"कला-संस्कृति और धर्म सामान्य ज्ञान 422" के अवतरणों में अंतर
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+ | ||[[चित्र:Kubera-The-God-Of-Wealth-Mathura-Museum-45.jpg|right|border|80px|कुबेर]]'कुबेर' [[पुलस्त्य|महर्षि पुलस्त्य]] के पुत्र [[विश्रवा|महामुनि विश्रवा]] के पुत्र थे। विश्रवा की पत्नी इलविला के गर्भ से [[कुबेर]] का जन्म हुआ था, जबकि उनकी दूसरी पत्नी [[कैकसी]] के गर्भ से [[रावण]], [[कुम्भकर्ण]], [[विभीषण]] और [[शूर्पणखा]] का जन्म हुआ था। इस प्रकार कुबेर रावण का भाई था। श्वेतवर्ण, तुन्दिल शरीर, अष्टदन्त एवं तीन चरणों वाले, गदाधारी कुबेर अपनी सत्तर [[योजन]] विस्तीर्ण वैश्रवणी सभा में विराजते हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[कुबेर]] | ||
{[[दशरथ]] पुत्र [[राम|श्रीराम]] [[विष्णु|भगवान विष्णु]] के कौन-से [[अवतार]] थे? | {[[दशरथ]] पुत्र [[राम|श्रीराम]] [[विष्णु|भगवान विष्णु]] के कौन-से [[अवतार]] थे? | ||
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+ | ||[[चित्र:Lord-Rama.jpg|right|border|80px|राम]]'राम' [[हिन्दू धर्म]] में [[विष्णु]] के 10 [[अवतार|अवतारों]] में से एक हैं। [[राम]] का जीवनकाल एवं पराक्रम, [[वाल्मीकि रामायण|वाल्मीकि]] द्वारा रचित, [[संस्कृत]] [[महाकाव्य]] [[रामायण]] के रूप में लिखा गया है। उनके उपर [[तुलसीदास]] ने भक्ति काव्य [[रामचरितमानस]] रचा था। ख़ासतौर पर [[उत्तर भारत]] में राम बहुत अधिक पूज्यनीय माने जाते हैं। रामचन्द्र हिन्दुत्ववादियों के भी आदर्श पुरुष हैं। राम, [[अयोध्या]] के राजा [[दशरथ]] और रानी [[कौशल्या]] के सबसे बड़े पुत्र थे। राम की पत्नी का नाम [[सीता]] था (जो [[महालक्ष्मी देवी|लक्ष्मी]] का अवतार मानी जाती है) और इनके तीन भाई थे, [[लक्ष्मण]], [[भरत (दशरथ पुत्र)|भरत]] और [[शत्रुघ्न]]। [[हनुमान]] राम के सबसे बड़े भक्त माने जाते हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[राम]] | ||
{[[हिन्दू]] काल गणना के अनुसार सबसे छोटी गणना कौन-सी होती है? | {[[हिन्दू]] काल गणना के अनुसार सबसे छोटी गणना कौन-सी होती है? | ||
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-काष्ठा | -काष्ठा | ||
− | +निमेष | + | +[[निमेष (मापन इकाई)|निमेष]] |
-मुहूर्त | -मुहूर्त | ||
− | - | + | -[[अहोरात्रम]] |
+ | ||'निमेष' [[हिन्दू काल गणना|हिन्दू समय मापन इकाई]] है। यह इकाई अति लघु श्रेणी की है। '''एक निमेष अर्थात पलक झपकने में लगे समय का आधा''', यानि पलक के नीचे आने या ऊपर जाने के समय का माप। कुछ स्थानों पर इसे पलक झपकने के समय के बराबर भी बताया गया है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[निमेष (मापन इकाई)|निमेष]] | ||
{'[[गीता]]' के उपदेश में [[कृष्ण|श्रीकृष्ण]] ने स्वयं को वेदों में कौन-सा [[वेद]] कहा है? | {'[[गीता]]' के उपदेश में [[कृष्ण|श्रीकृष्ण]] ने स्वयं को वेदों में कौन-सा [[वेद]] कहा है? | ||
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+[[सामवेद]] | +[[सामवेद]] | ||
-[[अथर्ववेद]] | -[[अथर्ववेद]] | ||
+ | ||[[चित्र:Samaveda.jpg|right|border|80px|सामवेद]]'सामवेद' गीत-संगीत प्रधान [[वेद]] है। प्राचीन आर्यों द्वारा साम-गान किया जाता था। [[सामवेद]] चारों वेदों में आकार की दृष्टि से सबसे छोटा है। ‘साम‘ शब्द का अर्थ है ‘गान‘। सामवेद में संकलित मंत्रों को देवताओं की स्तुति के समय गाया जाता था। सामवेद में कुल 1875 ऋचायें हैं, जिनमें 75 से अतिरिक्त शेष [[ऋग्वेद]] से ली गयी हैं। इन ऋचाओं का गान सोमयज्ञ के समय ‘उदगाता‘ करते थे। [[देवता] विषयक विवेचन की दृष्ठि से [[सामवेद]] का प्रमुख देवता ‘सविता‘ या ‘[[सूर्य देव|सूर्य]]‘ है, इसमें मुख्यतः सूर्य की स्तुति के [[मंत्र]] हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[सामवेद]] | ||
{ग्यारहवीं शताब्दी में 'कश्मीर की रामायण' नाम से प्रसिद्ध 'दशावतारचरित' की रचना की थी? | {ग्यारहवीं शताब्दी में 'कश्मीर की रामायण' नाम से प्रसिद्ध 'दशावतारचरित' की रचना की थी? | ||
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-[[कालिदास]] | -[[कालिदास]] | ||
-[[ज्ञानेश्वर]] | -[[ज्ञानेश्वर]] | ||
+ | ||'क्षेमेन्द्र' कश्मीरी महाकवि थे। वे [[संस्कृत]] के विद्वान् तथा प्रतिभा संपन्न [[कवि]] थे। उनका जन्म [[ब्राह्मण]] कुल में हुआ था। [[क्षेमेन्द्र]] ने प्रसिद्ध आलोचक तथा तंत्रशास्त्र के मर्मज्ञ विद्वान् [[अभिनवगुप्त]] से साहित्यशास्त्र का अध्ययन किया था। इनके पुत्र सोमेन्द्र ने [[पिता]] की रचना 'बोधिसत्त्वावदानकल्पलता' को एक नया पल्लव जोड़कर पूरा किया था। क्षेमेन्द्र संस्कृत में परिहास कथा के धनी थे। संस्कृत में उनकी जोड़ का दूसरा सिद्धहस्त परिहास कथा लेखक सम्भवत: और कोई नहीं है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[क्षेमेन्द्र]] | ||
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06:46, 15 फ़रवरी 2020 का अवतरण
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- इस विषय से संबंधित लेख पढ़ें:- कला प्रांगण, कला कोश, संस्कृति प्रांगण, संस्कृति कोश, धर्म प्रांगण, धर्म कोश
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