अजमेरी बोली

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अजमेरी बोली हिन्दी की पश्चिमी शाखा की एक बोली मारवाड़ी का ही विभेद है।

  • प्राचीन रियासत अजमेर मेरवाड़ा (मारवाड़) के पूर्वी भाग की बोली को 'ढूँढारी' भी कहा जाता है।
  • सन 1950 ई. तक एक पृथक् वर्ग का राज्य होने के कारण अजमेर की राजनीतिक पृथकता से एक पृथक् भाषा की कल्पना की जाती थी। इसकी पृथकता के जनक जॉर्ज अब्राहम ग्रियर्सन थे।
  • वास्तव में अजमेरी बोली मारवाड़ी से पृथक् कुछ नहीं है। आधुनिक औद्योगिकरण के प्रभाव से यह बोली खड़ी बोली से अत्यधिक प्रभावित होती जा रही है।[1]


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. अजमेरी बोली (हिन्दी)। । अभिगमन तिथि: 13 जून, 2014।

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