साँचा:सूक्ति और कहावत-21

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
अश्वनी भाटिया (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 13:31, 4 मई 2011 का अवतरण ('<noinclude>{| width="51%" align="left" cellpadding="5" cellspacing="5" |-</noinclude> | class="bggreen7" style="border:1px solid #9cbc74;...' के साथ नया पन्ना बनाया)
(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
  • गंगा की पवित्रता में कोई विश्वास नहीं करने जाता। गंगा के निकट पहुँच जाने पर अनायास, वह विश्वास पता नहीं कहाँ से आ जाता है। -लक्ष्मीनारायण मिश्र (गरुड़ध्वज, पृ. 79)
  • पृथ्वी में कुआं जितना ही गहरा खुदेगा, उतना ही अधिक जल निकलेगा । वैसे ही मानव की जितनी अधिक शिक्षा होगी, उतनी ही तीव्र बुद्धि बनेगी। -तिरुवल्लुवर (तिरुक्कुरल, 396) .... और पढ़ें