- भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लिखित हिन्दू धर्म का एक व्रत संस्कार है।
- हंसव्रत में पुरुषसूक्त के पाठ के साथ स्नान करना चाहिए।
- उसी के पाठ के साथ अर्पण एवं जप करना चाहिए।
- अष्टदल कमल के चित्र के मध्य में स्थापित हंस नाम से पुष्पों आदि द्वारा जनार्दन की पूजा करनी चाहिए।
- हंसव्रत में गोदान, एक वर्ष तक करना चाहिए।
- ऐसी मान्यता है कि हंसव्रत से सभी कामनाओं की पूर्ति होती है।[1]
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ विष्णुधर्मोत्तरपुराण (3|225|1-9
संबंधित लेख
|