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==मुख्य श्रेणियां==
 
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#'''प्रकाशनाधिकार एवं प्रतिवेशी अधिकार''' - इसके तहत साहित्यिक, कलात्मक, संगीतात्मक, छायाचित्रात्मक एवं दृश्य-श्रवणात्मक कार्य शामिल हैं।
 
#'''प्रकाशनाधिकार एवं प्रतिवेशी अधिकार''' - इसके तहत साहित्यिक, कलात्मक, संगीतात्मक, छायाचित्रात्मक एवं दृश्य-श्रवणात्मक कार्य शामिल हैं।
#'''औद्योगिक संपदा''' - इसमें मानवीय उद्यम के सभी क्षेत्रों में किये गये आविष्कार, वैज्ञानिक खोजें, औद्योगिक डिजाइन, ट्रेडमार्क, सर्विस मार्क तथा वाणिज्यिक नाम व पदनाम शामिल हैं।
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#'''औद्योगिक संपदा''' - इसमें मानवीय उद्यम के सभी क्षेत्रों में किये गये आविष्कार, वैज्ञानिक खोजें, औद्योगिक डिजाइन, ट्रेडमार्क, सर्विस मार्क तथा वाणिज्यिक नाम व पदनाम शामिल हैं।<ref name="a">{{cite web |url=http://www.vivacepanorama.com/world-intellectual-property-organisation-wipo/|title=विश्व बैंक समूह |accessmonthday=02 नवम्बर |accessyear=2016 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=vivacepanorama.com |language= हिंदी}}</ref>
  
 
====संगठन की गतिविधियों के क्षेत्र====
 
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बौद्धिक संपदा संरक्षण हेतु अंतरराष्ट्रीय मानदंडों व मानकों का विकास एवं अनुप्रयोग इस संगठन की गतिविधियों का मूलभूत अंग है। संगठन द्वारा 21 संधियों (15 औद्योगिक संपदा से तथा 6 प्रकाशनाधिकार से सम्बंधित) को प्रशासित किया जाता है। यह विकासशील देशों में कर्मचारियों के प्रशिक्षण, कानूनों व संधियों के निर्माण तथा विधायकों व सदस्यों हेतु प्रासंगिक सूचनाओं के विनिमय के लिए एक कार्यक्रम को प्रोत्साहित करता है। इस कार्यक्रम का लक्ष्य ज्ञान व कौशल के अर्जन, संग्रहण तथा विसरण के सम्बंध में परामर्श उपलब्ध कराना भी है। संगठन बौद्धिक संपदा एवं पंजीकरण सेवाओं पर अध्ययन संचालित करता है तथा सूचना के प्रयोग व भंडारण के एक उपकरण के रूप में सूचना-प्रौद्योगिकी को प्रोत्साहन देता है। यह सदस्य देशों को अपनी बौद्धिक संपदा पंजीकरण प्रक्रियाओं के सरलीकरण तथा सामंजस्यीकरण में सहायता देता है।
 
बौद्धिक संपदा संरक्षण हेतु अंतरराष्ट्रीय मानदंडों व मानकों का विकास एवं अनुप्रयोग इस संगठन की गतिविधियों का मूलभूत अंग है। संगठन द्वारा 21 संधियों (15 औद्योगिक संपदा से तथा 6 प्रकाशनाधिकार से सम्बंधित) को प्रशासित किया जाता है। यह विकासशील देशों में कर्मचारियों के प्रशिक्षण, कानूनों व संधियों के निर्माण तथा विधायकों व सदस्यों हेतु प्रासंगिक सूचनाओं के विनिमय के लिए एक कार्यक्रम को प्रोत्साहित करता है। इस कार्यक्रम का लक्ष्य ज्ञान व कौशल के अर्जन, संग्रहण तथा विसरण के सम्बंध में परामर्श उपलब्ध कराना भी है। संगठन बौद्धिक संपदा एवं पंजीकरण सेवाओं पर अध्ययन संचालित करता है तथा सूचना के प्रयोग व भंडारण के एक उपकरण के रूप में सूचना-प्रौद्योगिकी को प्रोत्साहन देता है। यह सदस्य देशों को अपनी बौद्धिक संपदा पंजीकरण प्रक्रियाओं के सरलीकरण तथा सामंजस्यीकरण में सहायता देता है।
  
