रटतां क्यौं नहीं रे हरिनाम -मीरां

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रटतां क्यौं नहीं रे हरिनाम -मीरां
मीरांबाई
कवि मीरांबाई
जन्म 1498
जन्म स्थान मेरता, राजस्थान
मृत्यु 1547
मुख्य रचनाएँ बरसी का मायरा, गीत गोविंद टीका, राग गोविंद, राग सोरठ के पद
इन्हें भी देखें कवि सूची, साहित्यकार सूची
मीरांबाई की रचनाएँ

रटतां क्यौं नहीं रे हरिनाम। तेरे कोडी लगे नहीं दाम॥
नरदेहीं स्मरणकूं दिनी। बिन सुमरे वे काम॥1॥
बालपणें हंस खेल गुमायो। तरुण भये बस काम॥2॥
पाव दिया तोये तिरथ करने। हाथ दिया कर दान॥3॥
नैन दिया तोये दरशन करने। श्रवन दिया सुन ज्ञान॥4॥
दांत दिया तेरे मुखकी शोभा। जीभ दिई भज राम॥5॥
मीरा कहे प्रभु गिरिधर नागर। है जीवनको काम॥6॥

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