मधुवटी महाभारत वनपर्व के उल्लेखानुसार कुरुक्षेत्र की सीमा में स्थित एक प्राचीन तीर्थ का नाम है।[1]
- यहाँ के देवतीर्थ में स्नान, संध्या, तर्पण और श्राद्ध करने से मनुष्य को एक हज़ार गोदान का फल प्राप्त होता है।[2]
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