अपनी भूमंडलीय संरक्षण प्रणालियों एवं सेवा सम्बन्धी गतिविधियों के अंतर्गत डब्ल्यूआईपीओ द्वारा पेटेंट सहयोग संधि ([[जून]] [[1970]]) के अधीन अंतरराष्ट्रीय आवेदन-पत्र ग्रहण एवं संसाधित किये जाते हैं। यह संधि एकमात्र अंतरराष्ट्रीय पेटेंट आवेदन की अवधारणा को लागू करती है। डब्ल्यूआईपीओ बौद्धिक संपदा संरक्षण से जुड़ी अन्य संधियों (जैसे-1883 का औद्योगिक संपदा संरक्षण के लिए पेरिस अभिसमय, तथा; 1886 का साहित्यिक एवं कलात्मक कार्यो के संरक्षण हेतु बर्न अभिसमय) द्वारा प्रदत्त प्रशासनिक कार्यों को भी निष्पादित करता है।
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अपनी भूमंडलीय संरक्षण प्रणालियों एवं सेवा सम्बन्धी गतिविधियों के अंतर्गत डब्ल्यूआईपीओ द्वारा पेटेंट सहयोग संधि ([[जून]] [[1970]]) के अधीन अंतरराष्ट्रीय आवेदन-पत्र ग्रहण एवं संसाधित किये जाते हैं। यह संधि एकमात्र अंतरराष्ट्रीय पेटेंट आवेदन की अवधारणा को लागू करती है। डब्ल्यूआईपीओ बौद्धिक संपदा संरक्षण से जुड़ी अन्य संधियों (जैसे-1883 का औद्योगिक संपदा संरक्षण के लिए पेरिस अभिसमय, तथा; 1886 का साहित्यिक एवं कलात्मक कार्यो के संरक्षण हेतु बर्न अभिसमय) द्वारा प्रदत्त प्रशासनिक कार्यों को भी निष्पादित करता है।<ref name="a"/>
 
==कार्यक्षेत्र व प्रभावशीलता का विस्तार==
 
==कार्यक्षेत्र व प्रभावशीलता का विस्तार==
 
[[विश्व व्यापार संगठन]] के साथ किये गये एक समझौते के अनुसार डब्ल्यूआईपीओ विकासशील देशों को ट्रिप्स के अधीन अपनी प्रतिबद्धताएं पूरी करने में मदद उपलब्ध कराता है। डब्ल्यूआईपीओ विश्वव्यापी अकादमी द्वारा संगठन के कार्यक्रम की पहुँच, कार्यक्षेत्र व प्रभावशीलता के विस्तार हेतु नवीन उपागमों तथा पद्धतियों की उत्पत्ति के लिए प्रशिक्षण एवं समन्वय उपलब्ध कराया जाता है। हाल ही में संगठन द्वारा आधुनिक डिजिटल एवं संचार तकनीक से उपजी समस्याओं से निबटने हेतु पहल की गयी है। [[1995]] में स्थापित डब्ल्यूआईपीओ विवाचन एवं मध्यस्थता केंद्र द्वारा विवादों (विशेषतः नवीन तकनीक से उपजे) के समाधान हेतु एक कार्यात्मक तथा वैधानिक ढांचा विकसित किया गया है। डब्ल्यूआईपीओ के प्रमुख अंगों में साधारण सभा, सम्मलेन, समन्वय समिति तथा अंतर्राष्ट्रीय ब्यूरो शामिल हैं। संगठन के ढांचे में अनेकं स्थायी समितियां भी कार्य करती हैं।
 
[[विश्व व्यापार संगठन]] के साथ किये गये एक समझौते के अनुसार डब्ल्यूआईपीओ विकासशील देशों को ट्रिप्स के अधीन अपनी प्रतिबद्धताएं पूरी करने में मदद उपलब्ध कराता है। डब्ल्यूआईपीओ विश्वव्यापी अकादमी द्वारा संगठन के कार्यक्रम की पहुँच, कार्यक्षेत्र व प्रभावशीलता के विस्तार हेतु नवीन उपागमों तथा पद्धतियों की उत्पत्ति के लिए प्रशिक्षण एवं समन्वय उपलब्ध कराया जाता है। हाल ही में संगठन द्वारा आधुनिक डिजिटल एवं संचार तकनीक से उपजी समस्याओं से निबटने हेतु पहल की गयी है। [[1995]] में स्थापित डब्ल्यूआईपीओ विवाचन एवं मध्यस्थता केंद्र द्वारा विवादों (विशेषतः नवीन तकनीक से उपजे) के समाधान हेतु एक कार्यात्मक तथा वैधानिक ढांचा विकसित किया गया है। डब्ल्यूआईपीओ के प्रमुख अंगों में साधारण सभा, सम्मलेन, समन्वय समिति तथा अंतर्राष्ट्रीय ब्यूरो शामिल हैं। संगठन के ढांचे में अनेकं स्थायी समितियां भी कार्य करती हैं।
 
