"अक्षय कुमार" के अवतरणों में अंतर

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'''अक्षय कुमार''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Akshay Kumar'', मूल नाम: राजीव भाटिया, जन्म: [[9 सितम्बर]], [[1967]]) [[बॉलीवुड]] के प्रसिद्ध फ़िल्म [[अभिनेता]] हैं। अक्षय कुमार 100 से अधिक हिन्दी फ़िल्मों में अभिनय कर चुके हैं। 90 के दशक में हिट एक्शन फिल्मों जैसे खिलाड़ी (1992), मोहरा (1994) और सबसे बड़ा खिलाड़ी (1995) में अभिनय करने के कारण, अक्षय कुमार को बॉलीवुड का एक्शन हीरो की संज्ञा दी जाती थी और विशेषतः ये "खिलाड़ी श्रृंखला" के लिए जाने जाते हैं। इसलिए इन्हें खिलाड़ी कुमार भी कहा जाता है। कई बार फ़िल्मफेयर पुरस्कारों में नामित होने के अतिरिक्त दो बार फ़िल्मफेयर पुरस्कार [सर्वश्रेष्ठ खलनायक- अज़नबी (2002) और सर्वश्रेष्ठ हास्य अभिनेता 'गरम मसाला' (2005)] ले चुके हैं। वर्ष 2009 में [[भारत सरकार]] द्वारा [[पद्मश्री]] पुरस्कार से सम्मानित हैं।  
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|चित्र का नाम=अक्षय कुमार
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|पूरा नाम=राजीव हरिओम भाटिया
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|अन्य नाम=अक्की, खिलाड़ी कुमार
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|जन्म भूमि=[[अमृतसर]], [[पंजाब]]
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|मृत्यु स्थान=
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|अभिभावक=हरिओम भाटिया और अरुणा भाटिया
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|पति/पत्नी=ट्विंकल खन्ना
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|संतान=पुत्र- आरव, पुत्री- नितारा
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|मुख्य फ़िल्में='खिलाड़ी', 'मोहरा', 'ये दिल्लगी', 'एलान', 'खिलाड़ियों का खिलाड़ी', 'मैं खिलाड़ी तू अनाड़ी', 'अजनबी', 'धड़कन', 'जानवर', 'हेराफेरी', 'मुझसे शादी करोगी', 'गरम मसाला', 'भागमभाग', 'वेलकम', 'भूलभूलैया', 'नमस्ते लंदन', 'सिंह इज किंग', 'राउडी राठौड़', 'बेबी', 'होलीडे', 'स्पेशल छब्बीस', 'एयरलिफ्ट' आदि। 
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|पुरस्कार-उपाधि= '[[पद्म श्री]]' ([[2009]]), फ़िल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ खलनायक- 'अज़नबी' ([[2002]]) और फ़िल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ हास्य अभिनेता- 'गरम मसाला' ([[2005]])
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|अन्य जानकारी=वर्ष [[2015]] में अमरीकन बिज़नेस पत्रिका 'फोर्ब्स' के अनुसार विश्व में सबसे ज़्यादा फीस पाने वाले अभिनेताओं की सूची में अक्षय कुमार 9वें नंबर पर हैं।<ref name="IE"/> अक्षय कुमार को फ़िल्म ‘रुस्तम’ में उनकी बेहतरीन अदाकारी के लिए 64वें [[राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार|राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कारों]] में सर्वश्रेष्ठ अभिनेता चुना गया है।<ref name="jnstta"/>
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'''अक्षय कुमार''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Akshay Kumar'', मूल नाम: राजीव भाटिया, जन्म: [[9 सितम्बर]], [[1967]]) [[बॉलीवुड]] के प्रसिद्ध फ़िल्म [[अभिनेता]] हैं। अक्षय कुमार 100 से अधिक हिन्दी फ़िल्मों में अभिनय कर चुके हैं। 90 के दशक में हिट एक्शन फ़िल्मों जैसे खिलाड़ी ([[1992]]), मोहरा ([[1994]]) और सबसे बड़ा खिलाड़ी ([[1995]]) में अभिनय करने के कारण, अक्षय कुमार को बॉलीवुड का एक्शन हीरो की संज्ञा दी जाती थी और विशेषतः ये "खिलाड़ी श्रृंखला" के लिए जाने जाते हैं। इसलिए इन्हें खिलाड़ी कुमार भी कहा जाता है। कई बार फ़िल्मफेयर पुरस्कारों में नामित होने के अतिरिक्त दो बार फ़िल्मफेयर पुरस्कार [सर्वश्रेष्ठ खलनायक- अज़नबी ([[2002]]) और सर्वश्रेष्ठ हास्य अभिनेता 'गरम मसाला' ([[2005]])] ले चुके हैं। वर्ष [[2009]] में [[भारत सरकार]] द्वारा [[पद्मश्री]] पुरस्कार से सम्मानित हैं। वर्ष [[2015]] में अमरीकन बिज़नेस पत्रिका 'फोर्ब्स' के अनुसार विश्व में सबसे ज़्यादा फीस पाने वाले अभिनेताओं की सूची में अक्षय कुमार 9वें नंबर पर हैं।<ref name="IE">{{cite web |url=http://indianexpress.com/article/entertainment/bollywood/salman-amitabh-akshay-among-worlds-top-10-highest-paid-actors/#sthash.IXAelL8Q.dpuf.|title=अभिनेता अक्षय कुमार की ज़िन्दगी के बारे में जानिए |accessmonthday= 9 दिसंबर |accessyear=2016 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=इंडियन एक्सप्रेस|language=अंग्रेज़ी }}</ref> अक्षय कुमार को फ़िल्म ‘रुस्तम’ में उनकी बेहतरीन अदाकारी के लिए 64वें [[राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार|राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कारों]] में सर्वश्रेष्ठ अभिनेता चुना गया है।<ref name="jnstta">{{cite web |url=http://www.jansatta.com/entertainment/akshay-kumar-wins-national-award-shankar-releases-actors-new-poster/294599/|title=रुस्तम के लिए अक्षय को मिला को राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार |accessmonthday= 9 अप्रैल  |accessyear=2017 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=जनसत्ता|language=हिन्दी }}</ref>
 
