विष्णु-वन्दना

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें

सशंखचक्रं सकिरीटकुण्डलं
सपीतवस्त्रं सरसीरुहेक्षणम्।
सहारवक्ष:स्थलकौस्तुभश्रियं
नमामि विष्णुं शिरसा चतुर्भुजम्।।

सर्वरूप हरि-वन्दन

यं शैवा: समुपासते शिव इति ब्रह्मेति वेदान्तिनो
बौद्धा बुद्ध इति प्रमाणपटव: कर्तेति नैयायिका:।
अर्हन्नित्यथ जैनशासनरता: कर्मेति मीमांसका:
सोऽयं लो विदधातु वांछितफलं त्रैलोक्यनाथो हरि:।।

इन्हें भी देखें: विष्णु, विष्णु की आरती एवं विष्णु के अवतार

संबंधित लेख