==सम्मिलित राज्य==
 
==सम्मिलित राज्य==
साधारण सभा में ऐसे सभी राज्य शामिल हैं, जो डब्ल्यूआईपीओ संधि तथा बीआईआरपीआई से जुड़े हैं। यह संगठन की सर्वोच्च सत्ता है, जो रिपोर्टी की समीक्षा तथा बजट का अनुमोदन करती है। यह महानिदेशक को दिशा-निर्देश देती है। सम्मेलन में बौद्धिक संपदा से जुड़े मामलों पर सभी सदस्यों द्वारा विचार-विमर्श किया जाता है। सम्मेलन में मूलभूत नीतियां तैयार की जाती हैं तथा जाता है। अंतरराष्ट्रीय ब्यूरो संगठन का सचिवालय है, जिसका प्रमुख महानिदेशक होता है।
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साधारण सभा में ऐसे सभी राज्य शामिल हैं, जो डब्ल्यूआईपीओ संधि तथा बीआईआरपीआई से जुड़े हैं। यह संगठन की सर्वोच्च सत्ता है, जो रिपोर्टी की समीक्षा तथा बजट का अनुमोदन करती है। यह महानिदेशक को दिशा-निर्देश देती है। सम्मेलन में बौद्धिक संपदा से जुड़े मामलों पर सभी सदस्यों द्वारा विचार-विमर्श किया जाता है। सम्मेलन में मूलभूत नीतियां तैयार की जाती हैं तथा जाता है। अंतरराष्ट्रीय ब्यूरो संगठन का सचिवालय है, जिसका प्रमुख महानिदेशक होता है।<ref name="a"/>
 
==स्थायी समितियां==
 
==स्थायी समितियां==
 
डब्ल्यूआईपीओ के भीतर गठित की गयी स्थायी समितियां अपने-अपने विशिष्ट क्षेत्रों में कार्य करती हैं। औद्योगिक संपदा से जुड़े विकास सहयोग हेतु स्थायी कार्यक्रम का उद्देश्य उच्च औद्योगिक देशों से विकासशील देशों की ओर तकनीक का स्थानांतरण करना है। प्रकाशनाधिकार व प्रतिवेशी प्रधिकार से जुड़े विकास सहयोग हेतु स्थायी कार्यक्रम द्वारा विकासशील देशों में लेखकों, वैज्ञानिक एवं कलात्मक कार्यों के प्रसार को प्रोत्साहित किया जाता है। औद्योगिक संपदा सूचना पर गठित स्थायी समिति का उत्तरदायित्व अय्द्योगिक डिजाइनों एवं ट्रेडमार्कों के संरक्षण तथा पेटेंट सूचना के संबंध में सरकारी सहयोग की सुनिश्चित करना है। डब्ल्यूआईपीओ में 187 सदस्य हैं।<ref>[[2014]] के अनुसार</ref>
 
डब्ल्यूआईपीओ के भीतर गठित की गयी स्थायी समितियां अपने-अपने विशिष्ट क्षेत्रों में कार्य करती हैं। औद्योगिक संपदा से जुड़े विकास सहयोग हेतु स्थायी कार्यक्रम का उद्देश्य उच्च औद्योगिक देशों से विकासशील देशों की ओर तकनीक का स्थानांतरण करना है। प्रकाशनाधिकार व प्रतिवेशी प्रधिकार से जुड़े विकास सहयोग हेतु स्थायी कार्यक्रम द्वारा विकासशील देशों में लेखकों, वैज्ञानिक एवं कलात्मक कार्यों के प्रसार को प्रोत्साहित किया जाता है। औद्योगिक संपदा सूचना पर गठित स्थायी समिति का उत्तरदायित्व अय्द्योगिक डिजाइनों एवं ट्रेडमार्कों के संरक्षण तथा पेटेंट सूचना के संबंध में सरकारी सहयोग की सुनिश्चित करना है। डब्ल्यूआईपीओ में 187 सदस्य हैं।<ref>[[2014]] के अनुसार</ref>

07:46, 2 नवम्बर 2016 के समय का अवतरण

विश्व बौद्धिक सम्पदा संगठन
विश्व बौद्धिक सम्पदा संगठन
विवरण 'विश्व बौद्धिक सम्पदा संगठन' एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है, जिसकी स्थापना 51 देशों द्वारा स्टॉकहोम में हस्ताक्षरित डब्ल्यूआईपीओ संधि के फलस्वरूप हुई थी।
स्थापना तिथि 1967
मुख्यालय जेनेवा
अन्य जानकारी विश्व व्यापार संगठन के साथ किये गये एक समझौते के अनुसार डब्ल्यूआईपीओ विकासशील देशों को ट्रिप्स के अधीन अपनी प्रतिबद्धताएं पूरी करने में मदद उपलब्ध कराता है।
अद्यतन‎ 12:13, 02 नवम्बर-2016 (IST)