==जीवन परिचय==
 
==जीवन परिचय==
अक्षय कुमार का असली नाम राजीव भाटिया है। उनका जन्म [[पंजाब]] के [[अमृतसर]] में 9 सितंबर, 2017 को हुआ था, उनके पिता सरकारी नौकरी में थे। अक्षय का बचपन दिल्ली के चांदनी चौक गलियों में बीता। अक्षय को बचपन से ही स्पोटर्स का काफी शौक था, मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग के लिए अक्षय बैंकॉक गए और वहां उन्हें शेफ की नौकरी मिल गई। हालांकि उनका सपना था आर्मी में या नेवी में जाने का। अभिनय के बारे में तो अक्षय ने कभी सोचा भी नहीं था।  
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अक्षय कुमार का असली नाम राजीव भाटिया है। उनका जन्म [[पंजाब]] के [[अमृतसर]] में 9 सितंबर, 1967 को हुआ था, उनके [[पिता]] सरकारी नौकरी में थे। अक्षय का बचपन [[दिल्ली]] के चांदनी चौक गलियों में बीता। अक्षय ने अपनी पढ़ाई डोन बोस्को स्कूल और खालसा कॉलेज से की है। अक्षय को बचपन से ही स्पोटर्स का काफ़ी शौक था, मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग के लिए अक्षय बैंकॉक गए और वहां उन्हें शेफ की नौकरी मिल गई। हालांकि उनका सपना था आर्मी में या नेवी में जाने का। अभिनय के बारे में तो अक्षय ने कभी सोचा भी नहीं था। अक्षय ने खाना बनाने से लेकर कार्ड बेचने तक का काम किया। अपनी ज़रूरत पूरी करने के लिए उन्होंने कई छोटे काम भी किए। बैंकॉक से काम की तलाश में अक्षय को [[बांग्लादेश]] भी जाना पड़ा, वहां से [[कोलकाता]] जाकर अक्षय ने एक ट्रेवल एंजेसी में भी काम किया। कोलकाता से अक्षय मुंबई पहुंचे जहां वो कुंदन के गहने बेचने लगे।
====बैंकॉक में बने वेटर====
 
अक्षय ने खाना बनाने से लेकर कार्ड बेचने तक का काम किया। अपनी जरूरत पूरी करने के लिए उन्होंने कई छोटे काम भी किए। बैंकॉक से काम की तलाश में अक्षय को [[बांग्लादेश]] भी जाना पड़ा, वहां से [[कोलकाता]] जाकर अक्षय ने एक ट्रेवल एंजेसी में भी काम किया। कोलकाता से अक्षय मुंबई पहुंचे जहां वो कुंदन के गहने बेचने लगे।  
 
 
===='अक्षय' नाम====
 
===='अक्षय' नाम====
मुंबई में अक्षय मशहूर फोटोग्राफर जयेश के पास गए और उनको अपना असिटेंट बनाने के लिए कहा। अक्षय जयेश की मदद के लिए लाइट उठाने तक का काम करने लगे। काम के दौरान वो [[गोविंदा]] की कुछ फोटोज उन्हें देने गए। उस वक्त गोविंदा अक्षय को देखकर कहा कि तू हीरो क्यों नहीं बनता, ये सुनकर अक्षय के दिल में ये बात घर कर गई कि वो भी हीरो बन सकते हैं। 1990 में उन्होंने एक्टिंग का कोर्स भी किया, जिसके बाद उन्हें एक फिल्म 'आज' का ऑफर मिला, जब फिल्म रिलीज हुई तो पता चला कि उनका रोल सिर्फ 7 सेकेंड का था। इस फिल्म में हीरो का नाम था अक्षय। उसी वक्त राजीव भाटिया यानी अक्षय ने अपना बदलकर उस फिल्म के हीरो के नाम पर अक्षय रख लिया, तो इस तरह राजीव भाटिया, अक्षय कुमार बन गए। अक्षय अपना पोर्टफोलियो लेकर हर स्टूडियो के चक्कर लगा रहे थे, लेकिन कोई मायूसी की हाथ लग रही थी, उन्हीं दिनों अक्षय की मुलाकात मेकअप मैन नरेंद्र से हुई। नरेंद्र ने जब अक्षय को देखा तो उनका पोर्टफोलियो लेकर एक निर्देशक के पास गए और उसी दिन अक्षय की किस्मत बदल गई। उन्हें एक दिन 3 फिल्मों का ऑफर मिला और साथ में 5100 रुपए का साइनिंग अमाउंट भी। हीरो के तौर पर अक्षय को पहली फिल्म मिली सौगंध। उसके एक साल बाद अक्षय की फिल्म खिलाड़ी रिलीज हुई, जिस फिल्म ने सच में अक्षय को बॉलीवुड का खिलाड़ी बना दिया।<ref>{{cite web |url=http://hindi.news18.com/news/photo/akshay-kumar-biography-447792.html|title=‘वेटर’ से सुपरस्टार बनने की अक्षय कुमार की कहानी |accessmonthday=9 दिसंबर |accessyear=2016 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=news india |language=हिन्दी }}</ref>   
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मुंबई में अक्षय मशहूर फोटोग्राफर जयेश के पास गए और उनको अपना असिटेंट बनाने के लिए कहा। अक्षय जयेश की मदद के लिए लाइट उठाने तक का काम करने लगे। काम के दौरान वो मशहूर अभिनेता गोविंदा की कुछ फोटोज उन्हें देने गए। उस वक्त गोविंदा अक्षय को देखकर कहा कि तू हीरो क्यों नहीं बनता, ये सुनकर अक्षय के दिल में ये बात घर कर गई कि वो भी हीरो बन सकते हैं। [[1990]] में उन्होंने एक्टिंग का कोर्स भी किया, जिसके बाद उन्हें एक फ़िल्म 'आज' का ऑफर मिला, जब फ़िल्म रिलीज हुई तो पता चला कि उनका रोल सिर्फ 7 सेकेंड का था। इस फ़िल्म में हीरो का नाम था अक्षय। उसी वक्त राजीव भाटिया यानी अक्षय ने अपना बदलकर उस फ़िल्म के हीरो के नाम पर अक्षय रख लिया, तो इस तरह राजीव भाटिया, अक्षय कुमार बन गए। अक्षय अपना पोर्टफोलियो लेकर हर स्टूडियो के चक्कर लगा रहे थे, लेकिन कोई मायूसी की हाथ लग रही थी, उन्हीं दिनों अक्षय की मुलाकात मेकअप मैन नरेंद्र से हुई। नरेंद्र ने जब अक्षय को देखा तो उनका पोर्टफोलियो लेकर एक निर्देशक के पास गए और उसी दिन अक्षय की किस्मत बदल गई। उन्हें एक दिन 3 फ़िल्मों का ऑफर मिला और साथ में 5100 रुपए का साइनिंग अमाउंट भी। हीरो के तौर पर अक्षय को पहली फ़िल्म मिली सौगंध। उसके एक साल बाद अक्षय की फ़िल्म खिलाड़ी रिलीज हुई, जिस फ़िल्म ने सच में अक्षय को बॉलीवुड का खिलाड़ी बना दिया।<ref>{{cite web |url=http://hindi.news18.com/news/photo/akshay-kumar-biography-447792.html|title=‘वेटर’ से सुपरस्टार बनने की अक्षय कुमार की कहानी |accessmonthday=9 दिसंबर |accessyear=2016 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=news india |language=हिन्दी }}</ref>   
 
