रामोसी विद्रोह

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  • रामोसी विद्रोह अकाल और भूख की समस्या के चलते प्रारम्भ हुआ था।
  • पश्चिमी घाट में रहने वाले 'रामोसी जाति' के लोगों ने 1822 ई. में अपने नेता सरदार 'चित्तर सिंह' के नेतृत्व में यह विद्रोह किया।
  • रामोसियों ने सतारा के आस-पास के क्षेत्रों को लूटा और क़िलों पर भी आक्रमण कर दिया।
  • 1825-1826 ई. में भयंकर अकाल और अन्नाभाव के कारण इन्होंने 'उमाजी' के नेतृत्व में पुनः विद्रोह किया।
  • यह विद्रोह लगातार 1839 ई. तक चलता रहा।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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