विश्व बौद्धिक सम्पदा संगठन (अंग्रेज़ी; World Intellectual Property Organisation - WIPO) की स्थापना 1967 में 51 देशों द्वारा स्टॉकहोम में हस्ताक्षरित डब्ल्यूआईपीओ संधि के फलस्वरूप हुई थी। यह संधि 1970 से लागू हुई। डब्ल्यूआईपीओ का मुख्यालय जेनेवा में है। यह 1974 में संयुक्त राष्ट्र का विशिष्ट अभिकरण बन गया। इससे पहले 1883 में औद्योगिक संपदा संरक्षण हेतु पेरिस संधि तथा 1886 में साहित्यिक व कलात्मक कृति संरक्षण हेतु बर्न संधि लागू हो चुकी थी। 1893 में दोनों संधियों को संयुक्त करके बौद्धिक संपदा संरक्षण हेतु संयुक्त अंतरराष्ट्रीय ब्यूरो (बीआईआरपीआई) की स्थापना की गयी थी, जो वैधानिक रूप से आज भी अस्तित्व में है। डब्ल्यूआईपीओ का उद्देश्य बौद्धिक संपदा, जिसमें साहित्यिक, कलात्मक व वैज्ञानिक कृत्य, प्रसारण अंश, फिल्म एवं फोटोग्राफ, आविष्कारों के सभी प्रकार, औद्योगिक डिजाइन एवं ट्रेडमार्क शामिल हैं, के संरक्षण को प्रोत्साहित करना तथा राज्यों व अंतरराष्ट्रीय संगठनों के बीच सहयोग के साधनों द्वारा विभिन्न बौद्धिक संपदा संघों के मध्य प्रशासनिक सहयोग सुनिश्चित करता है।

मुख्य श्रेणियां

  1. प्रकाशनाधिकार एवं प्रतिवेशी अधिकार - इसके तहत साहित्यिक, कलात्मक, संगीतात्मक, छायाचित्रात्मक एवं दृश्य-श्रवणात्मक कार्य शामिल हैं।
  2. औद्योगिक संपदा - इसमें मानवीय उद्यम के सभी क्षेत्रों में किये गये आविष्कार, वैज्ञानिक खोजें, औद्योगिक डिजाइन, ट्रेडमार्क, सर्विस मार्क तथा वाणिज्यिक नाम व पदनाम शामिल हैं।[1]

संगठन की गतिविधियों के क्षेत्र

विश्व बौद्धिक सम्पदा संगठन की गतिविधियों के तीन क्षेत्र निम्नलिखित हैं-

  1. अंतरराष्ट्रीय बौद्धिक संपदा कानून का प्रगतिशील विकास
  2. भूमंडलीय संरक्षण प्रणालियां एवं सेवाएं
  3. विकास हेतु सहयोग

अंतरराष्ट्रीय मानकों का विकास एवं अनुप्रयोग

बौद्धिक संपदा संरक्षण हेतु अंतरराष्ट्रीय मानदंडों व मानकों का विकास एवं अनुप्रयोग इस संगठन की गतिविधियों का मूलभूत अंग है। संगठन द्वारा 21 संधियों (15 औद्योगिक संपदा से तथा 6 प्रकाशनाधिकार से सम्बंधित) को प्रशासित किया जाता है। यह विकासशील देशों में कर्मचारियों के प्रशिक्षण, कानूनों व संधियों के निर्माण तथा विधायकों व सदस्यों हेतु प्रासंगिक सूचनाओं के विनिमय के लिए एक कार्यक्रम को प्रोत्साहित करता है। इस कार्यक्रम का लक्ष्य ज्ञान व कौशल के अर्जन, संग्रहण तथा विसरण के सम्बंध में परामर्श उपलब्ध कराना भी है। संगठन बौद्धिक संपदा एवं पंजीकरण सेवाओं पर अध्ययन संचालित करता है तथा सूचना के प्रयोग व भंडारण के एक उपकरण के रूप में सूचना-प्रौद्योगिकी को प्रोत्साहन देता है। यह सदस्य देशों को अपनी बौद्धिक संपदा पंजीकरण प्रक्रियाओं के सरलीकरण तथा सामंजस्यीकरण में सहायता देता है।

