एक पार्टी या गठबंधन के नेता को प्रधानमंत्री नियुक्त किया जाता है। किन्तु उसे अंतत: लोक सभा में विश्वास मत प्राप्त करना होता है। मंत्रियों की केंद्रीय परिषद की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा प्रधानमंत्री की सलाह पर की जाती है। प्रधानमंत्री राज्य सभा, संसद के उच्चर सदन, या लोक सभा का सदस्य हो सकता है। प्रधानमंत्री के रूप में वह उस सदन का नेता है, जिसका वह सदस्य है। प्रधानमंत्री भारत के 'योजना आयोग' का भी अध्यक्ष होता है।

प्रधानमंत्री का दायित्व

मंत्री परिषद के प्रमुख के रूप में प्रधानमंत्री सभी मंत्रालयों के कार्य की देखरेख करता है। वह मंत्रिमंडल की बैठकों की अध्यक्षता करता है, जो आमतौर पर प्रधानमंत्री कार्यालय के मंत्रिमंडल कक्ष में आयोजित की जाती हैं। केंद्रीय मंत्रिमंडल सामूहिक जिम्मेदारी के सिद्धांत पर कार्य करता है। साउथ ब्लॉक दो सचिवालय के ब्लॉकों में से एक है।[2] यह राष्ट्रपति भवन अर्थात् भारत के राष्ट्रपति के निवास के बगल में स्थित है।

पीएमओ द्वारा प्रधानमंत्री को सचिवालयीन सहायता प्रदान की जाती है। इसका नेतृत्व प्रधानमंत्री का प्रधान सचिव करता है। पीएमओ में भ्रष्टाचार विरोधी इकाई और शिकायतों से निपटने के लिए सार्वजनिक स्कंध शामिल हैं। प्रधानमंत्री के पास जमा करने के लिए अपेक्षित फ़ाइलों की विषय-वस्तु इस पर निर्भर करती है कि उसके पास उस मंत्रालय का प्रत्यक्ष प्रभार है या क्या एक कैबिनेट मंत्री है, अथवा उस मंत्रालय के प्रभारी एक स्वतंत्र प्रभार राज्य मंत्री है।

दूसरे मामले में अधिकांश मुद्दों को कैबिनेट मंत्री या प्रभारी राज्य मंत्री मंत्री द्वारा निपटाया जाता है। केवल महत्त्वपूर्ण नीतिगत मुद्दों के लिए, जिनके प्रति मंत्री संवेदनशील है, उन्हें आदेश या सूचना के लिए प्रधानमंत्री के पास जमा किया जाना चाहिए, जिन्हें पीएमओ में प्राप्त किया जाता है। उन मामलों में, जहाँ प्रधानमंत्री ही प्रभारी मंत्री हैं, मंत्रालय के अनुमोदन की आवश्यकता का प्रत्यायोजन राज्य या उप मंत्री को सौंपा नहीं गया है, यदि कोई हो, इन्हें आदेश प्रस्तुत किया जाता है। प्रधानमंत्री पारंपरिक रूप से अंतरिक्ष, परमाणु ऊर्जा विभाग और कार्मिक, लोक शिकायत पेंशन मंत्रालय का प्रभारी मंत्री होता है।

महत्त्वपूर्ण मामले

चूंकि प्रधानमंत्री 'योजना आयोग' का अध्यक्ष होता है, इसीलिए प्रासंगिक फ़ाइलें उसकी टिप्पणियों और निकासी के लिए पीएमओ को अग्रेषित की जाती हैं। कुछ महत्त्वपूर्ण मामले, जिनमें कि प्रधानमंत्री के व्यक्तिगत ध्यान की आवश्यकता होती है, निम्नलिखित हैं-

  1. रक्षा से संबंधित महत्त्वपूर्ण मुद्दे
  2. सजावट, दोनों नागरिक और रक्षा, जहाँ राष्ट्रपति के अनुमोदन की आवश्यकता होती है
  3. सभी महत्त्वपूर्ण नीतिगत मुद्दे
  4. विदेशों में मिशन पर भारतीय प्रमुखों की नियुक्ति के प्रस्ताव और भारत में तैनात मिशन के विदेशी प्रमुखों के लिए करार प्रदान करने हेतु अनुरोध
  5. मंत्रिमंडल सचिवालय से संबंधित सभी महत्त्वपूर्ण निर्णय
  6. राज्य प्रशासनिक ट्रिब्यनलों और केन्द्रीय प्रशासनिक ट्रिब्यूनलों, संघ लोक सेवा आयोग, निर्वाचन आयोग, सांविधिक/संवैधानिक समितियों के सदस्यों की नियुक्ति, विभिन्न मंत्रालयों से जुड़े आयोगों में नियुक्ति
  7. सिविल सेवाओं और प्रशासनिक सुधारों से संबंधित सभी नीतिगत मामले
  8. प्रधानमंत्री द्वारा राज्यों के लिए घोषित विशेष पैकेजों की निगरानी प्रधानमंत्री कार्यालय में की जाती है और इसकी आवधिक रिपोर्ट प्रधानमंत्री को पेश की जाती है।
  9. सभी न्यायिक नियुक्तियाँ, जिनके लिए राष्ट्रपति के अनुमोदन की आवश्यकता होती है।

संसदीय प्रश्न

उन मंत्रालयों और विभागों से संबंधित संसदीय प्रश्न, जिनका प्रभारी मंत्री स्वयं प्रधानमंत्री हैं, उनके उत्तर स्वयं प्रधानमंत्री द्वारा नामित राज्यमंत्री द्वारा दिए जाते हैं, जिन्हें इस प्रयोजन हेतु नामित किया गया है।

प्रधानमंत्री कोष

'प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष' (पीएमएनआरएफ) और 'राष्ट्रीय रक्षा कोष' (एनडीएफ) सीधे पीएमओ से ही संचालित किए जाते हैं।


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शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. संघीय
  2. दूसरे को नॉर्थ ब्लॉक के रूप में जाना जाता है

बाहरी कड़ियाँ

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