"अंडमानी भाषा" के अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
फ़ौज़िया ख़ान (चर्चा | योगदान) |
व्यवस्थापन (चर्चा | योगदान) छो (Text replace - "काफी " to "काफ़ी ") |
||
पंक्ति 3: | पंक्ति 3: | ||
*अंडमानी बोलियों को सामान्यत: उत्तरी, मध्य और दक्षिणी समूहों में विभक्त किया जाता है। | *अंडमानी बोलियों को सामान्यत: उत्तरी, मध्य और दक्षिणी समूहों में विभक्त किया जाता है। | ||
*इनमें से दक्षिणी समूह की बोलियाँ सबसे पुरातन हैं। | *इनमें से दक्षिणी समूह की बोलियाँ सबसे पुरातन हैं। | ||
− | *लिटल अंडमान द्वीप की बोली अंडमानी बोलियों में दक्षिणतम में प्रयुक्त बोली है और यह अन्य बोलियों से | + | *लिटल अंडमान द्वीप की बोली अंडमानी बोलियों में दक्षिणतम में प्रयुक्त बोली है और यह अन्य बोलियों से काफ़ी भिन्न है। |
*अंडमान की भाषाओं के व्याकरण की एक प्रमुख विशेषता, किसी वाक्य के शब्दों के कर्म को निर्धारित करने के लिए प्रत्ययों (विशेषकर उपसर्ग) का उपयोग है। | *अंडमान की भाषाओं के व्याकरण की एक प्रमुख विशेषता, किसी वाक्य के शब्दों के कर्म को निर्धारित करने के लिए प्रत्ययों (विशेषकर उपसर्ग) का उपयोग है। | ||
*इस भाषा में वचन प्रणाली का अभाव है; दो वचन हैं, जो 'एक' और एक' से अधिक को दर्शाते हैं। | *इस भाषा में वचन प्रणाली का अभाव है; दो वचन हैं, जो 'एक' और एक' से अधिक को दर्शाते हैं। |
10:31, 8 दिसम्बर 2011 के समय का अवतरण
अंडमानी भाषा अंडमान द्वीप समूह के स्थानीय लोगों की भाषा है।
- इस भाषा को बोलने वालों की संख्या में लगातार कमी हो रही है।
- अंडमानी बोलियों को सामान्यत: उत्तरी, मध्य और दक्षिणी समूहों में विभक्त किया जाता है।
- इनमें से दक्षिणी समूह की बोलियाँ सबसे पुरातन हैं।
- लिटल अंडमान द्वीप की बोली अंडमानी बोलियों में दक्षिणतम में प्रयुक्त बोली है और यह अन्य बोलियों से काफ़ी भिन्न है।
- अंडमान की भाषाओं के व्याकरण की एक प्रमुख विशेषता, किसी वाक्य के शब्दों के कर्म को निर्धारित करने के लिए प्रत्ययों (विशेषकर उपसर्ग) का उपयोग है।
- इस भाषा में वचन प्रणाली का अभाव है; दो वचन हैं, जो 'एक' और एक' से अधिक को दर्शाते हैं।
- अंडमानी भाषा का किसी अन्य भाषा के साथ संबंध नहीं है।
|
|
|
|
|