==फ़िल्मी कॅरियर==
 
==फ़िल्मी कॅरियर==
[[1991]] की फिल्म 'सौगंध' के साथ ही अक्षय कुमार ने [[बॉलीवुड]] में अपने अभिनय की शुरुआत की। फिर बाद में 1992 में उन्होंने एक सफल फिल्म खिलाडी में अभिनय किया। 1994 में उन्होंने अपनी पहली एक्शन फिल्म 'मैं खिलाड़ी तू अनाड़ी' और फिर 'मोहरा' में अभिनय किया, जो उस समय साल की सर्वश्रेष्ठ फिल्म भी मानी गयी थी। बाद में उन्होंने [[यश चोपड़ा]] की फिल्म ‘यह दिल्लगी’ की जिसकी सफलता ने उन्हें फिल्म जगत में शिखर पर पहुंचाया और इसी फिल्म के लिए फिल्मफेयर में बेस्ट एक्टर के लिए नामित किया गया था। बाद में इसी साल अक्षय ने दो सफल फिल्म 'सुहाग' और 'एलान' का निर्माण किया। 1995 में, उन्होंने एक हिट फिल्म 'सबसे बड़ा खिलाड़ी' में अभिनय किया। खिलाड़ी सीरीज की हर फिल्म ने उन्हें बड़ी सफलता दिलाई। बाद में 1996 में खिलाड़ी सीरीज की एक और फिल्म 'खिलाड़ियों का खिलाड़ी' की जो फिर से साल की सबसे सफल और हिट फिल्म बनी। 1997 में, अक्षय ने 'दिल तो पागल है' में सहायक कलाकार की भूमिका निभाई, जिसके लिए उनका नाम फिल्मफेयर के सर्वश्रेष्ठ सह-कलाकार की सूची में शामिल किया गया और बाद में खिलाड़ी सीरीज की एक और फिल्म 'मिस्टर & मिसेस खिलाड़ी' में उन्होंने हास्य-अभिनेता की भूमिका निभाई। 1999 में, उन्होंने दो फिल्म 'संघर्ष' और 'जानवर' की, जिन्होंने उस समय ज्यादा कमाई तो नहीं की लेकिन आलोचकों की नज़रों में सफल रही। साल 2000 में, उन्होंने अपनी कॅरियर की टर्निंग पॉइन्ट फिल्म 'हेरा फेरी' में अभिनय किया जिसे दर्शकों ने बहुत प्यार दिया। बाद में उसी साल इन्होंने एक रोमांटिक फिल्म 'धड़कन' की जो सफल रही। साल 2001 में, अक्षय कुमार ने पहली बार अजनबी फिल्म में विलेन (नेगेटिव किरदार) की भूमिका निभाई। उस फिल्म में उनके अभिनय के लिए बहुत तारीफ़ की गयी और इस लिए उन्हें फिल्मफेयर का बेस्ट विलेन का अवार्ड भी दिया गया। इसके बाद अक्षय कुछ ड्रामेटिक किरदार निभाने लगे। इस किरदार में वे 2001 की एक रिश्ता, 2002 की आँखें, 2005 की 'बेवफा' और 'वक़्त' जैसी फ़िल्में कीं। साल 2006 में, उन्होंने हेरा फेरी की सीरीज वाली 'फिर हेरा फेरी' में अभिनय किया। फिर हेरा फेरी को बॉक्स-ऑफिस पर एक बड़ी सफलता मिली। उसी साल के अंत में, उन्होंने एक और हास्य-फिल्म 'भागम भाग' की जिसे फिर से बड़ी सफलता मिली।  
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[[1991]] की फ़िल्म 'सौगंध' के साथ ही अक्षय कुमार ने [[बॉलीवुड]] में अपने अभिनय की शुरुआत की। फिर बाद में [[1992]] में उन्होंने एक सफल फ़िल्म खिलाडी में अभिनय किया। [[1994]] में उन्होंने अपनी पहली एक्शन फ़िल्म 'मैं खिलाड़ी तू अनाड़ी' और फिर 'मोहरा' में अभिनय किया, जो उस समय साल की सर्वश्रेष्ठ फ़िल्म भी मानी गयी थी। अक्षय की फ़िल्म 'मोहरा' एक ऐसी शानदार फ़िल्म साबित हुई जिसने अक्षय को आमजन के लिए मशहूर कर दिया और इसकी एक दूसरी वजह थी इस फ़िल्म का एक गाना 'तू चीज बड़ी है मस्त मस्त' जो युवाओं में कमाल का ट्रेंड बन गया था। उन्होंने [[यश चोपड़ा]] की फ़िल्म ‘यह दिल्लगी’ की जिसकी सफलता ने उन्हें फ़िल्म जगत् में शिखर पर पहुंचाया और इसी फ़िल्म के लिए फ़िल्मफेयर में बेस्ट एक्टर के लिए नामित किया गया था। बाद में इसी साल अक्षय ने दो सफल फ़िल्म 'सुहाग' और 'एलान' का निर्माण किया। [[1995]] में, उन्होंने एक हिट फ़िल्म 'सबसे बड़ा खिलाड़ी' में अभिनय किया। खिलाड़ी सीरीज की हर फ़िल्म ने उन्हें बड़ी सफलता दिलाई। बाद में [[1996]] में खिलाड़ी सीरीज की एक और फ़िल्म 'खिलाड़ियों का खिलाड़ी' की जो फिर से साल की सबसे सफल और हिट फ़िल्म बनी। [[1997]] में, अक्षय ने 'दिल तो पागल है' में सहायक कलाकार की भूमिका निभाई, जिसके लिए उनका नाम फ़िल्मफेयर के सर्वश्रेष्ठ सह-कलाकार की सूची में शामिल किया गया और बाद में खिलाड़ी सीरीज की एक और फ़िल्म 'मिस्टर & मिसेस खिलाड़ी' में उन्होंने हास्य-अभिनेता की भूमिका निभाई। [[1999]] में, उन्होंने दो फ़िल्म 'संघर्ष' और 'जानवर' की, जिन्होंने उस समय ज्यादा कमाई तो नहीं की लेकिन आलोचकों की नज़रों में सफल रही। साल [[2000]] में, उन्होंने अपनी कॅरियर की टर्निंग पॉइन्ट फ़िल्म 'हेरा फेरी' में अभिनय किया जिसे दर्शकों ने बहुत प्यार दिया। बाद में उसी साल इन्होंने एक रोमांटिक फ़िल्म 'धड़कन' की जो सफल रही। 'हेराफेरी' फ़िल्म में अक्षय की कमाल की भूमिका रही जिसमें उनकी हरकतों और पागलपंती ने दर्शकों को पेट फाड़ कर हंसने पर मजबूर कर दिया। इसके बाद लोगों को लगने लगा कि अक्षय न केवल एक्शन फ़िल्में कर सकते हैं बल्कि वो दूसरी फ़िल्में भी करने का दम रखते हैं। साल [[2001]] में, अक्षय कुमार ने पहली बार अजनबी फ़िल्म में विलेन (नेगेटिव किरदार) की भूमिका निभाई। उस फ़िल्म में उनके अभिनय के लिए बहुत तारीफ़ की गयी और इस लिए उन्हें फ़िल्मफेयर का बेस्ट विलेन का अवार्ड भी दिया गया। इसके बाद अक्षय कुछ ड्रामेटिक किरदार निभाने लगे। इस किरदार में वे [[2001]] की एक रिश्ता, [[2002]] की आँखें, [[2005]] की 'बेवफा' और 'वक़्त' जैसी फ़िल्में कीं। साल [[2006]] में, उन्होंने हेरा फेरी की सीरीज वाली 'फिर हेरा फेरी' में अभिनय किया। फिर हेरा फेरी को बॉक्स-ऑफिस पर एक बड़ी सफलता मिली। उसी साल के अंत में, उन्होंने एक और हास्य-फ़िल्म 'भागम भाग' की जिसे फिर से बड़ी सफलता मिली।  
