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-[[जयशंकर प्रसाद]]
 
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-[[रांगेय राघव]]
 
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||[[मोहन राकेश|border|100px|right|चित्र:Mohan-Rakesh.jpg]]'मोहन राकेश' नई कहानी आन्दोलन के [[साहित्यकार]] थे। [[हिन्दी]] [[नाटक]] के क्षितिज पर उनका उदय उस समय हुआ, जब स्वाधीनता के बाद पचास के दशक में सांस्कृतिक पुनर्जागरण का ज्वार देश में जीवन के हर क्षेत्र को स्पन्दित कर रहा था। [[मोहन राकेश]] के नाटकों ने न सिर्फ़ नाटक का आस्वाद, तेवर और स्तर ही बदल दिया, बल्कि हिन्दी [[रंगमंच]] की दिशा को भी प्रभावित किया। ‘आधे अधूरे’, ‘आषाढ़ का एक दिन’ और ‘लहरों के राजहंस’ उनके कुछ मशहूर [[नाटक]] हैं। ‘लहरों के राजहंस’ उनका सबसे विख्यात नाटक रहा। मोहन राकेश ने नाटक, [[उपन्यास]], [[कहानी]], यात्रा वृत्तान्त, [[निबन्ध]] आदि विधाओं में विपुल [[साहित्य]] की रचना की।अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[मोहन राकेश]]
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||[[चित्र:Mohan-Rakesh.jpg|border|100px|right|मोहन राकेश]]'मोहन राकेश' नई कहानी आन्दोलन के [[साहित्यकार]] थे। [[हिन्दी]] [[नाटक]] के क्षितिज पर उनका उदय उस समय हुआ, जब स्वाधीनता के बाद पचास के दशक में सांस्कृतिक पुनर्जागरण का ज्वार देश में जीवन के हर क्षेत्र को स्पन्दित कर रहा था। [[मोहन राकेश]] के नाटकों ने न सिर्फ़ नाटक का आस्वाद, तेवर और स्तर ही बदल दिया, बल्कि हिन्दी [[रंगमंच]] की दिशा को भी प्रभावित किया। ‘आधे अधूरे’, ‘आषाढ़ का एक दिन’ और ‘लहरों के राजहंस’ उनके कुछ मशहूर [[नाटक]] हैं। ‘लहरों के राजहंस’ उनका सबसे विख्यात नाटक रहा। मोहन राकेश ने नाटक, [[उपन्यास]], [[कहानी]], यात्रा वृत्तान्त, [[निबन्ध]] आदि विधाओं में विपुल [[साहित्य]] की रचना की।अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[मोहन राकेश]]
 
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08:49, 10 मई 2024 के समय का अवतरण