बलवंत सांवलराम देशपाण्डे

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स्वतंत्रता सेनानी बलवंत सांवलराम देशपाण्डे का जन्म दिसम्बर, 1897 ई. में महाराष्ट्र के पूना ज़िले के वाल्टे नामक ग्राम में हुआ था।

शिक्षा

देशपाण्डे ने अहमदाबाद से बी.एस-सी. की परीक्षा उत्तीर्ण की। देशपाण्डे ने भौतिक विज्ञान में सर्वोच्च स्थान प्राप्त किया था। अत: आप अहमदाबाद के एक कॉलेज में प्रोफेसर के पद पर नियुक्त हो गये।

चर्ख़ा संघ का मिशन

1921 ई. के असहयोग आन्दोलन के दौरान नौकरी से त्याग-पत्र देकर आप आन्दोलन में शामिल हो गये। तत्पश्चात्त पाण्डे जी 1926 ई. में खादी मण्डल तथा चर्खा संघ का मिशन लेकर राजस्थान आये और जमनालाल बजाज के नेतृत्व में खादी-उत्पादन के कार्य में जुट गये। देशपाण्डे जी ने 1926 से 1942 ई. के बीच एक दल तैयार किया, जो आन्दोलन के समय अपनी अहम भूमिका निभाते थे।

खादी का उत्पादन

पाण्डे ने राजस्थान के कोने-कोने में खादी का उत्पादन शुरू करवाया। सत्याग्रह तथा आन्दोलनों में वे महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते थे। 1939 के जयपुर राज्य प्रजामण्डल के सत्याग्रह को श्रेष्ठ ढंग से संचालित कर ख्याति प्राप्त की।

आज़ाद मोर्चे में सम्मिलित

1942 ई. में प्रजामण्डल के कुछ सदस्यों ने आज़ाद मोर्चे की स्थापना कर अगस्त क्रांति में भाग लिया। पाण्डे जी ने चर्ख़ा संघ को त्याग दिया और आज़ाद मोर्चे में सम्मिलित होकर अगस्त क्रांति में भाग लिया। अत: उन्हें दो वर्ष के लिए नज़रबन्द कर दिया गया। स्वतंत्रता के पश्चात्त व्यावसायिक कार्य में अद्भुत सूझ-बूझ का प्रदर्शन किया। उन्होंने 60 वर्ष की आयु में सार्वजनिक जीवन से सन्न्यास ले लिया।[1]



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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. नागोरी, डॉ. एस.एल. “खण्ड 3”, स्वतंत्रता सेनानी कोश (गाँधीयुगीन), 2011 (हिन्दी), भारतडिस्कवरी पुस्तकालय: गीतांजलि प्रकाशन, जयपुर, पृष्ठ सं 197।

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