====साल 2007 के बाद हुए सुपरस्टार====
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====वर्ष 2007 के बाद हुए सुपरस्टार====
साल 2007 में, उन्होंने लगातार चार सफल फिल्में नमस्ते लंदन, हे बेबी, भूल भुलैया, वेलकम की जिसे बॉक्स-ऑफिस पर कमाल की सफलता मिली और तभी से उनकी फिल्मों को ब्लॉकबस्टर का शीर्षक दिया गया। इस साल के बाद से ही अक्षय कुमार का नाम बॉलीवुड के सुपरस्टारों के साथ गिना जाने लगा। 2008 में अक्षय फिर अपनी नयी फिल्म 'सिंह इज किंग' लेकर आये, जिसे दोबारा दर्शकों का मनचाहा प्रतिसाद मिला। इसी साल अक्षय कुमार ने छोटी स्क्रीन पे आने का भी निर्णय किया और एक टीवी शो 'खतरों के खिलाडी' को होस्ट किया।
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वर्ष [[2007]] अक्षय कुमार के लिए उनके कैरियर का इंडस्ट्री में सबसे ज्यादा सफल वर्ष रहा और बॉक्स ऑफिस विश्लेषकों के अनुसार “शायद एक अभिनेता के लिए चार सीधे हिट और बिना किसी फ्लॉप के शानदार वर्ष रहा।" उनकी पहली रिलीज, नमस्ते लंदन, आलोचनात्मक दृष्टि व कामर्शियल दृष्टि से सफल रही। आलोचक तरण आदर्श ने फ़िल्म में उनके प्रदर्शन के बारे लिखा कि “वे निश्चित रूप से फ़िल्म देखने वाले लाखों दर्शकों का मन अपनी इस फ़िल्म के जरिये लेंगे।” उनकी दो अगली रिलीज 'हे बेबी' और 'भूल भुलैया' दोनों बॉक्स ऑफिस पर सुपरहिट हुई। इस वर्ष का अक्षय कुमार के लिए आखिरी रिलीज “वेलकम” थी जिसने बॉक्स ऑफिस पर ब्लोकबस्टर प्रदर्शन किया जिससे अक्षय कुमार पांचवीं लगातार हिट फ़िल्म देने वाले हीरो बन गए, क्योंकि नमस्ते लंदन से पहले पिछली साल इनकी आखिरी फ़िल्म 'भागमभाग' थी जो सुपर हिट रही थी। वर्ष 2007 में कुमार की जितनी भी फ़िल्में रिलीज हुई सभी ने विदेशी बाज़ार में भी अच्छा प्रदर्शन किया। अक्षय कुमार ने सन् [[2008]] में अपना होम प्रोडक्शन खोला जिसका नाम अपने [[पिता]] के नाम पर 'हरी ओम प्रोडक्शंस' रखा।
==कई हिरोइनों के साथ जुड़ा नाम==
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====कई हिरोइनों के साथ जुड़ा नाम====
अक्षय कुमार का नाम कई हिरोइनों के साथ भी जुड़ा। रवीना टंडन और शिल्पा शेट्ठी के साथ रिश्तों को लेकर कई खबरें उस दौर के अखबारों और फिल्मी पत्रिकाओं की सुर्खियां बनीं। 2001 में अक्षय कुमार ने [[राजेश खन्ना]] की पुत्री एवं अभिनेत्री ट्विंकल खन्ना से शादी कर ली।
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[[चित्र:Akshay-Kumar-Twinkle-Khanna.jpg|thumb|अक्षय कुमार और ट्विंकल खन्ना]]
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अक्षय कुमार का नाम कई हिरोइनों के साथ भी जुड़ा। रवीना टंडन और शिल्पा शेट्टी के साथ रिश्तों को लेकर कई खबरें उस दौर के अखबारों और फ़िल्मी पत्रिकाओं की सुर्खियां बनीं। 2001 में अक्षय कुमार ने अभिनेत्री ट्विंकल खन्ना से शादी कर ली। अक्षय कुमार ने जिस ट्विंकल खन्ना से शादी की है वो [[राजेश खन्ना]] की बेटी हैं और उन पुराने दिनों की बात करें तो राजेश खन्ना ने जब घोषणा की कि वो 'जय शिव शंकर' फ़िल्म बनाने वाले है और उसमे जितेन्द्र और डिंपल कपाडिया को लिया गया है और एक युवा अभिनेता की उन्हें तलाश है तो अक्षय कुमार उनके पास काम मांगने के लिए गये थे लेकिन बहुत देर के इन्तजार के बाद भी क्योंकि राजेश उस समय पहले से आये हुए लड़कों से इंटरव्यू ले रहे थे और उसके बाद देर हो जाने की वजह से उनका नंबर नहीं आया लेकिन उस समय शायद ही किसी ने सोचा होगा कि अक्षय अपनी मेहनत से इस मुकाम तक पहुंचेंगे कि एक दिन स्टार बनेंगे और उन्हीं राजेश खन्ना के दामाद बनेंगे।
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====रोचक बातें====
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* अक्षय कुमार का असली नाम राजीव भाटिया है। वह आर्मी अफसर हरिओम भाटिया के बेटे हैं। अक्षय कुमार के होम प्रोडक्शन का नाम भी उनके पिता के नाम पर है- हरिओम प्रोडक्शंस। 
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* अक्षय को बचपन से ही मार्शल आर्ट्स और तायकांडो का शौक था। वह तायकांडो में ब्लैक बेल्ट से सम्मानित भी किये जा चुके हैं। उन्होंने बैंकॉक में मुए थाई भी सीखा है।
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* अक्षय कुमार फिल्म अभिनेता बनने से पहले बैंकॉक में वेटर और कुक का काम करते थे। 
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* अक्षय कुमार [[हिंदी सिनेमा]] का प्रसिद्ध नाम हैं, लेकिन वह इसका शो ऑफ़ कभी भी पब्लिकली नहीं करते, वो यही चीज अपने बच्चों को बताते हैं। इतना ही नहीं जब उन्होंने अपनी बेटी नितारा का एडमिशन प्ले स्कूल में कराया था तो आम मां-बाप की तरह उन्होंने भी लाइन में लगकर अपनी बारी की प्रतीक्षा की थी।