अपनी भूमंडलीय संरक्षण प्रणालियों एवं सेवा सम्बन्धी गतिविधियों के अंतर्गत डब्ल्यूआईपीओ द्वारा पेटेंट सहयोग संधि (जून 1970) के अधीन अंतरराष्ट्रीय आवेदन-पत्र ग्रहण एवं संसाधित किये जाते हैं। यह संधि एकमात्र अंतरराष्ट्रीय पेटेंट आवेदन की अवधारणा को लागू करती है। डब्ल्यूआईपीओ बौद्धिक संपदा संरक्षण से जुड़ी अन्य संधियों (जैसे-1883 का औद्योगिक संपदा संरक्षण के लिए पेरिस अभिसमय, तथा; 1886 का साहित्यिक एवं कलात्मक कार्यो के संरक्षण हेतु बर्न अभिसमय) द्वारा प्रदत्त प्रशासनिक कार्यों को भी निष्पादित करता है।[1]

कार्यक्षेत्र व प्रभावशीलता का विस्तार

विश्व व्यापार संगठन के साथ किये गये एक समझौते के अनुसार डब्ल्यूआईपीओ विकासशील देशों को ट्रिप्स के अधीन अपनी प्रतिबद्धताएं पूरी करने में मदद उपलब्ध कराता है। डब्ल्यूआईपीओ विश्वव्यापी अकादमी द्वारा संगठन के कार्यक्रम की पहुँच, कार्यक्षेत्र व प्रभावशीलता के विस्तार हेतु नवीन उपागमों तथा पद्धतियों की उत्पत्ति के लिए प्रशिक्षण एवं समन्वय उपलब्ध कराया जाता है। हाल ही में संगठन द्वारा आधुनिक डिजिटल एवं संचार तकनीक से उपजी समस्याओं से निबटने हेतु पहल की गयी है। 1995 में स्थापित डब्ल्यूआईपीओ विवाचन एवं मध्यस्थता केंद्र द्वारा विवादों (विशेषतः नवीन तकनीक से उपजे) के समाधान हेतु एक कार्यात्मक तथा वैधानिक ढांचा विकसित किया गया है। डब्ल्यूआईपीओ के प्रमुख अंगों में साधारण सभा, सम्मलेन, समन्वय समिति तथा अंतर्राष्ट्रीय ब्यूरो शामिल हैं। संगठन के ढांचे में अनेकं स्थायी समितियां भी कार्य करती हैं।

सम्मिलित राज्य

साधारण सभा में ऐसे सभी राज्य शामिल हैं, जो डब्ल्यूआईपीओ संधि तथा बीआईआरपीआई से जुड़े हैं। यह संगठन की सर्वोच्च सत्ता है, जो रिपोर्टी की समीक्षा तथा बजट का अनुमोदन करती है। यह महानिदेशक को दिशा-निर्देश देती है। सम्मेलन में बौद्धिक संपदा से जुड़े मामलों पर सभी सदस्यों द्वारा विचार-विमर्श किया जाता है। सम्मेलन में मूलभूत नीतियां तैयार की जाती हैं तथा जाता है। अंतरराष्ट्रीय ब्यूरो संगठन का सचिवालय है, जिसका प्रमुख महानिदेशक होता है।[1]

स्थायी समितियां

डब्ल्यूआईपीओ के भीतर गठित की गयी स्थायी समितियां अपने-अपने विशिष्ट क्षेत्रों में कार्य करती हैं। औद्योगिक संपदा से जुड़े विकास सहयोग हेतु स्थायी कार्यक्रम का उद्देश्य उच्च औद्योगिक देशों से विकासशील देशों की ओर तकनीक का स्थानांतरण करना है। प्रकाशनाधिकार व प्रतिवेशी प्रधिकार से जुड़े विकास सहयोग हेतु स्थायी कार्यक्रम द्वारा विकासशील देशों में लेखकों, वैज्ञानिक एवं कलात्मक कार्यों के प्रसार को प्रोत्साहित किया जाता है। औद्योगिक संपदा सूचना पर गठित स्थायी समिति का उत्तरदायित्व अय्द्योगिक डिजाइनों एवं ट्रेडमार्कों के संरक्षण तथा पेटेंट सूचना के संबंध में सरकारी सहयोग की सुनिश्चित करना है। डब्ल्यूआईपीओ में 187 सदस्य हैं।[2]


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. 1.0 1.1 1.2 विश्व बैंक समूह (हिंदी) vivacepanorama.com। अभिगमन तिथि: 02 नवम्बर, 2016।
  2. 2014 के अनुसार

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