संवर्त्तक (अग्निदेव)
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संवर्त्तक का उल्लेख हिन्दू पौराणिक ग्रंथ महाभारत में हुआ है। महाभारत भीष्म पर्व के अनुसार ये माल्यवान पर्वत पर सदा प्रज्वलित रहने वाले अग्निदेव का एक नाम था।[1]
पौराणिक कोश |लेखक: राणा प्रसाद शर्मा |प्रकाशक: ज्ञानमण्डल लिमिटेड, वाराणसी |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 507 |
- ↑ महाभारत भीष्म पर्व 7.27-28
टीका टिप्पणी और संदर्भ
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