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* अक्षय कुमार के पास पैसे की कमी नहीं है लेकिन वह महीने में सिर्फ पांच से दस हज़ार ही खर्च करते हैं। 
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* अक्षय कुमार शाम 7 बजे से पहले अपना डिनर करते हैं। उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा, कि 7 बजे के आपकी शरीर कैलोरी को बर्न नहीं करती। मैं सुबह भी जल्दी उठता हूँ ताकि अपने रूटीन को फॉलो कर सकूँ। 
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* अक्षय कुमार ने अपने फ़िल्मी करियर में अब तक क़रीबन आठ फिल्मों में विजय और सात फिल्मों में राज का किरदार निभाया है।
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* कलर्स टीवी का शो 'खतरों के खिलाड़ी' होस्ट करने के अलावा वह नेशनल जियोग्राफिक चैनल के लिए मार्शल आर्ट्स डॉक्यूमेंट्री  'सेवन डेडली आर्ट्स विद अक्षय कुमार' भी होस्ट कर चुके हैं।
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* हिंदी सिनेमा में अक्षय का दूसरा नाम एक्शन खिलाड़ी है उसके पीछे भी एक कारण हैं। दरअसल हिंदी सिनेमा में अक्षय ने क़रीबन आठ फ़िल्में की हैं जो खिलाड़ी नाम से हैं- खिलाड़ी, मैं खिलाड़ी तू अनाड़ी, खिलाड़ियों का खिलाड़ी, इंटरनेशनल खिलाड़ी, सबसे बड़ा खिलाड़ी, मिस्टर एंड मिसेज खिलाड़ी, खिलाड़ी 420, खिलाड़ी 786।
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* एक्शन खिलाड़ी की तरह अक्षय कुमार ने हिंदी सिनेमा की कई फिल्मों में पुलिस अफसर की भूमिका अदा की है- कायदा कानून, मोहरा, मैं खिलाड़ी तू अनाड़ी, पांडव, सबसे बड़ा खिलाड़ी, तू चोर मैं सिपाही, इंसाफ, दावा, तराजू, अंगारे, मेरी बीवी का जवाब नहीं, खाकी, पुलिस फ़ोर्स, आन-मेन ऐट वर्क, राउडी राठौर।<ref>{{cite web |url=http://hindi.filmibeat.com/celebs/akshay-kumar/biography.html|title=अक्षय कुमार |accessmonthday=11 दिसंबर |accessyear=2016 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=हिन्दी फ़िल्मी बीट |language=हिन्दी}}</ref>
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==सम्मान एवं पुरस्कार==
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* फ़िल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ खलनायक- 'अज़नबी' ([[2002]])
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* फ़िल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ हास्य अभिनेता- 'गरम मसाला' ([[2005]])
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* [[भारत सरकार]] द्वारा [[पद्मश्री]] ([[2009]])
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* [[बॉलीवुड]] में उत्कृष्ट उपलब्धियाँ पाने के लिए राजीव गांधी पुरस्कार ([[2004]])
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==सकारात्मक सोच के धनी==
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अक्षय के अनुसार उन्होंने कभी नहीं सोचा था वो एक स्टार बनेंगे और चूँकि वो मुम्बई अपने मार्शल आर्ट्स को पेशा बनाने के लिए आये थे लेकिन किसी की सलाह पर उन्होंने अपना ध्यान मोडलिंग में लगाया और जब सफल मॉडल बने तो उन्हें फ़िल्मों में काम करने के लिए बारे में भी आईडिया आया और पंजाबी बॉय होने के साथ साथ अक्षय अपनी फॅमिली को भी बहुत मानते हैं। उनके अनुसार दिन की शुरुआत अपने माता पिता के चरणों को छूकर ही करनी चाहिए और ऐसा जो करता है सफलता उसके कदम चूमती है। अक्षय मानते हैं कि ज़िन्दगी में जो कुछ भी होता है सब अच्छे के लिए होता है बशर्ते आपका उस चीज के लिए नजरिया सकारात्मक हो और यह मानने के पीछे भी अक्षय एक याद को ताजा करते हुए कहते हैं कि एक बार उन्हें मॉडलिंग के सिलसिले में बंगलौर जाना था और ऐसे में फ्लाइट का समय सुबह का सात बजे का था लेकिन अक्षय ने इसे शाम का सात बजे समझ लिया और इसी चक्कर में सुबह उठने के बाद जब वर्कआउट करने लगे तो फ़ोन आता है कि आपने फ्लाइट मिस कर दी है क्योंकि वो सुबह की थी न कि शाम की और शाम में जब मैं मॉडल के काम के सिलसिले में किसी को अपनी फोटो दिखाने के लिए गया तो प्रमोद जी ने मुझे एक फ़िल्म ऑफर की और पांच हजार का चेक मेरे हाथ में दे दिया और मुझे उसी समय देखने पर ख्याल आया कि अगर मैंने वो फ्लाइट ली होती तो शायद ही मैं आज एक्टिंग करने के लिए ऑफर किया जाता। इसी बात को याद करते हुए अक्षय कई मौकों पर कहते हुए दिख जाते हैं कि हम असल में कुछ खास नहीं करते हैं क्योंकि भगवान् ही सबसे बड़ा स्क्रिप्ट राइटर है कभी कभी वो कमाल कर देता है।<ref>{{cite web |url=http://www.hindibiography.org/actors/akshay-kumar/|title=अभिनेता अक्षय कुमार की ज़िन्दगी के बारे में जानिए |accessmonthday= 9 दिसंबर |accessyear=2016 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=हिन्दी बायोग्राफी|language=हिन्दी }}</ref>
  
