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अंगारे को तुम ने छुआ और हाथ में फफोला नहीं हुआ
 
अंगारे को तुम ने छुआ और हाथ में फफोला नहीं हुआ
इतनी सी बात पर आंगारे को तोहमत ना लगाओ
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इतनी सी बात पर अंगारे को तोहमत ना लगाओ
 
आग भी कभी-कभी अपना धर्म निभाती है
 
आग भी कभी-कभी अपना धर्म निभाती है
 
और जलने वाले की क्षमता देख कर जलाती है।  
 
और जलने वाले की क्षमता देख कर जलाती है।  

12:20, 23 अगस्त 2011 का अवतरण

अंगारे को तुम ने छुआ -कन्हैयालाल नंदन
कन्हैयालाल नंदन
कवि कन्हैयालाल नंदन
जन्म 1 जुलाई, 1933
जन्म स्थान फतेहपुर ज़िले के परसदेपुर गांव, उत्तर प्रदेश
मृत्यु 25 सितंबर, 2010
मृत्यु स्थान दिल्ली
मुख्य रचनाएँ लुकुआ का शाहनामा, घाट-घाट का पानी, आग के रंग आदि।
बाहरी कड़ियाँ आधिकारिक वेबसाइट
इन्हें भी देखें कवि सूची, साहित्यकार सूची
कन्हैयालाल नंदन की रचनाएँ

अंगारे को तुम ने छुआ और हाथ में फफोला नहीं हुआ
इतनी सी बात पर अंगारे को तोहमत ना लगाओ
आग भी कभी-कभी अपना धर्म निभाती है
और जलने वाले की क्षमता देख कर जलाती है।



















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