 
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==बाहरी कड़ियाँ==
 
==बाहरी कड़ियाँ==
*[http://hindi.news18.com/news/photo/akshay-kumar-biography-447792.html व्यक्ति विशेष: ‘वेटर’ से सुपरस्टार बनने की अक्षय कुमार की कहानी]
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*[http://www.imdb.com/name/nm0474774/ Akshay Kumar (IMDB)]
*[http://www.imdb.com/name/nm0474774/ Akshay Kumar]
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*[https://www.facebook.com/akshaykumarofficial Akshay Kumar (Facebook)]
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*[https://twitter.com/akshaykumar Akshay Kumar (twitter)]
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*[http://achhigyan.com/akshay-kumar-story-in-hindi/ अक्षय कुमार की कहानी]
 
==संबंधित लेख==
 
==संबंधित लेख==
 
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06:12, 9 सितम्बर 2018 के समय का अवतरण

Disamb2.jpg अक्षय कुमार एक बहुविकल्पी शब्द है अन्य अर्थों के लिए देखें:- अक्षय कुमार (बहुविकल्पी)
अक्षय कुमार
अक्षय कुमार
पूरा नाम राजीव हरिओम भाटिया
प्रसिद्ध नाम अक्षय कुमार
अन्य नाम अक्की, खिलाड़ी कुमार
जन्म 9 सितम्बर, 1967
जन्म भूमि अमृतसर, पंजाब
अभिभावक हरिओम भाटिया और अरुणा भाटिया
पति/पत्नी ट्विंकल खन्ना
संतान पुत्र- आरव, पुत्री- नितारा
कर्म भूमि मुम्बई, महाराष्ट्र
कर्म-क्षेत्र अभिनेता, फ़िल्म निर्माता
मुख्य फ़िल्में 'खिलाड़ी', 'मोहरा', 'ये दिल्लगी', 'एलान', 'खिलाड़ियों का खिलाड़ी', 'मैं खिलाड़ी तू अनाड़ी', 'अजनबी', 'धड़कन', 'जानवर', 'हेराफेरी', 'मुझसे शादी करोगी', 'गरम मसाला', 'भागमभाग', 'वेलकम', 'भूलभूलैया', 'नमस्ते लंदन', 'सिंह इज किंग', 'राउडी राठौड़', 'बेबी', 'होलीडे', 'स्पेशल छब्बीस', 'एयरलिफ्ट' आदि।
पुरस्कार-उपाधि 'पद्म श्री' (2009), फ़िल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ खलनायक- 'अज़नबी' (2002) और फ़िल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ हास्य अभिनेता- 'गरम मसाला' (2005)
नागरिकता भारतीय
अन्य जानकारी वर्ष 2015 में अमरीकन बिज़नेस पत्रिका 'फोर्ब्स' के अनुसार विश्व में सबसे ज़्यादा फीस पाने वाले अभिनेताओं की सूची में अक्षय कुमार 9वें नंबर पर हैं।[1] अक्षय कुमार को फ़िल्म ‘रुस्तम’ में उनकी बेहतरीन अदाकारी के लिए 64वें राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कारों में सर्वश्रेष्ठ अभिनेता चुना गया है।[2]
अद्यतन‎

अक्षय कुमार (अंग्रेज़ी: Akshay Kumar, मूल नाम: राजीव भाटिया, जन्म: 9 सितम्बर, 1967) बॉलीवुड के प्रसिद्ध फ़िल्म अभिनेता हैं। अक्षय कुमार 100 से अधिक हिन्दी फ़िल्मों में अभिनय कर चुके हैं। 90 के दशक में हिट एक्शन फ़िल्मों जैसे खिलाड़ी (1992), मोहरा (1994) और सबसे बड़ा खिलाड़ी (1995) में अभिनय करने के कारण, अक्षय कुमार को बॉलीवुड का एक्शन हीरो की संज्ञा दी जाती थी और विशेषतः ये "खिलाड़ी श्रृंखला" के लिए जाने जाते हैं। इसलिए इन्हें खिलाड़ी कुमार भी कहा जाता है। कई बार फ़िल्मफेयर पुरस्कारों में नामित होने के अतिरिक्त दो बार फ़िल्मफेयर पुरस्कार [सर्वश्रेष्ठ खलनायक- अज़नबी (2002) और सर्वश्रेष्ठ हास्य अभिनेता 'गरम मसाला' (2005)] ले चुके हैं। वर्ष 2009 में भारत सरकार द्वारा पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित हैं। वर्ष 2015 में अमरीकन बिज़नेस पत्रिका 'फोर्ब्स' के अनुसार विश्व में सबसे ज़्यादा फीस पाने वाले अभिनेताओं की सूची में अक्षय कुमार 9वें नंबर पर हैं।[1] अक्षय कुमार को फ़िल्म ‘रुस्तम’ में उनकी बेहतरीन अदाकारी के लिए 64वें राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कारों में सर्वश्रेष्ठ अभिनेता चुना गया है।[2]

जीवन परिचय

अक्षय कुमार का असली नाम राजीव भाटिया है। उनका जन्म पंजाब के अमृतसर में 9 सितंबर, 1967 को हुआ था, उनके पिता सरकारी नौकरी में थे। अक्षय का बचपन दिल्ली के चांदनी चौक गलियों में बीता। अक्षय ने अपनी पढ़ाई डोन बोस्को स्कूल और खालसा कॉलेज से की है। अक्षय को बचपन से ही स्पोटर्स का काफ़ी शौक था, मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग के लिए अक्षय बैंकॉक गए और वहां उन्हें शेफ की नौकरी मिल गई। हालांकि उनका सपना था आर्मी में या नेवी में जाने का। अभिनय के बारे में तो अक्षय ने कभी सोचा भी नहीं था। अक्षय ने खाना बनाने से लेकर कार्ड बेचने तक का काम किया। अपनी ज़रूरत पूरी करने के लिए उन्होंने कई छोटे काम भी किए। बैंकॉक से काम की तलाश में अक्षय को बांग्लादेश भी जाना पड़ा, वहां से कोलकाता जाकर अक्षय ने एक ट्रेवल एंजेसी में भी काम किया। कोलकाता से अक्षय मुंबई पहुंचे जहां वो कुंदन के गहने बेचने लगे।

'अक्षय' नाम

मुंबई में अक्षय मशहूर फोटोग्राफर जयेश के पास गए और उनको अपना असिटेंट बनाने के लिए कहा। अक्षय जयेश की मदद के लिए लाइट उठाने तक का काम करने लगे। काम के दौरान वो मशहूर अभिनेता गोविंदा की कुछ फोटोज उन्हें देने गए। उस वक्त गोविंदा अक्षय को देखकर कहा कि तू हीरो क्यों नहीं बनता, ये सुनकर अक्षय के दिल में ये बात घर कर गई कि वो भी हीरो बन सकते हैं। 1990 में उन्होंने एक्टिंग का कोर्स भी किया, जिसके बाद उन्हें एक फ़िल्म 'आज' का ऑफर मिला, जब फ़िल्म रिलीज हुई तो पता चला कि उनका रोल सिर्फ 7 सेकेंड का था। इस फ़िल्म में हीरो का नाम था अक्षय। उसी वक्त राजीव भाटिया यानी अक्षय ने अपना बदलकर उस फ़िल्म के हीरो के नाम पर अक्षय रख लिया, तो इस तरह राजीव भाटिया, अक्षय कुमार बन गए। अक्षय अपना पोर्टफोलियो लेकर हर स्टूडियो के चक्कर लगा रहे थे, लेकिन कोई मायूसी की हाथ लग रही थी, उन्हीं दिनों अक्षय की मुलाकात मेकअप मैन नरेंद्र से हुई। नरेंद्र ने जब अक्षय को देखा तो उनका पोर्टफोलियो लेकर एक निर्देशक के पास गए और उसी दिन अक्षय की किस्मत बदल गई। उन्हें एक दिन 3 फ़िल्मों का ऑफर मिला और साथ में 5100 रुपए का साइनिंग अमाउंट भी। हीरो के तौर पर अक्षय को पहली फ़िल्म मिली सौगंध। उसके एक साल बाद अक्षय की फ़िल्म खिलाड़ी रिलीज हुई, जिस फ़िल्म ने सच में अक्षय को बॉलीवुड का खिलाड़ी बना दिया।[3]

फ़िल्मी कॅरियर

1991 की फ़िल्म 'सौगंध' के साथ ही अक्षय कुमार ने बॉलीवुड में अपने अभिनय की शुरुआत की। फिर बाद में 1992 में उन्होंने एक सफल फ़िल्म खिलाडी में अभिनय किया। 1994 में उन्होंने अपनी पहली एक्शन फ़िल्म 'मैं खिलाड़ी तू अनाड़ी' और फिर 'मोहरा' में अभिनय किया, जो उस समय साल की सर्वश्रेष्ठ फ़िल्म भी मानी गयी थी। अक्षय की फ़िल्म 'मोहरा' एक ऐसी शानदार फ़िल्म साबित हुई जिसने अक्षय को आमजन के लिए मशहूर कर दिया और इसकी एक दूसरी वजह थी इस फ़िल्म का एक गाना 'तू चीज बड़ी है मस्त मस्त' जो युवाओं में कमाल का ट्रेंड बन गया था। उन्होंने यश चोपड़ा की फ़िल्म ‘यह दिल्लगी’ की जिसकी सफलता ने उन्हें फ़िल्म जगत् में शिखर पर पहुंचाया और इसी फ़िल्म के लिए फ़िल्मफेयर में बेस्ट एक्टर के लिए नामित किया गया था। बाद में इसी साल अक्षय ने दो सफल फ़िल्म 'सुहाग' और 'एलान' का निर्माण किया। 1995 में, उन्होंने एक हिट फ़िल्म 'सबसे बड़ा खिलाड़ी' में अभिनय किया। खिलाड़ी सीरीज की हर फ़िल्म ने उन्हें बड़ी सफलता दिलाई। बाद में 1996 में खिलाड़ी सीरीज की एक और फ़िल्म 'खिलाड़ियों का खिलाड़ी' की जो फिर से साल की सबसे सफल और हिट फ़िल्म बनी। 1997 में, अक्षय ने 'दिल तो पागल है' में सहायक कलाकार की भूमिका निभाई, जिसके लिए उनका नाम फ़िल्मफेयर के सर्वश्रेष्ठ सह-कलाकार की सूची में शामिल किया गया और बाद में खिलाड़ी सीरीज की एक और फ़िल्म 'मिस्टर & मिसेस खिलाड़ी' में उन्होंने हास्य-अभिनेता की भूमिका निभाई। 1999 में, उन्होंने दो फ़िल्म 'संघर्ष' और 'जानवर' की, जिन्होंने उस समय ज्यादा कमाई तो नहीं की लेकिन आलोचकों की नज़रों में सफल रही। साल 2000 में, उन्होंने अपनी कॅरियर की टर्निंग पॉइन्ट फ़िल्म 'हेरा फेरी' में अभिनय किया जिसे दर्शकों ने बहुत प्यार दिया। बाद में उसी साल इन्होंने एक रोमांटिक फ़िल्म 'धड़कन' की जो सफल रही। 'हेराफेरी' फ़िल्म में अक्षय की कमाल की भूमिका रही जिसमें उनकी हरकतों और पागलपंती ने दर्शकों को पेट फाड़ कर हंसने पर मजबूर कर दिया। इसके बाद लोगों को लगने लगा कि अक्षय न केवल एक्शन फ़िल्में कर सकते हैं बल्कि वो दूसरी फ़िल्में भी करने का दम रखते हैं। साल 2001 में, अक्षय कुमार ने पहली बार अजनबी फ़िल्म में विलेन (नेगेटिव किरदार) की भूमिका निभाई। उस फ़िल्म में उनके अभिनय के लिए बहुत तारीफ़ की गयी और इस लिए उन्हें फ़िल्मफेयर का बेस्ट विलेन का अवार्ड भी दिया गया। इसके बाद अक्षय कुछ ड्रामेटिक किरदार निभाने लगे। इस किरदार में वे 2001 की एक रिश्ता, 2002 की आँखें, 2005 की 'बेवफा' और 'वक़्त' जैसी फ़िल्में कीं। साल 2006 में, उन्होंने हेरा फेरी की सीरीज वाली 'फिर हेरा फेरी' में अभिनय किया। फिर हेरा फेरी को बॉक्स-ऑफिस पर एक बड़ी सफलता मिली। उसी साल के अंत में, उन्होंने एक और हास्य-फ़िल्म 'भागम भाग' की जिसे फिर से बड़ी सफलता मिली।

वर्ष 2007 के बाद हुए सुपरस्टार

वर्ष 2007 अक्षय कुमार के लिए उनके कैरियर का इंडस्ट्री में सबसे ज्यादा सफल वर्ष रहा और बॉक्स ऑफिस विश्लेषकों के अनुसार “शायद एक अभिनेता के लिए चार सीधे हिट और बिना किसी फ्लॉप के शानदार वर्ष रहा।" उनकी पहली रिलीज, नमस्ते लंदन, आलोचनात्मक दृष्टि व कामर्शियल दृष्टि से सफल रही। आलोचक तरण आदर्श ने फ़िल्म में उनके प्रदर्शन के बारे लिखा कि “वे निश्चित रूप से फ़िल्म देखने वाले लाखों दर्शकों का मन अपनी इस फ़िल्म के जरिये लेंगे।” उनकी दो अगली रिलीज 'हे बेबी' और 'भूल भुलैया' दोनों बॉक्स ऑफिस पर सुपरहिट हुई। इस वर्ष का अक्षय कुमार के लिए आखिरी रिलीज “वेलकम” थी जिसने बॉक्स ऑफिस पर ब्लोकबस्टर प्रदर्शन किया जिससे अक्षय कुमार पांचवीं लगातार हिट फ़िल्म देने वाले हीरो बन गए, क्योंकि नमस्ते लंदन से पहले पिछली साल इनकी आखिरी फ़िल्म 'भागमभाग' थी जो सुपर हिट रही थी। वर्ष 2007 में कुमार की जितनी भी फ़िल्में रिलीज हुई सभी ने विदेशी बाज़ार में भी अच्छा प्रदर्शन किया। अक्षय कुमार ने सन् 2008 में अपना होम प्रोडक्शन खोला जिसका नाम अपने पिता के नाम पर 'हरी ओम प्रोडक्शंस' रखा।

कई हिरोइनों के साथ जुड़ा नाम

अक्षय कुमार और ट्विंकल खन्ना

अक्षय कुमार का नाम कई हिरोइनों के साथ भी जुड़ा। रवीना टंडन और शिल्पा शेट्टी के साथ रिश्तों को लेकर कई खबरें उस दौर के अखबारों और फ़िल्मी पत्रिकाओं की सुर्खियां बनीं। 2001 में अक्षय कुमार ने अभिनेत्री ट्विंकल खन्ना से शादी कर ली। अक्षय कुमार ने जिस ट्विंकल खन्ना से शादी की है वो राजेश खन्ना की बेटी हैं और उन पुराने दिनों की बात करें तो राजेश खन्ना ने जब घोषणा की कि वो 'जय शिव शंकर' फ़िल्म बनाने वाले है और उसमे जितेन्द्र और डिंपल कपाडिया को लिया गया है और एक युवा अभिनेता की उन्हें तलाश है तो अक्षय कुमार उनके पास काम मांगने के लिए गये थे लेकिन बहुत देर के इन्तजार के बाद भी क्योंकि राजेश उस समय पहले से आये हुए लड़कों से इंटरव्यू ले रहे थे और उसके बाद देर हो जाने की वजह से उनका नंबर नहीं आया लेकिन उस समय शायद ही किसी ने सोचा होगा कि अक्षय अपनी मेहनत से इस मुकाम तक पहुंचेंगे कि एक दिन स्टार बनेंगे और उन्हीं राजेश खन्ना के दामाद बनेंगे।

रोचक बातें

  • अक्षय कुमार का असली नाम राजीव भाटिया है। वह आर्मी अफसर हरिओम भाटिया के बेटे हैं। अक्षय कुमार के होम प्रोडक्शन का नाम भी उनके पिता के नाम पर है- हरिओम प्रोडक्शंस।
  • अक्षय को बचपन से ही मार्शल आर्ट्स और तायकांडो का शौक था। वह तायकांडो में ब्लैक बेल्ट से सम्मानित भी किये जा चुके हैं। उन्होंने बैंकॉक में मुए थाई भी सीखा है।
  • अक्षय कुमार फिल्म अभिनेता बनने से पहले बैंकॉक में वेटर और कुक का काम करते थे।
  • अक्षय कुमार हिंदी सिनेमा का प्रसिद्ध नाम हैं, लेकिन वह इसका शो ऑफ़ कभी भी पब्लिकली नहीं करते, वो यही चीज अपने बच्चों को बताते हैं। इतना ही नहीं जब उन्होंने अपनी बेटी नितारा का एडमिशन प्ले स्कूल में कराया था तो आम मां-बाप की तरह उन्होंने भी लाइन में लगकर अपनी बारी की प्रतीक्षा की थी।
  • अक्षय कुमार के पास पैसे की कमी नहीं है लेकिन वह महीने में सिर्फ पांच से दस हज़ार ही खर्च करते हैं।
  • अक्षय कुमार शाम 7 बजे से पहले अपना डिनर करते हैं। उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा, कि 7 बजे के आपकी शरीर कैलोरी को बर्न नहीं करती। मैं सुबह भी जल्दी उठता हूँ ताकि अपने रूटीन को फॉलो कर सकूँ।
  • अक्षय कुमार ने अपने फ़िल्मी करियर में अब तक क़रीबन आठ फिल्मों में विजय और सात फिल्मों में राज का किरदार निभाया है।
  • कलर्स टीवी का शो 'खतरों के खिलाड़ी' होस्ट करने के अलावा वह नेशनल जियोग्राफिक चैनल के लिए मार्शल आर्ट्स डॉक्यूमेंट्री 'सेवन डेडली आर्ट्स विद अक्षय कुमार' भी होस्ट कर चुके हैं।
  • हिंदी सिनेमा में अक्षय का दूसरा नाम एक्शन खिलाड़ी है उसके पीछे भी एक कारण हैं। दरअसल हिंदी सिनेमा में अक्षय ने क़रीबन आठ फ़िल्में की हैं जो खिलाड़ी नाम से हैं- खिलाड़ी, मैं खिलाड़ी तू अनाड़ी, खिलाड़ियों का खिलाड़ी, इंटरनेशनल खिलाड़ी, सबसे बड़ा खिलाड़ी, मिस्टर एंड मिसेज खिलाड़ी, खिलाड़ी 420, खिलाड़ी 786।
  • एक्शन खिलाड़ी की तरह अक्षय कुमार ने हिंदी सिनेमा की कई फिल्मों में पुलिस अफसर की भूमिका अदा की है- कायदा कानून, मोहरा, मैं खिलाड़ी तू अनाड़ी, पांडव, सबसे बड़ा खिलाड़ी, तू चोर मैं सिपाही, इंसाफ, दावा, तराजू, अंगारे, मेरी बीवी का जवाब नहीं, खाकी, पुलिस फ़ोर्स, आन-मेन ऐट वर्क, राउडी राठौर।[4]

सम्मान एवं पुरस्कार

  • फ़िल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ खलनायक- 'अज़नबी' (2002)
  • फ़िल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ हास्य अभिनेता- 'गरम मसाला' (2005)
  • भारत सरकार द्वारा पद्मश्री (2009)
  • बॉलीवुड में उत्कृष्ट उपलब्धियाँ पाने के लिए राजीव गांधी पुरस्कार (2004)

सकारात्मक सोच के धनी

अक्षय के अनुसार उन्होंने कभी नहीं सोचा था वो एक स्टार बनेंगे और चूँकि वो मुम्बई अपने मार्शल आर्ट्स को पेशा बनाने के लिए आये थे लेकिन किसी की सलाह पर उन्होंने अपना ध्यान मोडलिंग में लगाया और जब सफल मॉडल बने तो उन्हें फ़िल्मों में काम करने के लिए बारे में भी आईडिया आया और पंजाबी बॉय होने के साथ साथ अक्षय अपनी फॅमिली को भी बहुत मानते हैं। उनके अनुसार दिन की शुरुआत अपने माता पिता के चरणों को छूकर ही करनी चाहिए और ऐसा जो करता है सफलता उसके कदम चूमती है। अक्षय मानते हैं कि ज़िन्दगी में जो कुछ भी होता है सब अच्छे के लिए होता है बशर्ते आपका उस चीज के लिए नजरिया सकारात्मक हो और यह मानने के पीछे भी अक्षय एक याद को ताजा करते हुए कहते हैं कि एक बार उन्हें मॉडलिंग के सिलसिले में बंगलौर जाना था और ऐसे में फ्लाइट का समय सुबह का सात बजे का था लेकिन अक्षय ने इसे शाम का सात बजे समझ लिया और इसी चक्कर में सुबह उठने के बाद जब वर्कआउट करने लगे तो फ़ोन आता है कि आपने फ्लाइट मिस कर दी है क्योंकि वो सुबह की थी न कि शाम की और शाम में जब मैं मॉडल के काम के सिलसिले में किसी को अपनी फोटो दिखाने के लिए गया तो प्रमोद जी ने मुझे एक फ़िल्म ऑफर की और पांच हजार का चेक मेरे हाथ में दे दिया और मुझे उसी समय देखने पर ख्याल आया कि अगर मैंने वो फ्लाइट ली होती तो शायद ही मैं आज एक्टिंग करने के लिए ऑफर किया जाता। इसी बात को याद करते हुए अक्षय कई मौकों पर कहते हुए दिख जाते हैं कि हम असल में कुछ खास नहीं करते हैं क्योंकि भगवान् ही सबसे बड़ा स्क्रिप्ट राइटर है कभी कभी वो कमाल कर देता है।[5]


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. 1.0 1.1 अभिनेता अक्षय कुमार की ज़िन्दगी के बारे में जानिए (अंग्रेज़ी) इंडियन एक्सप्रेस। अभिगमन तिथि: 9 दिसंबर, 2016।
  2. 2.0 2.1 रुस्तम के लिए अक्षय को मिला को राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार (हिन्दी) जनसत्ता। अभिगमन तिथि: 9 अप्रैल, 2017।
  3. ‘वेटर’ से सुपरस्टार बनने की अक्षय कुमार की कहानी (हिन्दी) news india। अभिगमन तिथि: 9 दिसंबर, 2016।
  4. अक्षय कुमार (हिन्दी) हिन्दी फ़िल्मी बीट। अभिगमन तिथि: 11 दिसंबर, 2016।
  5. अभिनेता अक्षय कुमार की ज़िन्दगी के बारे में जानिए (हिन्दी) हिन्दी बायोग्राफी। अभिगमन तिथि: 9 दिसंबर, 2016।

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